Wednesday, 2 April 2025

मेरठ में प्रशासन का सख्त फरमान : सड़कों पर नहीं होगी ईद की नमाज !

Meerut Police : उत्तर प्रदेश के मेरठ में ईद की नमाज को लेकर प्रशासन (Meerut Police) ने सख्त कदम उठाए…

मेरठ में प्रशासन का सख्त फरमान : सड़कों पर नहीं होगी ईद की नमाज !

Meerut Police : उत्तर प्रदेश के मेरठ में ईद की नमाज को लेकर प्रशासन (Meerut Police) ने सख्त कदम उठाए हैं। मेरठ पुलिस ने एक फरमान जारी करते हुए कहा है कि इस साल ईद की नमाज सड़कों पर नहीं अदा की जाएगी। किसी ने अगर इस आदेश का उल्लंघन किया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उनके पासपोर्ट भी रद्द किए जाएंगे। इस आदेश के बाद केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने ट्वीट किया और इसे ‘ऑरवेलियन 1984’ की ओर बढ़ते पुलिसिंग का उदाहरण बताया।

मेरठ पुलिस (Meerut Police) का फरमान

मेरठ में इस साल ईद की नमाज केवल तय स्थानों जैसे नजदीकी मस्जिदों और फैज-ए-आम इंटर कॉलेज में अदा की जाएगी। सिटी एसपी आयुष विक्रम सिंह के अनुसार, ईदगाह और सड़कों पर नमाज अदा करने पर रोक लगाई गई है। इसके उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, प्रमुख स्थानों पर PAC, RAF और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा ड्रोन और वीडियो कैमरों से भी निगरानी की जाएगी।

सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पर सख्त प्रतिबंध

मेरठ पुलिस (Meerut Police) ने यह भी कहा है कि बिना पूर्व अनुमति के सार्वजनिक स्थानों पर कोई भी धार्मिक प्रार्थना नहीं की जाएगी। सड़क पर नमाज अदा करने वालों पर तुरंत FIR दर्ज की जाएगी और उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। इसके साथ ही, उनके आपराधिक गतिविधियों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा, जिसके बाद वे मक्का और मदीना जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा नहीं कर पाएंगे।

जयंत चौधरी का ऑरवेलियन ट्वीट

केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने मेरठ पुलिस (Meerut Police) के इस फरमान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे ‘ऑरवेलियन 1984’ की ओर बढ़ते पुलिसिंग की व्यवस्था बताया। उनका कहना था कि यह तानाशाही की ओर बढ़ता कदम है, जो नागरिकों की स्वतंत्रता को सीमित करने की कोशिश करता है। जॉर्ज ऑरवेल की किताब ‘1984’ में ऐसी सरकार का चित्रण किया गया है जो हमेशा निगरानी करती है और नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन करती है।

क्या है ऑरवेलियन राज्य?

ऑरवेलियन राज्य का मतलब एक ऐसी शासन व्यवस्था से है जिसमें नागरिकों की स्वतंत्रता सीमित हो और सरकार उनके हर कदम पर नजर रखे। जॉर्ज ऑरवेल की किताब “1984” में ऐसी व्यवस्था का वर्णन किया गया है, जहां सच्चाई को दबाया जाता है और जनता को डर के माध्यम से शासित किया जाता है। यह किताब एक तानाशाही शासन व्यवस्था की आलोचना करती है।Meerut Police :

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