Bihar News : आरएस भट्टी बिहार के नए पुलिस महानिदेशक नियुक्त

Bhatti
RS Bhatti appointed new Director General of Police of Bihar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:24 AM
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पटना। बिहार सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी आरएस भट्टी को नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया है।

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गृह विभाग द्वारा रविवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार बिहार कैडर के 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी राजविंदर सिंह भट्टी को अगले आदेश तक बिहार का डीजीपी का नियुक्त किया गया है। भट्टी वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और अतिरिक्त महानिदेशक (पूर्वी कमान), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के रूप में तैनात हैं।

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भट्टी, एसके सिंघल का स्थान लेंगे, जो 19 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अपनी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से पहले भट्टी बिहार सैन्य पुलिस के महानिदेशक थे।

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बिहार में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे भट्टी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अपने पहले कार्यकाल के दौरान सीबीआई के संयुक्त निदेशक के पद पर पदस्थापित किए गए थे।
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MP Political News : कांग्रेस ने एमपी में सत्ता में आने पर कृषि ऋण माफी योजना को फिर से लाने का वादा किया

Kamalnath
कमलनाथ की छुट्टी हुई
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:14 AM
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भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने वादा किया है कि पार्टी अगर राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर सत्ता में लौटती है तो वह कृषि ऋण माफी योजना को फिर से शुरू करेगी, जिसे उसने 2018 में सरकार गठन के बाद लागू किया था। पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी की सरकार होती तो राज्य के हर किसान का कृषि ऋण अब तक चुका दिया गया होता।

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पिछले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी के सत्ता में आने पर राज्य में कृषि ऋण माफी योजना लागू करने का वादा किया था। पार्टी ने अपना वादा पूरा भी किया था, क्योंकि कमलनाथ ने दिसंबर 2018 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद दो लाख रुपये तक के ऋण माफ करने की फाइल पर हस्ताक्षर किए थे। माना जाता है कि पार्टी की जीत के प्रमुख कारणों में कृषि ऋण माफी का वादा भी शामिल था।

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कमलनाथ ने जिस दिन (17 दिसंबर 2018) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, उसी दिन जारी ऋण माफी योजना के आदेश को साझा करते हुए उन्होंने ट्वीट किया था, ‘इस दिन (17 दिसंबर) राज्य के किसानों की कर्जमाफी का आदेश जारी किया गया था। अगर अभी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई कांग्रेस सरकार होती तो अब तक राज्य के एक-एक किसान का कर्ज माफ हो गया होता।’ कमलनाथ ने आश्वासन दिया कि राज्य में कांग्रेस की वापसी होने पर किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। अगले साल कांग्रेस की सरकार बनते ही यह आदेश दोबारा लागू होगा और एक-एक किसान भाई का कर्ज माफ किया जाएगा।

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कमलनाथ के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस घोषणा को ‘धोखाधड़ी’ करार दिया। मिश्रा मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के प्रवक्ता भी हैं। उन्होंने कहा कि एक भी किसान को दो लाख रुपये तक की कृषि ऋण माफी का लाभ नहीं मिला, जैसा कि (कमननाथ द्वारा पोस्ट) आदेश में कहा गया है। यह धोखा है। यह ट्वीट किसानों के घावों पर नमक छिड़क रहा है, जो इस वादे के कारण ‘डिफॉल्टर’ हो गए हैं।

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पंद्रह साल तक सत्ता में रहने के बाद भाजपा मध्य प्रदेश में 2018 का विधानसभा चुनाव हार गई थी। इसके बाद कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने निर्दलीय, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायकों की मदद से राज्य में सरकार बनाई थी। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार दो दर्जन कांग्रेस विधायकों के विद्रोह करने और कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने से मार्च 2020 में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनी थी।
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National News : एएसआई पटना ने ‘रानीवास टीला’ को संरक्षित स्मारक की सूची में शामिल करने के लिए नई रिपोर्ट भेजी

Asi
ASI Patna sent new report to include 'Raniwas Tila' in the list of protected monument
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 Dec 2022 09:40 PM
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पटना। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पटना सर्कल ने अपने दिल्ली मुख्यालय को विश्व प्रसिद्ध बौद्ध स्थल पूर्वी चंपारण जिला के केसरिया स्तूप से एक किलोमीटर उत्तर स्थित ‘रानीवास टीला’ को संरक्षित स्मारकों की सूची में शामिल किए जाने को लेकर एक रिपोर्ट भेजी है।

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एएसआई पटना सर्कल ने इसी तरह के दो और स्थलों कैमूर जिले के बसाहन में ‘अशोक के शिलालेख’ और भागलपुर में विक्रमशिला स्थल के पास ‘जंगलिस्तान क्षेत्र में टीला’ से संबंधित प्रस्ताव मुख्यालय को पूर्व में भेजा था।

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एएसआई पटना सर्कल की अधीक्षण पुरातत्वविद गौतमी भट्टाचार्य ने कहा कि पटना सर्कल के संरक्षण प्रस्तावों को एएसआई मुख्यालय द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद ये प्राचीन स्थल केंद्रीय संरक्षित स्मारकों की सूची में शामिल हो जाएंगे। एएसआई मुख्यालय ने हमसे ‘रानीवास टीले’ के बारे में कुछ स्पष्टीकरण मांगा था। हमने 30 नवंबर को एएसआई के संरक्षित स्मारकों की सूची में इसे शामिल करने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। उन्होंने कहा कि हम इस स्थल की आगे की पुरातात्विक जांच भी चाहते हैं। भट्टाचार्य ने कहा कि इससे पहले टीले की प्रकृति और क्षेत्र की बौद्ध स्थापना और ऐतिहासिकता को समझने के लिए इस साइट के एएसआई द्वारा खुदाई की योजना बनाई गई थी। मठ की कोठरियां आयताकार हैं और इनमें एक सुंदर द्वार और आंगन के साथ स्तंभों वाला बरामदा है। एक महत्वपूर्ण खोज टेराकोटा सीलिंग की थी। इसमें शिलालेख की एक पंक्ति के बाद शीर्ष पर एक स्तूप का चित्रण किया गया है।

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उन्होंने कहा कि मिट्टी के बर्तनों में आम तौर पर लाल बर्तन हैं। हालांकि काले रंग के कुछ टुकड़े भी पाए गए हैं। घुंडीदार ढक्कन, कटोरे आदि मुख्य रूप से देखे जाने योग्य आकार हैं। खुदाई के दौरान अलंकृत ईंटें और टेराकोटा एवं पत्थर की निर्मित अन्य उल्लेखनीय सामग्री मिली हैं। इसके अलावा भागलपुर में विक्रमशिला स्थल के पास जंगलिस्तान में टीले और कैमूर के बसहन में अशोक के शिलालेख के संरक्षण के प्रस्ताव भी एएसआई मुख्यालय के पास लंबित हैं।

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एएसआई, पटना के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अशोक शिलालेख स्थल कैमूर में है और सूची में शामिल करने की सिफारिश 2008 में भेजी गई थी। इसके बाद 2010 और 2021 में सिफारिशें भेजी गईं। जंगलिस्तान में एक टीले के लिए सिफारिशें 2010 में भेजी गई थीं। वर्तमान में बिहार में 70 स्थल एएसआई के अधीन हैं जो उसके पटना सर्कल के तहत आते हैं। जानकारों का मानना है कि गया के शिव मंदिर को एएसआई ने 1996 में अधिसूचित किया था और उसके बाद से बिहार में किसी भी नए स्थल को एएसआई के दायरे में नहीं लाया गया है।