विवादित बयान के बावजूद अड़ियल बन रहे मंत्री विजय शाह, सुप्रीम कोर्ट से...

कांग्रेस ने की विजय शाह को मंत्री पद से हटाने की मांग
इस मामले की आज हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है और उस वीडियो का लिंक भी पेश किया जाएगा, जिसमें मंत्री द्वारा दिया गया विवादित बयान रिकॉर्ड है। उधर, कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है और मंत्री को पद से हटाने की मांग कर रही है। इंदौर, भोपाल, जबलपुर जैसे शहरों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया है।कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
विजय शाह पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है: धारा 152: देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य, जिसकी सजा उम्रकैद या 7 साल तक की जेल हो सकती है। धारा 196(1)(ख): धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने से संबंधित, जिसमें 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। धारा 197(1)(ग): भारत की राष्ट्रीय एकता और संविधान के प्रति निष्ठा को कमजोर करने वाले बयान, जिसमें 3 साल की सजा हो सकती है। इस प्रकरण से राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है और अब निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले और हाईकोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं। ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।अगली खबर पढ़ें
कांग्रेस ने की विजय शाह को मंत्री पद से हटाने की मांग
इस मामले की आज हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है और उस वीडियो का लिंक भी पेश किया जाएगा, जिसमें मंत्री द्वारा दिया गया विवादित बयान रिकॉर्ड है। उधर, कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है और मंत्री को पद से हटाने की मांग कर रही है। इंदौर, भोपाल, जबलपुर जैसे शहरों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया है।कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
विजय शाह पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है: धारा 152: देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य, जिसकी सजा उम्रकैद या 7 साल तक की जेल हो सकती है। धारा 196(1)(ख): धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने से संबंधित, जिसमें 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। धारा 197(1)(ग): भारत की राष्ट्रीय एकता और संविधान के प्रति निष्ठा को कमजोर करने वाले बयान, जिसमें 3 साल की सजा हो सकती है। इस प्रकरण से राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है और अब निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले और हाईकोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं। ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।संबंधित खबरें
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