उत्तर प्रदेश के अधिकतर IAS तथा IPS अधिकारी हैं करोड़पति

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calendar02 Dec 2025 12:54 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के अधिकतर IAS तथा IPS अधिकारी करोड़पति हैं। मजेदार बात यह है कि प्रॉपर्टी के मामले में उत्तर प्रदेश के दो सबसे बड़े अधिकारी अपने से जूनियर IAS तथा IPS अफसरों से बहुत पीछे हैं। यह भी कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश के दोनों नंबर वन पोजीशन पर तैनात अफसर प्रदेश के छोटे छोटे अफसर से भी गरीब हैं। प्रॉपर्टी के मामले में उत्तर प्रदेश के अफसरों की पहली पसंद नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा है। UP News

उत्तर प्रदेश के किस अधिकारी के पास कितनी है प्रॉपर्टी

भारत सरकार ने देश के सभी IAS तथा IPS अधिकारियों के लिए उनकी प्रॉपर्टी की जानकारी देना अनिवार्य किया हुआ है । इसी अनिवार्यता के कारण उत्तर प्रदेश के सभी IAS तथा IPS अधिकारियों ने भारत सरकार को अपनी अपनी प्रॉपर्टी की जानकारी दे दी है। उत्तर प्रदेश कैडर के IAS तथा IPS अधिकारियों ने अपनी प्रॉपर्टी की जानकारी भारत सरकार के केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय DOPT को दे दी है। DOPT से मिली जानकारी से पता चला है कि उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े अधिकारी प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के पास मात्र सवा करोड़ रुपये मूल्य की प्रॉपर्टी है। उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया प्रदेश के DGP होते हैं। इन दिनों प्रदेश के DGP के पद पर आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार तैनात हैं। उत्तर प्रदेश के DGP के पास प्रॉपर्टी के नाम पर नोएडा में केवल एक फ्लैट है। UP News

उत्तर प्रदेश के चर्चित अधिकारी अभिषेक प्रकाश के पास है इतनी जमीन

उत्तर प्रदेश में तैनात चर्चित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने अपनी प्रॉपर्टी के नाम पर केवल 9 एकड़ कृषि भूमि का होना बताया है। भारत सरकार को दी गई जानकारी में हाल ही में निलंबित किए गए आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बिहार में 9 एकड़ कृषि भूमि होना बताया है। सबको पता है कि अभिषेक प्रकाश पर भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े आरोप हैं। संभावना यही है कि यह अभिषेक प्रकाश ने अपनी ज्यादातर प्रॉपर्टी को बेनामी प्रॉपर्टी के रूप में छुपा कर रखा है। उनके विरुद्ध एक दर्जन से अधिक जांच चल रही है सभी जांच भ्रष्टाचार के आरोपों की है। UP News

उत्तर प्रदेश के प्रमुख IAS तथा IPS अधिकारियों की प्रॉपर्टी

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के पास ग्रेटर नोएडा की एक सोसाइटी में एक फ्लैट है। वह फ्लैट उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वर्ष 2005 में 32 लख रुपये में खरीदा था। इन दिनों उनके फ्लैट की कुल कीमत सवा करोड़ रुपये हैं। इसके अलावा मनोज कुमार सिंह के पास कोई दूसरी निजी प्रॉपर्टी नहीं है। उत्तर प्रदेश कैडर के वर्ष 1987 बैच के आईएएस अधिकारी अरुण सिंघल इन दिनों भारत सरकार में तैनात हैं। अरुण सिंघल के पास प्रॉपर्टी के तौर पर देहरादून में 9 एकड़ जमीन तथा 346 वर्ग मीटर का एक मकान है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ तैनात अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल के पास ग्रेटर नोएडा में 500 वर्ग मीटर का प्लाट, लखनऊ में 450 वर्ग मीटर का प्लांट तथा गाजियाबाद में 1340 वर्ग मीटर का प्लाट है। वर्ष 1989 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी देवेश चतुवेर्दी के पास ग्रेटर नोएडा में 300 वर्ग मीटर के प्लाट पर बना हुआ मकान तथा इटावा में 283 हेक्टेयर कृषि भूमि है। उत्तर प्रदेश की वर्ष 1989 बस की आईएएस अधिकारी मोनिका एस गर्ग के पास लखनऊ तथा नोएडा में एक-एक मकान तथा पंजाब के फतेहगढ़ में कृषि भूमि है। उत्तर प्रदेश कैडर के वर्ष 1990 बैच के आईएएस अधिकारी दीपक कुमार 4 हेक्टेयर कृषि भूमि तथा नोएडा में 3 करोड़ रुपये मूल्य के दो बंगले हैं। उत्तर प्रदेश के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी जितेंद्र कुमार के पास लखनऊ में 5 करोड़ रुपये मूल्य का बंगाल तथा बिहार में 2 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन है। उत्तर प्रदेश में 1992 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव के पास लखनऊ तथा नोएडा में एक-एक बंगला तथा बहराइच में 6 हेक्टेयर जमीन है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश के ज्यादातर आईएएस तथा आईपीएस अधिकारियों के पास अलग-अलग शहरों में बंगले मकान फ्लैट तथा कृषि भूमि मौजूद हैं। UP News

उत्तर प्रदेश के इन अधिकारीयों की प्रॉपर्टी को भी जान लीजिए

उत्तर प्रदेश के 1995 बैच के आईएएस अधिकारी आशीष गोयल के पास नोएडा में दो प्लाट, जयपुर में एक प्लाट तथा मथुरा में 0396 हेक्टेयर जमीन है। उत्तर प्रदेश के 1995 बैच के आईएएस अधिकारी संजय प्रसाद के पास लखनऊ में एक फ्लैट तथा उत्तराखंड के अल्मोड़ा में 0.005 हैक्टेयर जमीन है। उत्तर प्रदेश कैडर के 1995 बैच के आईएएस अधिकारी अमृत अभिजात के पास ग्रेटर नोएडा शहर में 500 वर्ग मीटर का प्लाट तथा राजस्थान के जयपुर में एक प्लाट है। उत्तर प्रदेश में तैनात वर्ष 1989 की बैच के आईपीएस अधिकारी पीवी रामाशास्त्री के पास कोई भी प्रॉपर्टी नहीं है। उत्तर प्रदेश के वर्ष 1996 बैच की आईपीएस अधिकारी अमिताभ यश के पास बिहार में पुश्तैनी जमीन तथा लखनऊ में एक मकान है। उत्तर प्रदेश के वर्ष 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण के पास लखनऊ में एक घर, नोएडा में प्लांट तथा बिजनौर में कृषि भूमि है। आप उत्तर प्रदेश के सभी अधिकारियों की प्रॉपर्टी जानना चाहते हैं तो भारत सरकार के डीओपीटी विभाग में पूरा विवरण प्राप्त कर सकते हैं। UP News

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बड़ी राहत : यूपी के स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की बंपर भर्ती होगी

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locationभारत
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calendar28 Nov 2025 10:35 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती से जुड़ी यह खबर प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए एक बड़ी राहत और अवसर लेकर आई है। राज्य के 4512 सहायता प्राप्त हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में शिक्षकों के 13,206 खाली पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को अब और एकरूप, पारदर्शी और सुव्यवस्थित किया जाएगा।

भर्ती प्रक्रिया में प्रमुख बदलाव :

1. राजकीय विद्यालयों की चयन नियमावली लागू : अब सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रशिक्षित स्नातक और प्रवक्ता की नियुक्ति राजकीय विद्यालयों की एलटी ग्रेड और प्रवक्ता नियमावली के अनुसार होगी। इससे भर्ती प्रक्रिया में एकरूपता आएगी और अभ्यर्थियों के बीच का भ्रम खत्म होगा। 2. भर्ती की संख्या : - राजकीय विद्यालयों में : 9043 पदों पर भर्ती होगी। - 7385 पद सहायक अध्यापक महिला : 2525, पुरुष : 4860 - 1658 पद प्रवक्ता - सहायता प्राप्त विद्यालयों में : 4163 पदों पर भर्ती होगी। -टीजीटी 3539 पद -पीजीटी 624 पद 3. नई चयन एजेंसी का गठन : सहायता प्राप्त स्कूलों की भर्ती के लिए एक नया आयोग गठित किया गया है, जो इन परीक्षाओं को संचालित करेगा।

पिछली भर्ती की समस्याएं :

- विषय चयन में विसंगति : हाईस्कूल स्तर पर जीव विज्ञान जैसे विषयों को न पढ़ाए जाने के बावजूद उस विषय में भर्ती की गई, जिससे कोर्ट में कई याचिकाएं पहुंचीं। - पारदर्शिता की कमी : पुराने नियमों में अस्पष्टता के चलते भर्ती प्रक्रिया विवादास्पद रही।

अब क्या हो रहा है?

- यूपी बोर्ड ने शासन को प्रस्ताव भेजा है कि नई नियमावली के तहत ही टीजीटी-पीजीटी भर्ती हो। - शासन से मंजूरी मिलते ही उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग को जानकारी भेजी जाएगी और प्रक्रिया शुरू होगी।

आपके लिए क्या जरूरी है?  

अगर आप टीजीटी या पीजीटी बनने का सपना देख रहे हैं : - एलटी ग्रेड / प्रवक्ता नियमावली को अच्छे से पढ़ें। - योग्यता और विषय चयन की सही जानकारी लें। - नवगठित आयोग की वेबसाइट पर नजर रखें ताकि आवेदन शुरू होते ही आप मौका न चूकें। UP News

उत्तर प्रदेश में बदला मौसम का मिजाज, तेज बारिश और आंधी  

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उत्तर प्रदेश में धमाके करना चाहता था तहव्वुर राणा

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UP News
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 06:33 AM
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UP News : कुख्यात आतंकवादी तहव्वुर राणा उत्तर प्रदेश में बड़े धमाके करना चाहता था। तहव्वुर राणा से की जा रही है पूछताछ में उत्तर प्रदेश का एंगल भी सामने आया है राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA का दावा है कि तहव्वुर राणा तथा उसके आका मुंबई अटैक की तरह से ही उत्तर प्रदेश में भी अटैक करने की योजना बना रहे थे। तहव्वुर राणा ने नवंबर 2008 में उत्तर प्रदेश के शहरों में रेकी करने का काम किया था तहव्वुर राणा की वह घटिया योजना कामयाब हो जाती तो मुंबई में हुए 26/11 की तरह से ही उत्तर प्रदेश में भी धमाके हो जाते।

उत्तर प्रदेश से भी जुड़े हुए हैं आतंकवादी तहव्वुर राणा के तार

भारत की प्रसिद्ध जांच एजेंसी एनआईए ने बहुत बड़ा खुलासा किया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए का दावा है कि कुख्यात आतंकवादी तहव्वुर राणा के तार उत्तर प्रदेश के साथ भी जुड़े हुए हैं। उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों को भी दरिंदा तहव्वुर राणा अपना निशाना बनाना चाहता था। कुख्यात आतंकवादी तहव्वुर राणा तथा उसके आकाओं की साजिश पूरी हो जाती तो मुंबई में हुए 26/11 जैसे ही धमाके उत्तर प्रदेश में भी हो सकते थे। NIA ने दावा किया है कि तहव्वुर राणा ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में भी रेकी की थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA भारत की प्रसिद्ध जांच एजेंसी है। कुख्यात आतंकी राणा को NIA की टीम अमेरिका से भारत लाई है। भारत में लाने के बाद एनआईए तहव्वुर राणा से लगातार पूछताछ कर रही है। NIA की पूछताछ में तहव्वुर राणा के तार उत्तर प्रदेश से जुड़े होने का खुलासा हुआ है। NIA के सूत्रों ने बताया कि मुंबई के 26/11 अटैक से पहले आतंकी तहव्वुर राणा ने उत्तर प्रदेश के आगरा तथा हापुड़ शहर में भी रैली की थी। आतंकवादियों की साजिश उत्तर प्रदेश में भी मुंबई के 26/11 जैसा ही बड़ा कांड करने की योजना थी। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने तहव्वुर राणा को 18 दिनों के लिए एनआईए की डिमांड में सौंपा है। रिमाड के दौरान शुरू हुई पूछताछ में पता चला है कि तहव्वुर राणा न्यू उत्तर प्रदेश के आगरा तथा हापुड़ शहरों में अपनी पत्नी समराज अख्तर के साथ मिलकर रेकी की थी। तहव्वुर राणा 13 नवंबर 2008 से लेकर 21 नवंबर 2008 तक उत्तर प्रदेश में रहा था। NIA को पूरा शक है कि राणा तथा उसके आका उत्तर प्रदेश को भी अपना निशाना बनाना चाहते थे। UP News

उत्तर प्रदेश में  भी होगी तहव्वुर राणा से पूछताछ

राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA तहव्वुर राणा उत्तर प्रदेश में भी लेकर आ सकती है। NIA का प्रयास है कि आतंकी तहव्वुर राणा जहां-जहां गया था वहीं पर ले जाकर उसके साथ पूछताछ की जाए। यह स्पष्ट हो चुका है कि तहव्वुर राणा ने उत्तर प्रदेश के आगरा तथा हापुड़ शहरों की रेकी की थी। इसी कारण NIA तहव्वुर राणा को उत्तर प्रदेश में लाकर पूछताछ कर सकती हैं। NIA बड़े ही गोपनीय ढंग से तहव्वुर राणा के साथ पूछताछ करने का काम कर रही है। UP News

उत्तर प्रदेश के इस होटल में रुका था तहव्वुर राणा

आपको जानकर ताजुब होगा कि कुख्यात आतंकी तहव्वुर राणा उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के एक होटल में रुका था। तहव्वुर राणा की तलाश में उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के बालूगंज के कई होटलों में छानबीन की गई थी। LIU के पुलिस लाइन के आॅफिस में भी विदेशी पर्यटकों का ब्योरा देखा गया था। तहव्वुर राणा और उसकी पत्नी के आगरा में ठहरने और ताजमहल देखने के बारे में पुख्ता जानकारी अभी तक नहीं मिल सकी थी। पता चला है कि तहव्वुर राणा ने पहचान बदलकर आगरा में प्रवास किया था। एनआईए सूत्रों का दावा है कि तहव्वुर राणा ने उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के उस होटल का नाम बता दिया है जिस होटल में वह रुका था। UP News

दयान कृष्णन हैं तहव्वुर राणा को भारत लाने वाले

आपको बता दें कि पाकिस्तानी मूल के आतंकी तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत में लाया गया है। तहव्वुर राणा को भारत लाना बहुत ही मुश्किल कानूनी प्रक्रिया के द्वारा संभव हो पाया है। तहव्वुर राणा को भारत लाने में भारत सरकार की कूटनीति की बड़ी सफलता है किंतु यदि दयान कृष्णन नहीं होते तो शायद इस आतंकी तहव्वुर राणा को कभी भारत नहीं लाया जा सकता था। यदि आप दयान कृष्णन को नहीं जानते तो अभी जान जाएंगे। दरअसल दयान कृष्णन भारत में सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता है। भारत के बड़े से बड़े आपराधिक मामलों की पैरोकारी करने में दयान कृष्णन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आतंकी तहव्वुर राणा के विरुद्ध अमेरिका की अदालत में भारत के इस लाडले बेटे दयान कृष्णन ने ही भारत को जीत दिलाई है। UP News

अद्भुत वकील हैं दयान कृष्णन

सॉलिसिटर जनरल रहे न्यायमूर्ति एन संतोष हेगड़े के संरक्षण में वकालत का ककहरा सीखने वाले दयान कृष्णन देश के उन चुनिंदा वकीलों में से हैं, जिन्होंने मेहनत और काबिलियत के बलबूते अपनी पहचान बनाई है। 2001 में संसद पर हुआ आतंकी हमला हो या फिर 2012 का दिल्ली का निर्भया कांड या ऐसे तमाम अपराध, जिनसे देश और समाज की अस्मिता पर आंच आई, उन मामलों में दुर्दांत अपराधियों को फांसी के तख्त तक पहुंचाने के लिए अदालत में जिस सलीके और तर्क के साथ अपनी दलीलों को दयान कृष्णन ने पेश किया, उससे जाहिर होता है कि वह कानून और न्याय के सच्चे सेवक व मजबूत पैरोकार हैं। तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में स्थित हिल स्टेशन ऊटी (अब उदगमंडलम) में 17 नवंबर, 1968 को पैदा हुए दयान कृष्णन ने नेशनल लॉ स्कूल आॅफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बंगलूरू से वकालत में 1993 में स्नातक की डिग्री हासिल की। वह इस विश्वविद्यालय के पहले बैच के विद्यार्थी रहे हैं। उनके पिता एन वी कृष्णन ऊटी में ही वकालत करते थे, लेकिन जब दयान कृष्णन को दिल्ली में न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े (तब वकील थे) के मार्गदर्शन में काम करने का मौका मिला, तो उन्होंने ज्यादा सोच-विचार किए तत्काल दिल्ली की ट्रेन पकड़ ली। दयान कृष्णन ने करीब छह वर्ष तक उनके साथ काम किया। वर्ष 1999 में न्यायमूर्ति हेगड़े सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हो गए, तो दयान कृष्णन ने स्वतंत्र रूप से वकालत शुरू कर दी। वह न्यायमूर्ति हेगड़े को अपना रोल मॉडल मानते हैं। दयान कृष्णन आपराधिक कानून, प्रत्यर्पण कानून और धन-शोधन, जैसे मामलों के विशेषज्ञ हैं। दयान कृष्णन की पत्नी निहारिका कृष्णन कानून की शिक्षिका हैं। उनका एक बेटा है, जो अभी पढ़ाई कर रहा है। बहन प्रिया कृष्णन भी पेशे से वकील हैं। उनकी मां का नाम चंद्रा कृष्णन है। UP News

भारत की बेटी निर्भया को न्याय दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है दयान कृष्णन ने

2012 के निर्भया कांड के दोषियों की सजा दिलवाने के लिए दयान कृष्णन को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया जिसमें दरिंदों को फांसी हुई। निर्भया मामले की पैरवी उन्होंने नि:शुल्क की थी। उन्होंने बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड, गौवा बाल शोषण कांड, उपहार सिनेमा त्रासदी, 2जी घोटाले में भी पैरवी की। वह नौसेना के पूर्व अधिकारी रवि शंकरन के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण में सीबीआई के विशेष वकील थे। उन्होंने नेवी वार रूम लीक मामले और सत्यम कंप्यूटर घोटाले में भी पैरवी की। दयान ने भ्रष्टाचार के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की जमानत याचिका का भी विरोध किया था। वर्ष 2010 में दयान कृष्णन 26/11 हमले के मुख्य आरोपी अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली और सरगना तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण हेतु एनआईए (नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी) के साथ जुड़ गए। वह शिकागो जाकर हेडली से पूछताछ करने वाली विशेष टीम का हिस्सा रहे। 2014 में हेडली और राणा के प्रत्यर्पण के लिए उन्हें विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया। भारत आने से बचने के लिए राणा ने अमेरिकी अदालतों में दलीलें दी, जिनमें डबल जेपर्डी यानी एक ही अपराध के लिए दो बार मुकदमा नहीं चल सकता, लेकिन दयान कृष्णन अपने ताँ से अदालतों को यह समझाने में सफल रहे कि इस मामले की प्रकृति अलग तरह की है। यहीं से राणा के भारत आने का रास्ता साफ हो गया, हालांकि उसने कई प्रयास किए, लेकिन वह अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में भी मुकदमा हार गया। UP News

बांग्लादेश में यूनुस नहीं ये सख्स है मास्टर माइंड

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