Mulayam Singh Yadav Death : राजकीय सम्मान के साथ होगा मुलायम सिंह का अंतिम संस्कार: योगी आदित्यनाथ

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CM Yogi Adityanath
locationभारत
userचेतना मंच
calendar10 Oct 2022 04:35 PM
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Mulayam Singh Yadav Death : लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुलायम सिंह यादव जी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह समेत कई नेताओं ने उन्हें याद करते हुए दुख जताया है।

Mulayam Singh Yadav Death :

मुलायम सिंह का अंतिम संस्कार सैफई में उनके पैतृक गांव में होगा। उन्हें धरती पुत्र के नाम से जाना जाता है। वह जमीन से जुड़े नेता थे, यही वजह है कि उनकी पहचान आमजन के नेता के तौर पर होती थी। वह लोगों की समस्याओं को करीब से समझते थे, यही वजह है कि वह एक लोकप्रिय नेता के तौर पर उभरे।

Breaking News : नहीं रहे नेताजी मुलायम सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव पिछले कई दिनों से बीमार थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुलायम सिंह से मिलने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, शरद यादव समेत कई दिग्गज नेता मेदांता अस्पताल पहुंचे थे। मेदांता के आईसीयू में मुलायम सिंह यादव का इलाज चल रहा था, लेकिन उन्हें कुछ खास स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल रहा था। अस्पताल की ओर से जो हेल्थ अपडेट दी जा रही थी, उसमें लगातार कहा जा रहा था कि मुलायम सिंह यादव की हालत बेहतर नहीं हो रही थी। मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के सबसे दिग्गज नेता के तौर पर याद किए जाएंगे। वह 8 बार उत्तर प्रदेश से विधायक रहे, संसद पहुंचे और तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को संभाला। वह न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि केंद्र की राजनीति में भी काफी सक्रिय थे। वह देश के रक्षामंत्री भी रहे।
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Mulayam Singh Yadav : इंदिरा गांधी को वंशवाद के लिए कोसने वाले मुलायम बाद में वंशवाद के प्रति लचीले हो गए

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Mulayam formed the Samajwadi Party after being upset with the infatuation of the son of Chaudhary Charan Singh.
locationभारत
userचेतना मंच
calendar10 Oct 2022 03:54 PM
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Mulayam Singh Yadav :

भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दिखाने वाले आधुनिक भारतीय राजनीति के नेताजी मुलायम सिंह यादव अपने अनूठे अंदाज को दूरदर्शिता के लिए जाने जाते थे। बेशक वह आज हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी यादें हमेशा हमारे साथ रहेगी। अपने 83वें जन्मदिन से कुछ ही सप्ताह पहले उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में दाखिल किया गया। लेकिन, लाख जतन के बाद भी उन्हें सकुशल घर नहीं लौट सके।

Mulayam Singh Yadav :

किशोरावस्था के बाद से ही उन्हें पहलवानी का शौक हो गया। उन्होेंने पहलवानी की और बाद में शिक्षक हो गए। मुलायम सिंह ने जीवन में हर धूप छांव देखी। कई दलों में रहे। कई बड़े नेताओं की शागिर्दी भी की, लेकिन उसके बाद अपना दल बनाया और यूपी पर एक दो बार नहीं, बल्कि तीन बार राज किया। यूपी की पॉलिटिक्स जिन धर्म और जाति के मुकामों की प्रयोगशाला से गुजरी, उसके एक कर्ताधर्ता मुलायम सिंह ही थे। उनके जानने वाले बताते हैं कि किस तरह लखनऊ में मुलायम सिंह यादव 80 के दशक में साइकिल से सवारी करते भी नजर आ जाते थे। कई बार साइकिल चलाते हुए अखबारों के आफिस और पत्रकारों के पास भी पहुंच जाया करते थे। तब उन्हें खांटी सादगी पसंद और जमीन से जुड़ा ऐसा नेता माना जाता था, जो लोहियावादी था, समाजवादी था, धर्मनिरपेक्षता की बातें करता था। हालांकि 80 के दशक में वह यादवों के नेता माने जाने लगे थे। किसान और गांव की बैकग्राउंड उन्हें किसानों से भी जोड़ रही थी। मुस्लिमों के पसंदीदा वह राम मंदिर आंदोलन के शुरुआती दिनों में बने। बहुत कम लोगों को याद होगा कि 80 के दशक तक अपने राजनीतिक गुरु चरण सिंह के साथ मिलकर वह इंदिरा गांधी को वंशवाद के लिए कोसने का कोई मौका छोड़ते भी नहीं थे। हालांकि बाद में धीरे धीरे वंशवाद के प्रति इतने लचीले होते गए कि खुद अपने बेटे और कुनबे को राजनीति में बडे़ पैमाने पर आगे बढ़ाने के लिए भी जाने गए। मुलायम सिंह यादव एक बार चौधरी चरण सिंह से तब वह क्षुब्ध हो गए थे, जब उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल में मुलायम सिंह यादव के जबरदस्त असर और पकड़ के बाद भी अमेरिका से लौटे अपने बेटे अजित सिंह को पार्टी की कमान देनी शुरू कर दी। बाद में इसी बिना पर चरण सिंह के निधन के बाद पार्टी टूटी और उसके एक धड़े की अगुवाई मुलायम सिंह करने लगे। 1992 में उन्होंने नई पार्टी बनाई, जिसे हम समाजवादी पार्टी के तौर पर जानते हैं, जिसका प्रतीक चिन्ह उन्होंने उसी साइकिल को बनाया, जिस पर कभी उन्होंने खूब सवारी की थी।
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Breaking News : नहीं रहे नेताजी मुलायम सिंह यादव

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Netaji Mulayam Singh Yadav is no more
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:07 AM
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Breaking News :

Gurugram : गुरुग्राम। भारतीय राजनीति के पुरोधा और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया। वह 82 साल के थे। मुलायम सिंह यूरिन इन्फेक्शन के चलते 26 सितंबर से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। 2 अक्टूबर को ऑक्सीजन लेवल कम होने के बाद उन्हें इंटेंसिव केयर यूनिट यानि आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। मेदांता प्रबंधन ने बताया था कि मुलायम सिंह को यूरिन में इन्फेक्शन के साथ ही ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ गई थी। स्थिति में सुधार नहीं होने पर डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया था। मुलायम सिंह यादव ने आज सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। 82 साल के मुलायम यूरिन इन्फेक्शन के चलते 26 सितंबर से मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल पर मुलायम के निधन की जानकारी दी। मुलायम की पार्थिव देह सैफई ले जाई जा रही है। मंगलवार को दोपहर 3 बजे उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

Breaking News :

22 नवंबर 1939 को सैफई में जन्मे मुलायम सिंह यादव की पढ़ाई-लिखाई इटावा, फतेहाबाद और आगरा में हुई। मुलायम कुछ दिन तक मैनपुरी के करहल में जैन इंटर कॉलेज में प्राध्यापक भी रहे। पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह की दो शादियां हुईं। पहली पत्नी मालती देवी का निधन मई 2003 में हो गया था। अखिघ्लेश यादव मुलायम की पहली पत्नी के ही बेटे हैं। उनके निधन पर राजनेताओं से लेकर आम लोगों तक ने दुख जताया है।