Noida News : उत्तर प्रदेश के शो विंडो कहे जाने वाले शहर नोएडा में यूं तो तकरीबन 150 से भी अधिक सेक्टर विकसित हैं। लेकिन आपने सेक्टर नंबर-13 कहीं देखा है? निश्चित तौर पर नहीं देखा होगा। क्योंकि शहर को बसाने वाले वास्तुविदों तथा शहर नियोजकों ने सेक्टर-13 बनाया ही नहीं है। कारण स्पष्ट है कि 13 अंक को अशुभ माना जाता है। इसीलिए नोएडा प्राधिकरण ने यहां सेक्टर-13 विकसित नहीं किया है।
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चूंकि न सिर्फ भारतीय बल्कि यह वैश्विक मान्यता है कि 13 का अंक अशुभ होता है। ऐसा नहीं कि नोएडा में ही सेक्टर-13 नहीं है। देश के सर्वाधिक पॉश शहर कहे जाने वाले चंडीगढ में भी सेक्टर-13 नहीं है। पड़ोसी फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुडगांव में भी सेक्टर-13 नहीं मिलेगा। विश्व में इंग्लैंड, चीन जैसे अन्य विकसित देशों में भी 13 का अंक अशुभ माना जाता है।
क्यों अशुभ माना जाता है 13 का अंक
अंकों में 13 नंबर को अशुभ या मनहूस समझा जाता है लेकिन क्या कभी आपने इसका कारण जानने की कोशिश की है? आइए आज हम आपको बताते हैं 13 के अंक का रहस्य। इस बाबत जब नोएडा के कुछ ज्योतिषाचार्य व वास्तुविदों से पूछा गया तो उनका जवाब था कि दरअसल 13 का कुल योग 4 होता है। यह राहु का अंक माना जाता है। जो शुभ नहीं बल्कि कष्टकारी होता है।
पश्चिमी देशों में आपको 13 का अच्छा खासा डर देखने को मिलेगा। होटलों में तेरह नंबर का कमरा नहीं होता, बारह नंबर के कमरे के बाद चौदह नंबर का आता है।
विदेशी पत्रिकाओं से प्राप्त जानकारी के अनुसार 13 तारीख को इसलिए अशुभ माना जाता है क्योंकि एकबार यीशु मसीह के साथ एक ऐसे शख्स ने विश्वासघात किया था जो उन्ही के साथ रात्रिभोज कर रहा था। वह शख्स 13 नंबर की कुर्सी पर बैठा हुआ था। बस तभी से लोगों ने इस अंक को दुर्भाग्यपूर्ण समझ लिया और उसके बाद से इस नंबर से दूर भागने लगे।
मनोविज्ञान ने 13 अंक के इस डर को ट्रिस्काइडेकाफोबिया या थर्टीन डिजिट फोबिया नाम दिया है। डर इस हद तक बढ़ गया कि इसकी वजह से लोगों ने 13 नंबर का इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया। तेरह की संख्या सबसे पहले चीन में अशुभ मानी गई और फिर धीरे-धीरे सारी दुनिया में, तेरह का आंकड़ा अपशकुन हो गया। वह चीन से ही फैला। पश्चिम में जहां तेरह का आंकड़ा अपशकुन है उनको पता भी नहीं कि क्यों अपशकुन है।
विदेशों में शुक्रवार की 13 तारीख को लोग अपने घरों से बाहर तक निकलना पसंद नहीं करते। और तो और यहां हॉस्टल या घर लेते समय लोग 13 नंबर लेने से बुरी तरह झिझकते हैं। उनके दिमाग में इस बात का डर बैठा रहता है कि कहीं कुछ अशुभ न हो जाए। इसलिए वो कई बार अच्छी प्रॉपर्टी का सौदा तक छोडऩे के लिए तैयार हो जाते हैं। अब आप इस खौफ को समझ सकते हैं।
13 नंबर न्यूमरोलॉजी के हिसाब से शुभ नहीं समझा जाता। इसकी वजह 12 नंबर है। दरअसल, न्यूमरोलॉजी में 12 नंबर को पूर्णता का प्रतीक माना जाता है और इसमें एक और नंबर जोडऩा यानि बुरे भाग्य का प्रतीक माना जा सकता है। इसलिए 13 नंबर को अशुभ समझा जाता है। प्राचीन सभ्यताओं में भी बारह के साथ कई गणितीय व्यवस्थाएं बनाई गई हैं।
अटल जी के लिए अंक 13 अशुभ
अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से भी 13 का गहरा संबंध रहा है। उनकी सरकार पहली बार महज 13 दिन ही स्थिर रह सकी। इसके बाद फिर जब वाजपेयी के सामने दोबारा शपथ ग्रहण का मौका आया तो उन्होंने 13 तारीख को चुना। इसके बाद उनकी यह सरकार भी सिर्फ 13 महीने तक ही चली। पुन: वाजपेयी ने 13वीं लोकसभा के प्रधानमंत्री के रूप में, 13 दलों के सहयोग से 13 तारीख को ही शपथ ली, लेकिन फिर 13 को ही हार का सामना करना पड़ा। कई लोग इसे महज संयोग नहीं मानते। इटली के कई ओपरा हाउस में 13 नंबर के इस्तेमाल से बचा जाता है। Noida News
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