saharanpur news : अपर मुख्य सचिव ने किया जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण

11
locationभारत
userचेतना मंच
calendar05 Sep 2021 05:26 PM
bookmark

सहारनपुर। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, नगर विकास एवं जनपद के नोडल अधिकारी रजनीश दूबे ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया, जिससे जिला अस्पताल स्टाफ और प्रशासन में हड़कंप मच गया। उन्होंने निर्देश दिए कि सरकारी अस्पताल में आने वाले प्रत्येक रोगी को उपचार और सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए। इस दौरान उन्होंने डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर और अन्य बुखार की रोकथाम के उपाय किए जाने के निर्देश भी दिए।

प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, नगर विकास एवं जनपद के नोडल अधिकारी रजनीश दूबे ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि सार्वजनिक स्थानों पर ध्रूमपान करने वालों पर जुर्माना लगाया जाये। टीबी वार्ड में जाकर उन्होंने टी बी के मरीज सुलेख चन्द का हाल चाल पूछा। मरीज ने बताया कि 5 या 6 घण्टे से कोई देखने नहीं आया। तब नोडल अधिकारी ने निर्देश दिये कि इन्हें मेडिकल कालेज रैफर किया जाये। उसके उपरान्त एक्स-रे एण्ड सीटी स्केन व ट्रामा सेन्टर का निरीक्षण किया।

उन्होंने प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि किसी भी मरीज के ईलाज में लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में और व्यापक सुधार लाने के निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी अखिलेश सिंह, मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ0 अर्चना द्विवेदी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रजनीश कुमार मिश्र, सीएमएस आभा वर्मा तथा संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

अगली खबर पढ़ें

Saharanpur news : डेंगू, मलेरिया से निपटने को अस्पतालों में की गई अतिरिक्त बैड्स की व्यवस्था

Dengue 6168709 835x547 m
locationभारत
userचेतना मंच
calendar05 Sep 2021 04:01 PM
bookmark

सहारनपुर। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने प्रधानाचार्य मेडिकल काॅलेज, मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे ओ.पी.डी. में अधिक से अधिक मरीजों को चिकित्सा परामार्श दें। पीड़ित मरीजों को समुचित उपचार करें यदि आवश्यक हो तो अस्पताल में भर्ती कर ईलाज कराया जाए। उन्होंने जनपद में वायर फीवर के मामलों में वृद्धि होने और टपरी में डेंगू के 5 मरीज पाये जाने के दृष्टिगत राजकीय मेडिकल काॅलेज में 140 और जिला अस्पताल में 50 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गयी हैै। डीएम ने प्रधानाचार्य मेडिकल काॅलेज और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि वायरल से फीवर मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए समुचित दवाईयां और उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। डीएम अखिलेश सिंह ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वायरल फीवर में हुई वृद्धि और टपरी में डेंगू के पांच मामलें पाये जाने को गम्भीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्साधिकारियों को पूरी सजगता से वायरल फीवर के मरीजों को परामर्श और चिकित्सीय उपचार के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि जनपद में कुछ टायफाइड के मामलें भी संज्ञान में आये हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला अस्पताल की इमरजेंसी और आइसोलेशन वार्ड में वायरल फीवर व अन्य बुखारों के मरीजों को भर्ती करने के लिए 50 अतिरिक्त बेड्स की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार मेडिकल काॅलेज के इमरजेंसी वार्ड में 36 बेड्स के अतिरिक्त 140 बेड्स के दो वार्ड वायरल और अन्य बुखारों के पीड़ित मरीजों के के लिए बनाये गये है। जिलाधिकारी ने प्रधानाचार्य मेडिकल काॅलेज, मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि मरीजों को किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि मेडिकल काॅलेज, जिला चिकित्सालय, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आने वाले मरीजों का समुचित ईलाज कराया जाए। यदि आवश्यकतानुसार पीड़ित मरीजों को ईलाज हेतु भर्ती किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेंगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि डेंगू के मामलों की भी सघनता से जांच की जाए। उन्होंने कहा कि सर्विलांस टीमों से निरंतर निगरानी भी कराई जाए।

अगली खबर पढ़ें

Saharanpur News : ड्रीम प्रोजेक्ट में वन विभाग का अड़ंगा, रोका गया नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य

Morena 1472467564 835x547
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 03:18 PM
bookmark

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट 'दिल्ली-सहारनपुर फोर लेन हाईवे' में वन विभाग के डीएफओ ने रोड़ा अटका दिया है। दिल्ली से सहारनपुर तक बनने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग में सामाजिक वानिकी प्रभाग ने तत्काल प्रभाव से निर्माण कार्य रोकने को नोटिस जारी किया है। जिसमें पर्यावरण नियमों का हवाला दिया गया है। वन विभाग की ओर से यह नोटिस एक सितंबर को दिया गया था, जिसके बाद आज से निर्माण एजेंसी ने कार्य रोक दिया है।

सामाजिक वानिकी प्रभाग के डीएफओ ईश्वर चंद सिंह ने सहारनपुर क्षेत्र में चल रहे दिल्ली-सहारनपुर हाईवे को नियम विरुद्ध बताते हुए निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए कहा है। वहीं, नेशनल हाईवे एथारिटी आफ इंडिया के अधिकारी सहारनपुर डीएम अखिलेश सिंह से प्रकरण में दखल करने का अनुरोध कर रहे हैं। नेशनल हाईवे एथारिटी आफ इंडिया ने तर्क दिया है कि जब शामली बागपत में हाईवे का निर्माण हो रहा था। तब नियम दूसरे थे, सहारनपुर में निर्माण प्रारंभ होते ही वानिकी पर्यावरण नियमों का हवाला देने लगा है।

दिल्ली-शामली-बागपत-सहारनपुर हाईवे के निर्माण के लिए शासन ने 11 साल पहले उपसा (उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग प्राधिकरण) को जिम्मेदारी दी थी। यूपी में भाजपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में इस प्रोजेक्ट को भारत सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हस्तांतरित कर दिया था। इसके बाद से ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मार्ग बना रहा है। भारतमाला परियोजना के तहत दिल्ली से सहारनपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग 709बी की लंबाई 155 किलोमीटर प्रस्तावित है। यूपी बॉर्डर से सहारनपुर तक 140.55 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण कार्य तीन चरणों में चल रहा है।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक संजय मिश्र का कहना है कि यह प्रोजेक्ट एनएचआईए स्थानांतरित किया गया था। उपसा ने सभी नियमों को पूर्ण कर पर्यावरण मंत्रालय से भी अनुमति ली थी। पेड़ कटवाने का कार्य पहले ही उपसा द्वारा पूरा कर लिया गया था। उनका कहना है कि यदि वन विभाग को कोई नोटिस देना था तो 3 साल पहले देना चाहिए था।

नोटिस में लिखा है कि उपसा ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की ओर से 31 मई 2013 को अनुमति मांगी गई थी, जिसमें 28 मई 2014 को विधिवत स्वीकृति मिली थी। उपसा द्वारा इस भूमि को एनएचएआई को हस्तांतरित करने के बाद चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है, जो नियम विरुद्ध है। उनका कहना है कि उपसा को पूर्व में हस्तांतरित संरक्षित वन भूमि पर यदि एनएचएआई द्वारा कार्य कराया जाता है तो पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की अनुमति प्राप्त करनी होगी। डीएम अखिलेश सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में है। वन विभाग के अफसरों को बुलाकर बात की जाएगी। जो भी उचित कार्रवाई होगी कराई जाएगी।