अमेरिका में पाकिस्तानियों के प्रवेश पर लगेगा प्रतिबंध, ट्रंप की योजना

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Travel Ban
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 12:13 PM
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Travel Ban : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर 41 देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई है। इन देशों को तीन समूहों में विभाजित किया गया है, जिनमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान भी शामिल हैं। जबसे अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने हैं तभी से वे कई बड़े और विश्व को प्रभावित करने वाले फैसले ले चुके हैं। अब वे राष्ट्रय सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान सहित 41 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहे हैं।

समूहों का विवरण :

1. पहला समूह (पूर्ण वीजा निलंबन) : इसमें अफगानिस्तान, ईरान, सीरिया, क्यूबा और उत्तर कोरिया सहित 10 देश शामिल हैं, जिनके नागरिकों के लिए वीजा पूरी तरह से निलंबित किया जाएगा। 2. दूसरा समूह (आंशिक वीजा निलंबन) : इरिट्रिया, हैती, लाओस, म्यांमार और दक्षिण सूडान जैसे 5 देशों के नागरिकों के लिए पर्यटक, छात्र और अन्य अप्रवासी वीजा पर आंशिक प्रतिबंध लगाया जाएगा, हालांकि कुछ मामलों में अपवाद संभव हैं। Travel Ban 3. तीसरा समूह (सुधार के लिए समयावधि) : पाकिस्तान, बेलारूस और तुर्कमेनिस्तान सहित 26 देशों को 60 दिनों की अवधि दी जाएगी ताकि वे सुरक्षा संबंधी कमियों को दूर कर सकें। यदि इस अवधि में सुधार नहीं होता है, तो इन देशों के नागरिकों के लिए वीजा जारी करने पर आंशिक प्रतिबंध लगाया जा सकता है। Travel Ban

विशेष रूप से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लोग होंगे प्रभावित

यह कदम ट्रंप प्रशासन की उस नीति की याद दिलाता है, जिसमें पहले कार्यकाल में सात मुस्लिम बहुल देशों के यात्रियों पर प्रतिबंध लगाया गया था, जिसे 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था। यह प्रतिबंध विशेष रूप से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के नागरिकों को प्रभावित कर सकता है, जिससे अमेरिका में प्रवेश करना उनके लिए कठिन हो सकता है। ध्यान दें कि यह सूची अभी अंतिम रूप में नहीं है और प्रशासन की मंजूरी के बाद ही लागू की जाएगी। Travel Ban

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आने वाले समय में भारत विश्व की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी

Gdp
Morgan Stanley
locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 Mar 2025 06:16 PM
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Morgan Stanley : मॉर्गन स्टेनली की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था में आने वाले वर्षों में महत्वपूर्ण वृद्धि की संभावना है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत की जीडीपी 2023 में 3.5 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2026 में 4.7 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी, जिससे यह अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। इसके बाद, 2028 तक, भारत की जीडीपी 5.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे यह जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। रिपोर्ट में भारत की वृद्धि के लिए तीन संभावित परिदृश्य ('बेयर', 'बेस' और 'बुल') प्रस्तुत किए गए हैं। - 'बेयर' परिदृश्य : 2035 तक जीडीपी 6.6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है, और प्रति व्यक्ति आय 2,514 डॉलर से बढ़कर 4,247 डॉलर हो सकती है। - 'बेस' परिदृश्य : जीडीपी 8.8 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है, और प्रति व्यक्ति आय 5,683 डॉलर हो सकती है। - 'बुल' परिदृश्य: जीडीपी 10.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है, और प्रति व्यक्ति आय 6,706 डॉलर हो सकती है।

भारत के एक प्रमुख उपभोक्ता बाजार बनने की संभावना

मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत ने पिछले एक दशक में महत्वपूर्ण नीतिगत सुधार किए हैं, जैसे कि कॉपोर्रेट टैक्स में कटौती, बुनियादी ढांचे में निवेश, जीएसटी का कार्यान्वयन, और डिजिटल लेनदेन में वृद्धि। इन सुधारों के परिणामस्वरूप, भारत की वैश्विक उत्पादन में हिस्सेदारी बढ़ने और एक प्रमुख उपभोक्ता बाजार बनने की संभावना है।

भारत वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तैयार

आने वाले वर्षों में, सरकारी खर्च, मौद्रिक नीति समर्थन, और सेवा निर्यात में सुधार के साथ, भारत की आर्थिक वृद्धि को और गति मिलने की उम्मीद है। मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान लगाया है। इन अनुमानों से स्पष्ट है कि भारत आने वाले वर्षों में वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

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पुर्तगाल ने F-35 छोड़ यूरोपीय जेट्स को दी तवज्जो, अमेरिका से बढ़ी दूरी

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Portugal:
locationभारत
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calendar15 Mar 2025 05:50 PM
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Portugal: डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों ने अमेरिका और यूरोपीय देशों के बीच रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया है। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें पुर्तगाल (Portugal)ने अमेरिकी F-35 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने से इनकार करने का संकेत दिया है। इसके बजाय, पुर्तगाल (Portugal) यूरोपीय फाइटर जेट प्रोजेक्ट में शामिल हो सकता है, जो यूरोपीय देशों के बढ़ते डर और असमंजस को दर्शाता है।

पुर्तगाल(Portugal) का अमेरिकी जेट से इंकार

पुर्तगाल (Portugal) के रक्षा मंत्री नूनो मेलो ने 13 मार्च को एक रिपोर्ट में यह कहा कि अमेरिका के F-35 जेट को खरीदने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि अमेरिका की नीतियों में अप्रत्याशितता है। उन्होंने कहा कि “हमें सर्वोत्तम विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए।” उनका बयान उस समय आया है जब डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के कारण अमेरिका और यूरोपीय देशों के बीच संबंधों में दरार आई है। ट्रंप ने नाटो के सहयोगियों के खिलाफ कई बार आलोचना की है, जिससे यूरोपीय देशों में असुरक्षा की भावना बढ़ी है।

अमेरिका की अप्रत्याशित नीतियों का डर

यूरोपीय देशों को डर है कि अमेरिका की अप्रत्याशित नीतियों के कारण संकट के समय F-35 के कंपोनेंट्स या सॉफ्टवेयर अपडेट की डिलीवरी रुक सकती है। जर्मनी और बेल्जियम जैसे देशों ने भी इस बात की चिंता जताई है कि अमेरिका अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए F-35 के "किल स्विच" का इस्तेमाल कर सकता है। "किल स्विच" एक सुरक्षा सुविधा है जो किसी सिस्टम को आपातकालीन स्थिति में बंद कर देती है। इससे यूरोपीय देशों की चिंताएं और बढ़ गई हैं, क्योंकि वे अमेरिकी हथियारों के नियंत्रण में नहीं रहना चाहते।

यूरोपीय फाइटर जेट खरीदने का विचार

पुर्तगाल (Portugal)के साथ-साथ अन्य यूरोपीय देशों का भी यह मानना है कि F-35 पर अमेरिका का ही नियंत्रण रहेगा, और इसके बिना यह जेट ऑपरेट नहीं होगा। इसके बाद, पुर्तगाल ने यूरोपीय फाइटर जेट खरीदने का विचार किया है। वर्तमान में यूरोप में तीन प्रमुख यूरोपीय लड़ाकू विमान हैं – यूरोफाइटर टाइफून, फ्रेंच राफेल और साब ग्रिपेन-ई। पुर्तगाल, विशेष रूप से राफेल जेट पर विचार कर रहा है, क्योंकि फ्रांस ने नेक्स्ट जेनरेशन सुपर राफेल का विकास किया है। कई यूरोपीय देशों ने राफेल जेट खरीदे हैं, जिसमें ग्रीस, क्रोएशिया और सर्बिया शामिल हैं।

पुर्तगाल(Portugal) का निर्णय यह दर्शाता है कि यूरोपीय देश अब अमेरिकी जेट के बजाय यूरोपीय विकल्पों की ओर बढ़ने पर विचार कर रहे हैं। ट्रंप की नीतियों और अमेरिका की अप्रत्याशित राजनीतिक रणनीतियों के कारण यूरोप में असुरक्षा और चिंता बढ़ी है। अब पुर्तगाल और अन्य देशों के लिए यह सवाल उठता है कि वे भविष्य में किस तरह की सैन्य साझेदारी और उपकरणों पर भरोसा करेंगे।Portugal:

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