कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों को फंडिंग, भारत के खिलाफ साजिश की पुष्टि

कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों को फंडिंग, भारत के खिलाफ साजिश की पुष्टि
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 SEPT 2025 07:40 AM
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हाल ही में जारी कनाडा के फाइनेंस डिपार्टमेंट की साल 2025 की मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, खालिस्तानी चरमपंथी समूह कनाडा में सक्रिय हैं और यहां से भारत के खिलाफ हिंसा और राजनीतिक उग्रवाद के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहे हैं। यह खुलासा कनाडा के फाइनेंस डिपार्टमेंट की एक रिपोर्ट से हुआ है। New Delhi/Ottawa :

प्रवासी समुदायों और चैरिटेबल नेटवर्क का दुरुपयोग

रिपोर्ट में बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे संगठनों का नाम लिया गया है, जिन्हें कनाडा की आपराधिक संहिता के तहत आतंकवादी घोषित किया जा चुका है। ये समूह प्रवासी समुदायों और चैरिटेबल नेटवर्क का दुरुपयोग कर फंडिंग जुटा रहे हैं। पहले ये फंडिंग नेटवर्क बड़े पैमाने पर केंद्रित थे, लेकिन अब छोटे-छोटे समूहों में बंट चुके हैं, जो विचारधारा से जुड़े हैं।

खालिस्तानी चरमपंथी कनाडा की धरती का इस्तेमाल भारत विरोध में कर रहे

कनाडा की खुफिया एजेंसी ने रिपोर्ट में साफ किया है कि खालिस्तानी चरमपंथी देश की धरती का इस्तेमाल भारत में हिंसा की योजना बनाने, प्रचार करने और धन जुटाने के लिए कर रहे हैं। रिपोर्ट भारत-कनाडा कूटनीतिक संबंधों में संवेदनशीलता बढ़ा सकती है और विदेशी हस्तक्षेप व घरेलू चरमपंथी नेटवर्क के खिलाफ सतर्कता की आवश्यकता को रेखांकित करती है। रिपोर्ट के अनुसार, इन आतंकवादी समूहों में राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक उग्रवाद की प्रवृत्ति है। हालांकि इनमें धार्मिक तत्व हो सकते हैं, लेकिन इनका मूल उद्देश्य अपने राजनीतिक एजेंडे को थोपना है। New Delhi/Ottawa
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हाल ही में जारी कनाडा के फाइनेंस डिपार्टमेंट की साल 2025 की मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, खालिस्तानी चरमपंथी समूह कनाडा में सक्रिय हैं और यहां से भारत के खिलाफ हिंसा और राजनीतिक उग्रवाद के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहे हैं। यह खुलासा कनाडा के फाइनेंस डिपार्टमेंट की एक रिपोर्ट से हुआ है। New Delhi/Ottawa :

प्रवासी समुदायों और चैरिटेबल नेटवर्क का दुरुपयोग

रिपोर्ट में बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे संगठनों का नाम लिया गया है, जिन्हें कनाडा की आपराधिक संहिता के तहत आतंकवादी घोषित किया जा चुका है। ये समूह प्रवासी समुदायों और चैरिटेबल नेटवर्क का दुरुपयोग कर फंडिंग जुटा रहे हैं। पहले ये फंडिंग नेटवर्क बड़े पैमाने पर केंद्रित थे, लेकिन अब छोटे-छोटे समूहों में बंट चुके हैं, जो विचारधारा से जुड़े हैं।

खालिस्तानी चरमपंथी कनाडा की धरती का इस्तेमाल भारत विरोध में कर रहे

कनाडा की खुफिया एजेंसी ने रिपोर्ट में साफ किया है कि खालिस्तानी चरमपंथी देश की धरती का इस्तेमाल भारत में हिंसा की योजना बनाने, प्रचार करने और धन जुटाने के लिए कर रहे हैं। रिपोर्ट भारत-कनाडा कूटनीतिक संबंधों में संवेदनशीलता बढ़ा सकती है और विदेशी हस्तक्षेप व घरेलू चरमपंथी नेटवर्क के खिलाफ सतर्कता की आवश्यकता को रेखांकित करती है। रिपोर्ट के अनुसार, इन आतंकवादी समूहों में राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक उग्रवाद की प्रवृत्ति है। हालांकि इनमें धार्मिक तत्व हो सकते हैं, लेकिन इनका मूल उद्देश्य अपने राजनीतिक एजेंडे को थोपना है। New Delhi/Ottawa
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मंगल ग्रह पर 'कछुआ जैसी चट्टान' देख वैज्ञानिक हैरान, पर्सिवियरेंस रोवर की सबसे बड़ी खोज

locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 SEPT 2025 06:56 AM
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मंगल ग्रह की सतह पर कार के आकार के पर्सिवियरेंस रोवर ने हाल ही में एक ऐसी चट्टान की तस्वीर खींची है जो देखने में कछुए जैसी लगती है। इस खोज ने वैज्ञानिकों के बीच उत्सुकता और हैरानी दोनों पैदा कर दी है। नासा के पर्सिवियरेंस रोवर को 2020 में लॉन्च किया गया था और यह फरवरी 2021 में जेजेरो क्रेटर के पास सुरक्षित रूप से उतरा। अब तक रोवर ने मंगल पर 37 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पूरी कर ली है। रोवर की यह नई तस्वीर उसके डिवाइस और हाई-रिजॉल्यूशन कैमरा से खींची गई है। यह डिवाइस रोबोटिक हाथ पर लगा उपकरण है, जो सतह की बनावट और पैटर्न को नजदीक से देखने में मदद करता है। NASA's Discovery :

पर्सिवियरेंस रोवर में लगे हैं कुल 23 कैमरे

वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस तरह की तस्वीरें मंगल के भूगोल, वायुमंडल और खनिज संरचना को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। सतह पर मौजूद पैटर्न से यह भी पता चलता है कि ग्रह पर रेत के टीले कैसे बने और समय के साथ खनिज कैसे जमा हुए। पर्सिवियरेंस रोवर में कुल 23 कैमरे लगे हैं, जिनमें से 7 वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए काम में आते हैं। मास्टकैम-जेड कैमरा रोवर की अधिकांश मशहूर तस्वीरों के लिए प्रयोग होता है। वहीं कैमरा अल्ट्रावॉयलेट लाइट के माध्यम से सतह की बारीकियों की जांच करता है।

इस नए 'कछुआ जैसी चट्टान' की खोज से वैज्ञानिकों में उत्साह

यह पहली बार नहीं है जब पर्सिवियरेंस रोवर ने मंगल पर दिलचस्प चट्टानों की तस्वीरें ली हैं। पिछले साल रोवर ने चमकीली नीली चट्टानों और 'खोपड़ी जैसी संरचना' की तस्वीरें भी साझा की थीं, जिसने लाल ग्रह के इतिहास पर सवाल खड़े किए थे। इस नए 'कछुआ जैसी चट्टान' की खोज से वैज्ञानिकों को मंगल की भूगर्भीय प्रक्रिया को और गहराई से समझने का मौका मिलेगा।