Kerala News : बच्चों के विचारों को नजरअंदाज न करें : विजयन

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Kerala News : Don't ignore the views of children: Vijayan
locationभारत
userचेतना मंच
calendar20 Dec 2022 04:55 PM
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Kerala News :  कन्नूर (केरल),  केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि किसी भी मुद्दे पर बच्चों की राय पर विचार किया जाना चाहिए और इसे पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे उनमें जिम्मेदारी की भावना पैदा होगी। कन्नूर जनसंपर्क विभाग (पीआरडी) द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में विजयन के हवाले से कहा गया है कि परिवारों, विशेषकर माता-पिता के रवैये में इस तरह के बदलाव से समाज में बदलाव आएगा और इस तरह हम बच्चों के अनुकूल बन सकते हैं।

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  मुख्यमंत्री कन्नूर के धर्मदम निर्वाचन क्षेत्र में केरल बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब परिवार के निर्णय लेने की बात आती है, तो अक्सर बच्चों की बात नहीं होती क्योंकि परिवारों का मानना ​​है कि उनकी राय महत्वपूर्ण नहीं है। विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया, “लोगों की सोच है कि बच्चों की राय महत्वपूर्ण नहीं है। इस सोच को बदलने की जरूरत है। हमारे समाज को उनके व्यक्तित्व का पूरी तरह से सम्मान करने में सक्षम होना चाहिए।” विजयन ने इस कार्यक्रम में यह भी कहा कि सरकार बच्चों के समग्र विकास और भविष्य की पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए परियोजनाओं को तैयार करने के लिए हर प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में आंगनवाड़ियों की संख्या बढ़ाना एक ऐसा उपाय है। उन्होंने कहा कि कोझिकोड जिले में 142 आंगनवाड़ियों में विशेष बच्चों के लिए सुविधाएं पायलट परियोजना के रूप में उपलब्ध कराई जाएंगी और आंगनवाड़ियों को सामुदायिक संसाधन केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा।
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Crime News : नौकरी के इच्छुक लोगों से करोड़ों की ठगी, रेलवे स्टेशन पर रोज गिनवाते रहे ट्रेन

Station
Fraud of crores from job aspirants, getting trains counted daily at railway station
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:03 AM
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नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के अलग-अलग प्लेटफार्मों पर तमिलनाडु के कम से कम 28 लोग करीब एक महीने तक रोजाना आठ घंटे आने-जाने वाली ट्रेनों तथा उनके डिब्बों की गिनती कर रहे थे। उन्हें बताया गया था कि यही उनका काम है। वे इस बात से बेखबर थे कि वे नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं।

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दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दायर एक शिकायत के अनुसार, उन्हें बताया गया था कि यह यात्रा टिकट परीक्षक (टीटीई), यातायात सहायकों और क्लर्कों के पदों के लिए उनके प्रशिक्षण का हिस्सा था। रेलवे में नौकरी पाने के लिए उनमें से प्रत्येक ने दो लाख से 24 लाख रुपये के बीच की राशि का भुगतान किया था

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शिकायत 78 वर्षीय एम सुब्बुसामी द्वारा दर्ज कराई गई। शिकायत के अनुसार, जून और जुलाई के बीच हुए एक महीने के प्रशिक्षण के लिए, धोखेबाजों के एक समूह द्वारा पीड़ितों से 2.67 करोड़ रुपये ठगे गए। पूर्व सैनिक सुब्बुसामी पीड़ितों को कथित धोखेबाजों के संपर्क में लाए थे, लेकिन उन्होंने दावा किया कि वह इस बात से अनजान थे कि यह सब एक घोटाला था और वह भी उनके जाल में फंस गए।

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मदुरै के एक पीड़ित 25 वर्षीय स्नेहिल कुमार ने कहा कि प्रत्येक उम्मीदवार ने सुब्बुसामी को दो लाख रुपये से लेकर 24 लाख रुपये तक की रकम का भुगतान किया, जिसने विकास राणा नाम के एक व्यक्ति को भुगतान किया। राणा ने दिल्ली में उत्तर रेलवे कार्यालय में खुद को एक उप निदेशक के रूप में पेश किया। ज्यादातर पीड़ित इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा की पृष्ठभूमि वाले स्नातक हैं। तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले में अपने गृहनगर से सुब्बुसामी ने कहा कि मेरी सेवानिवृत्ति के बाद से, मैं अपने इलाके के बेरोजगार युवाओं को बिना किसी मौद्रिक हित के उपयुक्त नौकरी खोजने में मदद कर रहा हूं।

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प्राथमिकी में, उसने आरोप लगाया है कि वह दिल्ली के एक एमपी क्वार्टर में कोयम्बटूर निवासी शिवरमन नामक व्यक्ति से मिला था। शिवरमन ने सांसदों और मंत्रियों के साथ अपनी जान-पहचान का दावा किया और मौद्रिक लाभ के बदले बेरोजगारों के लिए रेलवे में रोजगार की पेशकश की। जिसके बाद सुब्बसामी नौकरी की तलाश कर रहे तीन लोगों के साथ दिल्ली आया और बाद में नौकरी पाने के लिए 25 लोग और उनके साथ आए।

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ईओडब्ल्यू ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि यह एक नौकरी घोटाला था और आगे की जांच चल रही है। रेल मंत्रालय में मीडिया और संचार के अतिरिक्त महानिदेशक योगेश बवेजा ने इस तरह के नौकरी घोटालों के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि रेलवे बोर्ड नियमित रूप से सलाह जारी कर रहा है और आम लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी के खिलाफ सतर्क कर रहा है।
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Hero of Longewala : नहीं रहे 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के जाँबाज सैनिक भैरों सिंह राठौर, लम्बी बीमारी के चलते हुआ निधन

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:58 AM
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1971 में राजस्थान के लोंगेवाला में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना के पराक्रम और शौर्य की मिसालें आज भी दी जाती हैं और अपनी वीरता का लोहा मनवाने वाले भैरों सिंह राठौर जिन्हें Hero of Longewala भी कहते हैं, को शायद हर देशवासी जानता है। जंग में बहादुरी से लड़ने और दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले भैरों सिंह 81 वर्ष की आयु में जिंदगी की जंग को हार गए। बताया जा रहा है कि वे पैरालिसिस से पीड़ित थे और उन्हें 14 दिसंबर को जोधपुर के एम्स अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था। Hero of Longewala भैरों सिंह राठौर के पुत्र सवाई सिंह ने यह जानकारी दी कि उनके पिता को बीते कुछ दिनों से ICU या सामान्य कक्ष में रखा जा रहा था जहाँ उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। डॉक्टर्स के अनुसार शायद उन्हें ब्रेन स्टोक की समस्या भी हुई थी।

वीरता की अनूठी मिसाल थे भैरों सिंह जी

1971 में लड़े गए भारत-पाकिस्तान युद्ध में भैरों सिंह राठौर (Hero of Longewala) को लोंगेवाला नाम की चौकी पर तैनात किया गया था जहाँ वे एक छोटी यूनिट संभाल रहे थे और उनके साथ थी 23 पंजाब रेजिमेंट की कंपनी। यहां अपने शौर्य से 5 दिसंबर 1971 को भैरों सिंह और उनकी टुकड़ी ने पाकिस्तान की बिग्रेड और टैंक रेजिमेंट पर हमला करते हुए उन्हें समाप्त कर दिया था। उनके इस अदम्य साहस को देखते हुए सरकार ने उन्हें वर्ष 1972 में सेना पदक भी दिया। साल 1987 में भैरों सिंह राठौर बीएसफ से सेवनिवृत्त हुए थे।

फिल्मों में भी दर्शायी गयी उनकी वीरता

Hero of Longewala असल जिंदगी में एक हीरो थे और इसी कारण उनकी वीरता को बॉलीवुड की फ़िल्म बॉर्डर में भी दर्शाया गया था। फ़िल्म में सुनील शेट्टी ने भैरों सिंह राठौर की भूमिका निभाई थी और उनके साहस का पर्दे पर सशक्त चित्रण किया था। यह फ़िल्म आज भी देशवासियों के दिल के काफी करीब है।
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