Sunday, 27 April 2025

बांग्लादेश में यूनुस नहीं ये सख्स है मास्टर माइंड

Bangladesh Situation : बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद से, मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में…

बांग्लादेश में यूनुस नहीं ये सख्स है मास्टर माइंड

Bangladesh Situation : बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद से, मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ की गई हैं। इनमें से एक प्रमुख नियुक्ति डॉ. खलीलुर रहमान की है, जिन्हें हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और रोहिंग्या मुद्दों पर उच्च प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया है। ​

डॉ. खलीलुर रहमान कौन हैं?

डॉ. खलीलुर रहमान एक अनुभवी राजनयिक और अर्थशास्त्री हैं। उन्होंने ढाका विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर किया है, और टफ्ट्स विश्वविद्यालय के फ्लेचर स्कूल आॅफ लॉ एंड डिप्लोमेसी से एमए तथा हार्वर्ड विश्वविद्यालय के केनेडी स्कूल आॅफ गवर्नमेंट से अर्थशास्त्र में पीएचडी प्राप्त की है। ​
अपने करियर के दौरान, डॉ. रहमान ने बांग्लादेश सिविल सेवा के माध्यम से विदेश सेवा में प्रवेश किया और संयुक्त राष्ट्र में विभिन्न वरिष्ठ पदों पर कार्य किया, जिसमें वे संयुक्त राष्ट्र महासचिव के कार्यकारी कार्यालय में आर्थिक, सामाजिक और विकास मामलों के प्रमुख रहे हैं। ​

अंतरिम सरकार में उनकी भूमिका

19 नवंबर 2024 को, डॉ. रहमान को मुख्य सलाहकार के रोहिंग्या समस्या और प्राथमिकता वाले मामलों के उच्च प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसमें उन्हें सलाहकार के समकक्ष दर्जा दिया गया। बाद में, 9 अप्रैल 2025 को, उनकी भूमिका का विस्तार करते हुए उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का पदभार भी सौंपा गया, जिससे उनकी जिम्मेदारियाँ और प्रभाव क्षेत्र बढ़ गया। ​

शक्ति संतुलन और प्रभाव

डॉ. रहमान की नियुक्ति और उनकी बढ़ती जिम्मेदारियों से यह संकेत मिलता है कि वे अंतरिम सरकार में एक महत्वपूर्ण शक्ति केंद्र बन गए हैं। उनकी पश्चिमी देशों और संयुक्त राष्ट्र के साथ घनिष्ठ संबंधों के कारण, उन्हें अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त है, जो बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस संदर्भ में, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के बजाय, वास्तविक शक्ति और निर्णय लेने की क्षमता डॉ. खलीलुर रहमान के हाथों में केंद्रित हो सकती है।​ अंतरिम सरकार के भीतर इस शक्ति संतुलन का बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति और विदेश नीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर भारत-बांग्लादेश संबंधों के संदर्भ में, जहां डॉ. रहमान की नीतियाँ और दृष्टिकोण महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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