Tejas : तेजस हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक जेट लड़ाकू विमान है। यह एक स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट विमान है जो किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। इसमे प्रधान मंत्री ने बैंगलूरु से उड़ान भरी थी। इस लड़ाकू विमान को तेजस नाम पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने दिया था।
आइये जानते हैं कुछ खास बातें इस स्वदेशी लड़ाकू विमान के बारें में जिसमे अमेरिका के साथ अन्य दशों ने भी अपनी रुचि दिखाई ।
तेजस एक लड़ाकू विमान:
तेजस स्वदेशी लड़ाकू विमान हैं जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अन्य निजी कंपनियों के सहयोग से डिजाइन किया है। इसका विकास ‘हल्का युद्धक विमान’ या (एलसीए) नामक कार्यक्रम के अन्तर्गत हुआ है जो 1980 के दशक में शुरू हुआ था। यह बिना पूँछ का, कम्पाउण्ड-डेल्टा पंख वाला विमान है। यह एक सीट और एक इंजन वाला विशेष तरीके से काम करने वाला एक लड़ाकू विमान हैं । इसका नौसेना संस्करण भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोतों से उड़ान भरने में सक्षम है। यह समकालीन सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों की अपनी श्रेणी में सबसे छोटा और हल्का विमान है।जिसे वायु रक्षा, जासूसी और हमलों के लिए डिजाइन किया गया है।इस विमान के विकास ने भारत में एक मजबूत एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में भी मदद की है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा ‘तेजस’ नाम:
तेजस 1983 मे बनना शुरु हो गया था।18 साल की कड़ी मेहनत के बाद जनवरी 2001 मे इस विमान ने पहली बार आसमान में उड़ान भरी थी। 2016 मे इसे भरतीय वायू सेना मे शामिल किया गया था। इसे एक सफल उड़ान भरने मे तीन दशक लग गये थे।विमान का आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था।तेजस नाम रखते वक्त प्रधानमंत्री वाजपेयी ने कहा था कि ये संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब ‘चमक’ है।
तेजस की तकनीकी खूबियाँ:
तेजस विमान में अनेक खूबियाँ है ये 4,000 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकता है । तेजस की लंबाई 13.20 मीटर पंखो का फैलाव 8.20 मीटर और ऊंचाई 4.40 मीटर है । विमान का अधिकतम टेकऑफ वजन 13,500 किलोग्राम है ।तेजस की अधिकतम रेंज 13,500 किलोग्राम है ।विमान की अधिकतम गति 1.8 मैक है।बेहद कम जगह यानी 460 मीटर के रनवे पर टैकऑफ करने की क्षमता।रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो तेजस आठ से नौ टन भार ले जा सकता है।
विदेशों ने भी इस विमान को खरीदने मे दिखाई रुचि:
अमेरिका समेत कई देशों ने इसे खरीदने मे दिखाई है दिलचस्पी। साल 2022 मे भारत के रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने संसद को सूचित किया था कि संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस उन छह देशों में से थे जिन्होंने भारत के तेजस विमान में दिलचस्पी ज़ाहिर की थी। अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस जैसे देश अपने लड़ाकू विमान बेच रहे हैं। इसके अलावा, साल 2017 से साल 2023 तक एयर इंडिया शो सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में इस विमान की ताकत दिखाई गई।
एयरस्पेस उद्योग जगत मे विशेष उपलब्धि:
Tejas विमान ने भरतीय एयरस्पेस उद्योग जगत में नयें अवसर प्रदान कियें हैं । यह भरतीय एयरस्पेस उद्योग जगत मे महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है । यह स्वदेशी रूप से उन्नत सैन्य हार्डवेयर विकसित करने और उत्पादन करने की भारत की क्षमता का प्रतीक है। तेजस विमान से देश के सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) एयरोस्पेस ने प्रधानमंत्री की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान एमके-टू-तेजस के लिए संयुक्त रूप से इंजन बनाने को लेकर एचएएल के साथ एक समझौता किया था।