Khatauli by-election : बाहुबली शब्द का प्रचार मुद्दे से भटकाने की साजिश : मदन भैया




Greater Noida: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भू-माफियाओं की कमर तोडऩे के लिए चलाए जा रहे अभियान का असर गौतमबुद्घनगर जिले में साफ-साफ दिखने लगा है। विधान परिषद सदस्य व भाजपा नेता नरेंद्र भाटी के भाई कैलाश भाटी की गिरफ्तारी के बाद गौतमबुधनगर के भू माफियाओं में खलबली मच गई है। सब कह रहे हैं कि जो मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के नेता को भी नहीं बख्श रहा है शायद वह सभी भू-माफियाओं को जेल अवश्य भिजवाएगा। इस बीच एक नया मामला बसपा के पूर्व जिला अध्यक्ष द्वारा किए गए घोटाले का प्रकाश में आया है। बसपा के इस पूर्र्व जिलाध्यक्ष ने कब्रिस्तान और श्मशान की जमीन को भी हड़प लिया है।
नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में जमीनों की कीमत परवान पर है। यहां जमीनों का धंधा या यूं कहिए कि आम जनता की जमीन को हड़पकर कई लोग रातों-रात करोड़पति, अरबपति बन बैठे। ऐसा ही एक मामला आमका गांव का उजागर हुआ है। ये गांव ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित क्षेत्र में स्थित है। इस गांव की खाता संख्या-63 बंजर यानी ग्रामसभा की भूमि है। जबकि खाता संख्या-70 कब्रिस्तान और शमशान घाट की संपत्ति है।
इनमें से खाता संख्या-63 में खसरा-84, 371, 155, 191, 192, 246, 353, 440, 449 है। इनका रकबा 1.4560 हेक्टेयर है। जबकि खाता संख्या-70 के खसरा नंबर-8, 329, 357, और 381 का कुल रकबा 1.3080 हेक्टेयर है। इस जमीन पर 2009 में बहुजन समाज पार्टी के तत्कालीन जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह पुत्र डालचंद निवासी सलारपुर तहसील दादरी की नजर पड़ी। बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी तब अध्यक्ष ने अपने पद का जमकर दुरूपयोग किया। उसने अपने सलारपुर गांव से तकरीबन 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आमका गांव में ग्राम सभा की जमीन को अपनी पत्नी हरचंदी के नाम पट्टा करा लिया।
सूत्र बताते हैं कि इस जमीन पर इन दिनों कॉलोनी काटने का काम चल रहा है। कुछ भूमाफिया मिलकर कॉलोनी काट रहे हैं। इस मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी एवं उपजिलाधिकारी दादरी से भी की जा चुकी है। शिकायत के बाद जांच में यह तय हो गया है कि यह जमीन कब्रिस्तान और शमशान की है। अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व उसके साथी भू-माफियाओं के खिलाफ क्या कार्रवाई होती ?
Greater Noida: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भू-माफियाओं की कमर तोडऩे के लिए चलाए जा रहे अभियान का असर गौतमबुद्घनगर जिले में साफ-साफ दिखने लगा है। विधान परिषद सदस्य व भाजपा नेता नरेंद्र भाटी के भाई कैलाश भाटी की गिरफ्तारी के बाद गौतमबुधनगर के भू माफियाओं में खलबली मच गई है। सब कह रहे हैं कि जो मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के नेता को भी नहीं बख्श रहा है शायद वह सभी भू-माफियाओं को जेल अवश्य भिजवाएगा। इस बीच एक नया मामला बसपा के पूर्व जिला अध्यक्ष द्वारा किए गए घोटाले का प्रकाश में आया है। बसपा के इस पूर्र्व जिलाध्यक्ष ने कब्रिस्तान और श्मशान की जमीन को भी हड़प लिया है।
नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में जमीनों की कीमत परवान पर है। यहां जमीनों का धंधा या यूं कहिए कि आम जनता की जमीन को हड़पकर कई लोग रातों-रात करोड़पति, अरबपति बन बैठे। ऐसा ही एक मामला आमका गांव का उजागर हुआ है। ये गांव ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित क्षेत्र में स्थित है। इस गांव की खाता संख्या-63 बंजर यानी ग्रामसभा की भूमि है। जबकि खाता संख्या-70 कब्रिस्तान और शमशान घाट की संपत्ति है।
इनमें से खाता संख्या-63 में खसरा-84, 371, 155, 191, 192, 246, 353, 440, 449 है। इनका रकबा 1.4560 हेक्टेयर है। जबकि खाता संख्या-70 के खसरा नंबर-8, 329, 357, और 381 का कुल रकबा 1.3080 हेक्टेयर है। इस जमीन पर 2009 में बहुजन समाज पार्टी के तत्कालीन जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह पुत्र डालचंद निवासी सलारपुर तहसील दादरी की नजर पड़ी। बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी तब अध्यक्ष ने अपने पद का जमकर दुरूपयोग किया। उसने अपने सलारपुर गांव से तकरीबन 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आमका गांव में ग्राम सभा की जमीन को अपनी पत्नी हरचंदी के नाम पट्टा करा लिया।
सूत्र बताते हैं कि इस जमीन पर इन दिनों कॉलोनी काटने का काम चल रहा है। कुछ भूमाफिया मिलकर कॉलोनी काट रहे हैं। इस मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी एवं उपजिलाधिकारी दादरी से भी की जा चुकी है। शिकायत के बाद जांच में यह तय हो गया है कि यह जमीन कब्रिस्तान और शमशान की है। अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व उसके साथी भू-माफियाओं के खिलाफ क्या कार्रवाई होती ?

Uttar Pradesh: लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक राजेश्वर सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जघन्य अपराधों से निपटने के लिए राज्य के कानूनों में संशोधन करने और हाल में दिल्ली के महरौली इलाके में हुई एक महिला की जघन्य हत्या के मद्देनजर ‘लव जिहाद’ के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किये जाने का बृहस्पतिवार को आग्रह किया है।
उन्होंने त्वरित सुनवाई, आरोपियों को जमानत नहीं, गवाहों को विशेष सुरक्षा के अलावा बलात्कार और हत्या के लिए मौत की सजा, और ऐसे (लव जिहाद के) मामलों में बलात्कार के लिए आजीवन कारावास सहित विभिन्न बदलावों की भी सिफारिश की। ‘लव जिहाद’ एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग दक्षिणपंथी समूह एवं कार्यकर्ता मुसलमानों पर हिंदू महिलाओं का शादी के माध्यम से इस्लाम में धर्मांतरण करने की कोशिश के आरोप लगाने के लिए करते हैं।
आपराधिक प्रक्रियात्मक कानून में संशोधन की मांग करते हुए सिंह ने कहा कि ‘लव जिहाद’ के मामलों में ‘लुभाने’ की परिभाषा को व्यापक बनाने की जरूरत है और इसमें शादी या शादी का वादा या वैवाहिक संबंध या ‘लिव-इन-रिलेशनशिप’ को शामिल किये जाने की जरूरत है। विधायक के पत्र की एक प्रति केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू को भी भेजी गई है।
सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक ने पत्र में कहा है, ‘‘दिल्ली शहर में एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा एक हिंदू लड़की की बेरहमी से हत्या करने और फिर उसके शव के 35 टुकड़े करने जैसी झकझोर देने वाली घटना, ‘लव जिहाद’ अपराधों की याद दिलाती है, जो हाल में देशभर से सामने आए हैं।’’
पुलिस अधिकारी से राजनीतिज्ञ बने सिंह ने कहा कि इस तरह की घटनाएं देशभर के सभी विधायकों के लिए चिंता का कारण है। सिंह ने कहा, ‘‘एक निश्चित समुदाय के कट्टरपंथी सदस्यों द्वारा किये गए इन अपराधों को नियमित आपराधिक कृत्यों के रूप में नहीं माना जाना चाहिए, हमारे कानून के दायरे के भीतर जांच, आरोप-पत्र और मुकदमे की त्वरित सुनवाई जैसे दृष्टिकोण की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पर आम आदमी का भरोसा प्रतिकूल रूप से प्रभावित न हो।’’ सिंह इस साल मई में दिल्ली के महरौली इलाके में आफताब पूनावाला (28) द्वारा श्रद्धा वालकर (27) की कथित तौर पर हत्या किए जाने का जिक्र कर रहे थे।
पुलिस के अनुसार पूनावाला ने अपनी ‘लिव-इन पार्टनर’ श्रद्धा वालकर की गत 18 मई की शाम को कथित तौर पर गला घोंट कर हत्या कर दी थी और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए, जिन्हें उसने दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा तथा कई दिनों तक विभिन्न हिस्सों में फेंकता रहा।
पत्र में प्रस्तावित विधायी संशोधनों में, भाजपा विधायक ने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में इस तरह के अपराध फिर से नहीं हो, यह आवश्यक है कि हम जांच और सुनवाई के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम अपनाएं और अपराध दर्ज होने के 60 दिनों के भीतर जांच पूरी होनी चाहिए और इसके बाद 60 दिनों के भीतर सुनवाई पूरी हो जाये।
सिंह ने कहा, ‘‘लव जिहाद' से संबंधित अपराधों के लिए सख्त सजा पर विचार करना भी आवश्यक है, जिसमें 'बलात्कार' और 'हत्या' के अपराधों के लिए आवश्यक रूप से मौत की सजा और बलात्कार के मामलों में शामिल लोगों के लिए आजीवन कारावास शामिल है।"
उन्होंने उत्तर प्रदेश धर्मांतरण निषेध अधिनियम (यूपीपीसीआरए), 2021 लाने के लिए राज्य सरकार की सराहना की, लेकिन कहा कि जघन्य अपराधों से निपटने के लिए इसके दायरे को व्यापक बनाने की आवश्यकता है।
Uttar Pradesh: लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक राजेश्वर सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जघन्य अपराधों से निपटने के लिए राज्य के कानूनों में संशोधन करने और हाल में दिल्ली के महरौली इलाके में हुई एक महिला की जघन्य हत्या के मद्देनजर ‘लव जिहाद’ के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किये जाने का बृहस्पतिवार को आग्रह किया है।
उन्होंने त्वरित सुनवाई, आरोपियों को जमानत नहीं, गवाहों को विशेष सुरक्षा के अलावा बलात्कार और हत्या के लिए मौत की सजा, और ऐसे (लव जिहाद के) मामलों में बलात्कार के लिए आजीवन कारावास सहित विभिन्न बदलावों की भी सिफारिश की। ‘लव जिहाद’ एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग दक्षिणपंथी समूह एवं कार्यकर्ता मुसलमानों पर हिंदू महिलाओं का शादी के माध्यम से इस्लाम में धर्मांतरण करने की कोशिश के आरोप लगाने के लिए करते हैं।
आपराधिक प्रक्रियात्मक कानून में संशोधन की मांग करते हुए सिंह ने कहा कि ‘लव जिहाद’ के मामलों में ‘लुभाने’ की परिभाषा को व्यापक बनाने की जरूरत है और इसमें शादी या शादी का वादा या वैवाहिक संबंध या ‘लिव-इन-रिलेशनशिप’ को शामिल किये जाने की जरूरत है। विधायक के पत्र की एक प्रति केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू को भी भेजी गई है।
सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक ने पत्र में कहा है, ‘‘दिल्ली शहर में एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा एक हिंदू लड़की की बेरहमी से हत्या करने और फिर उसके शव के 35 टुकड़े करने जैसी झकझोर देने वाली घटना, ‘लव जिहाद’ अपराधों की याद दिलाती है, जो हाल में देशभर से सामने आए हैं।’’
पुलिस अधिकारी से राजनीतिज्ञ बने सिंह ने कहा कि इस तरह की घटनाएं देशभर के सभी विधायकों के लिए चिंता का कारण है। सिंह ने कहा, ‘‘एक निश्चित समुदाय के कट्टरपंथी सदस्यों द्वारा किये गए इन अपराधों को नियमित आपराधिक कृत्यों के रूप में नहीं माना जाना चाहिए, हमारे कानून के दायरे के भीतर जांच, आरोप-पत्र और मुकदमे की त्वरित सुनवाई जैसे दृष्टिकोण की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पर आम आदमी का भरोसा प्रतिकूल रूप से प्रभावित न हो।’’ सिंह इस साल मई में दिल्ली के महरौली इलाके में आफताब पूनावाला (28) द्वारा श्रद्धा वालकर (27) की कथित तौर पर हत्या किए जाने का जिक्र कर रहे थे।
पुलिस के अनुसार पूनावाला ने अपनी ‘लिव-इन पार्टनर’ श्रद्धा वालकर की गत 18 मई की शाम को कथित तौर पर गला घोंट कर हत्या कर दी थी और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए, जिन्हें उसने दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा तथा कई दिनों तक विभिन्न हिस्सों में फेंकता रहा।
पत्र में प्रस्तावित विधायी संशोधनों में, भाजपा विधायक ने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में इस तरह के अपराध फिर से नहीं हो, यह आवश्यक है कि हम जांच और सुनवाई के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम अपनाएं और अपराध दर्ज होने के 60 दिनों के भीतर जांच पूरी होनी चाहिए और इसके बाद 60 दिनों के भीतर सुनवाई पूरी हो जाये।
सिंह ने कहा, ‘‘लव जिहाद' से संबंधित अपराधों के लिए सख्त सजा पर विचार करना भी आवश्यक है, जिसमें 'बलात्कार' और 'हत्या' के अपराधों के लिए आवश्यक रूप से मौत की सजा और बलात्कार के मामलों में शामिल लोगों के लिए आजीवन कारावास शामिल है।"
उन्होंने उत्तर प्रदेश धर्मांतरण निषेध अधिनियम (यूपीपीसीआरए), 2021 लाने के लिए राज्य सरकार की सराहना की, लेकिन कहा कि जघन्य अपराधों से निपटने के लिए इसके दायरे को व्यापक बनाने की आवश्यकता है।