‘तस्करी’ का आरोप और अब FIR , धीरेंद्र शास्त्री विवाद ने पकड़ा तूल

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं लेकिन इस बार मामला धार्मिक कथा या चमत्कारों से नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर लगाए गए गंभीर आरोपों से जुड़ा है। डॉ. रविकांत ने धीरेंद्र शास्त्री पर ‘महिला तस्करी’ जैसे तीखे आरोप लगाते हुए एक पोस्ट साझा की, जिसके बाद विवाद ने तूल पकड़ लिया।

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Dhirendra Krishna Shastri
locationभारत
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calendar02 Dec 2025 03:30 AM
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बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं, लेकिन इस बार मामला धार्मिक कथा या चमत्कारों से नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर लगाए गए गंभीर आरोपों से जुड़ा है। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. रविकांत ने धीरेंद्र शास्त्री पर ‘महिला तस्करी’ जैसे तीखे आरोप लगाते हुए एक पोस्ट साझा की, जिसके बाद विवाद ने तूल पकड़ लिया।   Dhirendra Krishna Shastri

सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी

मामले की शुरुआत एक वायरल वीडियो से हुई, जिसमें एक एम्बुलेंस से कुछ महिलाओं के मिलने और उनके बागेश्वर धाम में कथित रूप से अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने की बात सामने आई थी। इसी वीडियो को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए प्रोफेसर रविकांत ने लिखा - नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित छोटा भाई धीरेंद्र शास्त्री धर्म की आड़ में महिला तस्करी कर रहा है। इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का तूफान आ गया और मामला तूल पकड़ता गया। बागेश्वर धाम समिति के सदस्य धीरेंद्र कुमार गौर ने छतरपुर के बमीठा थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(2) के तहत FIR दर्ज की गई।

यह भी पढ़े:यूपी में रक्षाबंधन पर महिलाओं को योगी सरकार का तोहफा, 3 दिन मिलेगी ये सुविधाधार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप

शिकायतकर्ता का कहना है कि प्रोफेसर की यह टिप्पणी न केवल धीरेंद्र शास्त्री की सामाजिक छवि को ठेस पहुंचाती है, बल्कि यह हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ भी मानी जा रही है। इस पूरे प्रकरण ने सोशल मीडिया से निकलकर कानूनी मोड़ ले लिया है। विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने भी एक्स पर एक वीडियो साझा किया। उन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सब एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा - हम जात-पात के भेदभाव के खिलाफ और सनातन धर्म की एकता के लिए कार्य कर रहे हैं। यही बात कुछ लोगों को खटक रही है। वे हमें रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम रुकने वाले नहीं हैं।

बाबा ने आगे कहा - हम हिंदू धर्म, हिंदुत्व और हिंदुस्तान की सेवा के लिए समर्पित हैं। हमारा जीवन सनातन परंपरा की रक्षा के लिए समर्पित है, और हम मरते दम तक इसी पथ पर चलेंगे। शास्त्री ने यह भी दावा किया कि आगामी 7 नवंबर से 16 नवंबर तक प्रस्तावित उनकी पदयात्रा को लेकर ही कुछ लोगों की बेचैनी बढ़ गई है, और इसी कारण ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं। Dhirendra Krishna Shastri

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चुनावी रण में तेजस्वी की राह मुश्किल ! वोटर कार्ड विवाद ने बढ़ाई टेंशन

तेजस्वी यादव ने प्रेस वार्ता के दौरान EC की वेबसाइट पर लाइव EPIC नंबर RAB2916120 डालकर दावा किया कि यह अब निष्क्रिय है। उन्होंने इसे साजिश बताते हुए आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया और सवाल उठाया कि जब उनका नाम ही वोटर लिस्ट में नहीं है तो वे आगामी चुनाव कैसे लड़ेंगे।

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Tejashwi Yadav
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 01:25 PM
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बिहार की राजनीति उस समय गरमा गई जब पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र (EPIC नंबर) रखने के आरोप सामने आए। इस मामले ने उस वक्त तूल पकड़ लिया जब तेजस्वी ने स्वयं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा किया कि उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में जिस वोटर आईडी (EPIC नंबर RAB2916120) से मतदान किया था, वह अब चुनाव आयोग की ताज़ा ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से नदारद है। जबकि आयोग के रिकॉर्ड में उनका नाम EPIC नंबर RAB0456228 के तहत दर्ज है। Tejashwi Yadav

चुनाव आयोग ने मांगा स्पष्टीकरण, नोटिस जारी 

राज्य में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान के बीच तेजस्वी यादव के इस दावे ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। चुनाव आयोग ने तत्काल संज्ञान लेते हुए उन्हें नोटिस जारी कर यह स्पष्ट करने को कहा है कि उनके पास दो मतदाता पहचान पत्र कैसे हैं। आयोग के अनुसार, दीघा विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 204 की मतदाता सूची में तेजस्वी का नाम EPIC नंबर RAB0456228 के साथ दर्ज है, जबकि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिस नंबर (RAB2916120) का हवाला दिया, वह रिकॉर्ड में कहीं नहीं पाया गया। Tejashwi Yadav

तेजस्वी के बयान से उलझा मामला

तेजस्वी यादव ने प्रेस वार्ता के दौरान EC की वेबसाइट पर लाइव EPIC नंबर RAB2916120 डालकर दावा किया कि यह अब निष्क्रिय है। उन्होंने इसे साजिश बताते हुए आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया और सवाल उठाया कि जब उनका नाम ही वोटर लिस्ट में नहीं है, तो वे आगामी चुनाव कैसे लड़ेंगे। वहीं बीजेपी और एनडीए के अन्य घटक दलों ने इस पूरे मामले को गंभीर चुनावी अनियमितता करार देते हुए तेजस्वी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। भाजपा नेताओं का कहना है कि किसी भी नागरिक के पास दो वोटर आईडी कार्ड होना कानूनन अपराध है और यदि यह सिद्ध होता है कि तेजस्वी ने जानबूझकर ऐसा किया, तो उनकी चुनावी योग्यता पर भी प्रश्नचिह्न लग सकता है।

यह भी पढ़े:लोनी एंडरसन का ‘लास्ट टेक’ , हॉलीवुड की हसीना ने दुनिया को कहा अलविदाक्या कहता है कानून?

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 17 और 18 के अनुसार, एक व्यक्ति का नाम एक से अधिक विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में नहीं हो सकता। वहीं धारा 31 के तहत, गलत जानकारी देना या फर्जी दस्तावेज के आधार पर नाम दर्ज कराना अपराध की श्रेणी में आता है, जिसकी सजा में जुर्माना या कारावास, या दोनों शामिल हो सकते हैं। यदि यह साबित होता है कि तेजस्वी ने एक से अधिक मतदाता पहचान पत्र बनवाए और उनमें से किसी का दुरुपयोग किया, तो न सिर्फ उनका वोटिंग अधिकार निलंबित हो सकता है, बल्कि उनकी उम्मीदवारी भी रद्द की जा सकती है।

चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि EPIC नंबर RAB2916120 बीते एक दशक के रिकॉर्ड में नहीं पाया गया है, जिससे इसकी वैधता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने तेजस्वी यादव से लिखित जवाब तलब किया है और जांच की औपचारिक शुरुआत कर दी है।

तेजस्वी के सामने क्या हैं विकल्प?

यदि तेजस्वी यह सिद्ध कर दें कि दूसरा वोटर कार्ड तकनीकी खामी, सिस्टम की त्रुटि या प्रशासनिक गलती के कारण उत्पन्न हुआ और उन्होंने उसका उपयोग नहीं किया, तो वे किसी हद तक कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं। हालांकि, उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया है कि उन्होंने इसी कार्ड से मतदान किया था, जिससे उनकी स्थिति और जटिल हो सकती है। Tejashwi Yadav

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दिशोम गुरु नहीं रहे ! झारखंड ने खोया अपना संघर्षशील सपूत

झारखंड के जन-जन की आवाज, आदिवासी चेतना के प्रतीक और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन का आज निधन हो गया। 81 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री ने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और उनकी स्थिति लगातार नाजुक बनी हुई थी।

Shibu Soren
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locationभारत
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calendar02 Dec 2025 01:43 AM
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झारखंड के जन-जन की आवाज, आदिवासी चेतना के प्रतीक और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का आज (सोमवार) को निधन हो गया। 81 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री ने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और उनकी स्थिति लगातार नाजुक बनी हुई थी। जुलाई में तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। शिबू सोरेन के निधन की खबर से झारखंड सहित पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके बेटे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भावुक श्रद्धांजलि देते हुए कहा - आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं... आज मैं शून्य हो गया हूं। Shibu Soren

जनआंदोलन से जननायक तक का सफर

11 जनवरी 1944 को हजारीबाग जिले के नेमरा गांव (तत्कालीन बिहार, अब झारखंड) में जन्मे शिबू सोरेन ने जीवन की शुरुआत एक किसान परिवार में की। लेकिन उनका जीवन केवल व्यक्तिगत सीमाओं में नहीं बंधा रहा।

शोषण, जमींदारी और आदिवासियों की जमीन पर कब्ज़े के खिलाफ उन्होंने 1970 के दशक में जो आवाज़ उठाई, वह जल्द ही जनांदोलन में बदल गई। ‘धनकटनी आंदोलन’ के माध्यम से उन्होंने स्थानीय प्रशासन और व्यवस्था को पहली बार आदिवासी आवाज़ सुनने को मजबूर किया।

यह भी पढ़े:पद छोटा, पर ठाट नवाबी ! MVI के पास से निकली हैरान कर देने वाली दौलतएक नेता जिसने आदिवासी अस्मिता को राजनीतिक पहचान दिलाई

शिबू सोरेन का नाम झारखंड राज्य निर्माण आंदोलन में मील के पत्थर की तरह दर्ज है। 1977 में उन्होंने पहली बार चुनावी राजनीति में कदम रखा। हार मिली, लेकिन उनका हौसला नहीं टूटा। 1980 से लगातार कई बार वे सांसद निर्वाचित हुए। उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में आदिवासियों की आवाज़ को मजबूती से रखा।वर्षों की लड़ाई और जनसंकल्प का ही परिणाम था कि झारखंड 2000 में एक अलग राज्य बना — और उस आंदोलन के सबसे बड़े सेनापति के रूप में शिबू सोरेन का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया। Shibu Soren