Haryana : गृहमंत्री अनिल विज का औचक निरीक्षण, थाना प्रभारी समेत 5 पुलिस कर्मचारी निलंबित

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Haryana News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:43 AM
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Haryana News: जींद। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने रविवार दोपहर को सदर थाना नरवाना का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान रिकॉर्ड दुरुस्त नहीं पाए जाने तथा अन्य खामियां पाए जाने पर थाना प्रभारी समेत पांच पुलिसकर्मियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।

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अधिकारी ने बताया कि गृहमंत्री ने चेताया कि कार्य में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उन्होंने बताया कि गृह मंत्री अनिल विज रविवार दोपहर को अंबाला से हिसार जा रहे थे, उसी दौरान अचानक उनका काफिला हिसार चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने सदर थाने में घुसा, मंत्री के औचक निरीक्षण के दौरान वहां रिकॉर्ड दुरुस्त नहीं मिला तो कुछ अन्य खामियां भी पाई गई।

उन्होंने बताया कि इस पर गृह मंत्री अनिल विज ने सदर थाना नरवाना प्रभारी तथा उप निरीक्षक बलवान सिंह, थाने के मुंशी हवलदार रामनिवास, हवलदार संदीप, सिपाही रमन तथा कंप्यूटर ऑपरेटर सिपाही कुलदीप को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया।

अधिकारी ने बताया कि लगभग 20 मिनट तक गृह मंत्री थाने में मौजूद रहे और जब उन्होंने रिकॉर्ड खंगाला तो वह दुरुस्त नहीं पाया गया।

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Jaipur Blast Case : आरोपियों को बरी करने के खिलाफ अपील पर सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट

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Supreme Court to hear appeal against acquittal of accused
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 May 2023 10:31 PM
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट 2008 के जयपुर श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों में मारे गए लोगों के कुछ परिजनों की उस याचिका पर 17 मई को सुनवाई करने पर सहमत हो गई है, जिसमें निचली अदालत द्वारा मौत की सजा पाए चार लोगों को बरी करने के राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई है।

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13 मई 2008 को हुए थे सीरियल बम धमाके तेरह मई, 2008 को मानक चौक खंड, चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर एक के बाद एक बम धमाकों से जयपुर दहल उठा था। विस्फोटों में 71 लोग मारे गए थे और 185 घायल हुए थे।

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हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने विस्फोटों के पीड़ितों के कुछ परिवारों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की दलीलों पर विचार किया। वरिष्ठ अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया। राजस्थान सरकार ने 25 अप्रैल को मामले में उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर की थी। शीर्ष अदालत ने 12 मई को विस्फोट पीड़ितों के परिजनों को फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दी। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Delhi Riots Case : अदालत ने एसआई को जांच से हटाया, सीपी के पास भेजा मामला

Delhi 1
Court removes SI from investigation, case sent to CP
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 May 2023 09:52 PM
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नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में लापरवाह तथा अनुचित आचरण के लिए एक पुलिस अधिकारी को जांच से हटा दिया। कोर्ट ने जांच के मूल्यांकन के लिए मामले को पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के पास भेज दिया।

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जांच अधिकारी ने दी गलत जानकारी

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला खजूरी खास थाने में कुछ लोगों के खिलाफ दंगा, चोरी, लूट और आगजनी समेत विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। न्यायाधीश ने पिछले सप्ताह जारी एक आदेश में कहा कि मैं इस मामले में पुलिस आयुक्त को उपनिरीक्षक विपिन कुमार द्वारा की गयी जांच तथा तथ्यों की गलत जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को देने के उनके आचरण के मूल्यांकन का आदेश देता हूं। इस मामले में 10 शिकायतें जोड़ी गयी थीं। अदालत ने एक मई को प्रत्येक घटना के समय के साथ ही संबंधित सबूत देने के लिए पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पूर्व) से जवाब मांगा था।

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अधिकारी ने गंभीरता से नहीं की जांच

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मामले को जांच अधिकारी द्वारा की गयी जांच के मूल्यांकन के लिए डीसीपी के पास भेजा जाता है, जिन्होंने यह बताने के लिए पर्याप्त सबूत पेश नहीं किए कि प्रत्येक शिकायत के संबंध में असल में क्या जांच की गयी। प्रत्येक घटना का वक्त क्या था और इन घटनाओं के लिए आरोपियों पर उंगली उठाने का आधार क्या है। न्यायाधीश ने 10 मई को सुनवाई के दौरान कहा था कि डीसीपी की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने जांच अधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी और यह सही नहीं पायी गयी। उन्होंने रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए कहा कि सहायक पुलिस आयुक्त और खजूरी खास थाने के एसएचओ को पूरे मामले की समीक्षा करने तथा आवश्यकता पड़ने पर किसी अन्य जांच अधिकारी से इसकी जांच कराने का निर्देश दिया जाता है।

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अब 20 जुलाई को होगी सुनवाई

न्यायाधीश प्रमाचला ने कहा कि एसआई कुमार ने वरिष्ठ अधिकारी को दी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एक शिकायतकर्ता समीजा ने कहा था कि भीड़ ने 25 फरवरी 2020 को सुबह 11 बजे मकानों में आग लगायी थी। मामले में 10 शिकायतों को जोड़ा गया, लेकिन आरोप-पत्र तथा गवाहों के बयान में कई घटनाओं के समय का उल्लेख नहीं है। अदालत ने कहा कि घटना का वक्त जांच का सबसे आवश्यक हिस्सा है और अदालत अभी तक की गयी अधूरी जांच के कारण आरोप तय नहीं कर पायी है। मामले पर अगली सुनवाई के लिए 20 जुलाई की तारीख तय की गयी है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।