गुरुग्राम की प्रॉपर्टी मार्केट पर बड़ा खुलासा, ताश के पत्तों का महल या मुनाफे का मकड़जाल?




GST Relief : GST व्यवस्था में एक बार फिर बड़ा बदलाव संभव है और इस बार इसका सीधा असर मिडिल क्लास और निम्न आय वर्ग के करोड़ों उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार 12 फीसदी के मौजूदा जीएसटी स्लैब को समाप्त कर, इसके अंतर्गत आने वाले अधिकांश आवश्यक वस्तुओं को 5 फीसदी टैक्स कैटेगरी में लाने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है।
सरकार की मंशा है कि रोजमर्रा में उपयोग में आने वाले उन उत्पादों पर टैक्स बोझ कम किया जाए, जिन्हें देश के आम नागरिक प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं। मौजूदा समय में साबुन, टूथपेस्ट, कपड़े, जूते-चप्पल और मिठाइयों जैसी कई वस्तुएं 12% जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आती हैं। यदि इन्हें 5% के स्लैब में शिफ्ट किया जाता है, तो इनके दामों में सीधे तौर पर कमी देखी जा सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को वास्तविक राहत मिलेगी। बताया जा रहा है कि इस महीने प्रस्तावित 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा और अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।
यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो कपड़े से लेकर डेयरी उत्पादों तक—कई सामानों की कीमतों में स्पष्ट गिरावट आएगी, जो महंगाई से जूझ रहे घरों के लिए एक बड़ी राहत होगी। वर्ष 2017 में लागू हुई जीएसटी प्रणाली में वर्तमान में चार टैक्स स्लैब हैं—5%, 12%, 18% और 28%। इनमें से 5% स्लैब को सबसे कम और 28% को सबसे अधिक टैक्स श्रेणी माना जाता है। वहीं, आवश्यक वस्तुएं आमतौर पर 5% और 12% के बीच वर्गीकृत की जाती हैं। सरकार की कोशिश है कि टैक्स ढांचे को और अधिक सरल, तर्कसंगत और जनहितैषी बनाया जाए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही यह संकेत दे चुकी हैं कि जीएसटी टैक्स ढांचे को सरल बनाने का कार्य प्रगति पर है। मार्च में उन्होंने कहा था कि जैसे-जैसे स्लैब का पुनर्गठन पूरा होगा, टैक्स दरों में कमी का रास्ता खुलेगा। अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार इस दिशा में पहला बड़ा कदम उठाने जा रही है। GST Relief
GST Relief : GST व्यवस्था में एक बार फिर बड़ा बदलाव संभव है और इस बार इसका सीधा असर मिडिल क्लास और निम्न आय वर्ग के करोड़ों उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार 12 फीसदी के मौजूदा जीएसटी स्लैब को समाप्त कर, इसके अंतर्गत आने वाले अधिकांश आवश्यक वस्तुओं को 5 फीसदी टैक्स कैटेगरी में लाने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है।
सरकार की मंशा है कि रोजमर्रा में उपयोग में आने वाले उन उत्पादों पर टैक्स बोझ कम किया जाए, जिन्हें देश के आम नागरिक प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं। मौजूदा समय में साबुन, टूथपेस्ट, कपड़े, जूते-चप्पल और मिठाइयों जैसी कई वस्तुएं 12% जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आती हैं। यदि इन्हें 5% के स्लैब में शिफ्ट किया जाता है, तो इनके दामों में सीधे तौर पर कमी देखी जा सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को वास्तविक राहत मिलेगी। बताया जा रहा है कि इस महीने प्रस्तावित 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा और अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।
यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो कपड़े से लेकर डेयरी उत्पादों तक—कई सामानों की कीमतों में स्पष्ट गिरावट आएगी, जो महंगाई से जूझ रहे घरों के लिए एक बड़ी राहत होगी। वर्ष 2017 में लागू हुई जीएसटी प्रणाली में वर्तमान में चार टैक्स स्लैब हैं—5%, 12%, 18% और 28%। इनमें से 5% स्लैब को सबसे कम और 28% को सबसे अधिक टैक्स श्रेणी माना जाता है। वहीं, आवश्यक वस्तुएं आमतौर पर 5% और 12% के बीच वर्गीकृत की जाती हैं। सरकार की कोशिश है कि टैक्स ढांचे को और अधिक सरल, तर्कसंगत और जनहितैषी बनाया जाए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही यह संकेत दे चुकी हैं कि जीएसटी टैक्स ढांचे को सरल बनाने का कार्य प्रगति पर है। मार्च में उन्होंने कहा था कि जैसे-जैसे स्लैब का पुनर्गठन पूरा होगा, टैक्स दरों में कमी का रास्ता खुलेगा। अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार इस दिशा में पहला बड़ा कदम उठाने जा रही है। GST Relief

Indian Railway : भारतीय रेलवे की तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में हालिया बदलाव का असर पहले ही दिन दिखाई देने लगा है। दिल्ली से वाराणसी, लखनऊ और बिहार जाने वाली प्रमुख ट्रेनों में वर्षों बाद तत्काल कोटे में सीटें खाली देखी गईं। यह नज़ारा उन यात्रियों के लिए सुकून देने वाला रहा, जो अब तक एजेंटों और दलालों की वजह से टिकट से वंचित रह जाते थे। रेल मंत्रालय ने 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग को लेकर आधार आधारित ओटीपी सत्यापन को अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत अब IRCTC की वेबसाइट या ऐप पर सिर्फ वही यात्री टिकट बुक कर सकेंगे जिनका आधार पहले से सत्यापित है। यही नहीं, अधिकृत एजेंट्स के लिए भी यह नियम लागू कर दिया गया है और उन्हें तत्काल बुकिंग के पहले 30 मिनट तक रोक दिया गया है।
अब तत्काल टिकट सिर्फ आधार सत्यापित यूजर ही IRCTC पोर्टल पर बुक कर पाएंगे।
एजेंट्स को सुबह 10:30 (AC क्लास) और 11:30 (Non-AC क्लास) के बाद ही बुकिंग की अनुमति होगी।
15 जुलाई से काउंटर और एजेंट के जरिये टिकट लेने पर भी आधार अनिवार्य होगा।
बुकिंग विंडो खुलने के पहले 30 मिनट तक एजेंट कोई टिकट नहीं बुक कर सकेंगे।
तत्काल कोटे की कुछ सीटें अब प्रीमियम तत्काल श्रेणी में शिफ्ट कर दी गई हैं, जहां डायनामिक किराया लागू होता है।
नई व्यवस्था के लागू होते ही सोशल मीडिया पर कई यात्रियों ने प्रतिक्रिया दी कि उन्हें वर्षों बाद आसानी से तत्काल टिकट मिल सका। रेलवे सूत्रों की मानें तो दिल्ली से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर चलने वाली ट्रेनों में बुकिंग समय के काफी देर बाद तक सीटें उपलब्ध थीं। जहां पहले कुछ ही मिनटों में तत्काल टिकट ‘Sold Out’ हो जाता था, अब सिस्टम में पारदर्शिता आने से बुकिंग प्रक्रिया काफी सहज हो गई है।
रेल मंत्रालय का स्पष्ट कहना है कि यह बदलाव आम यात्रियों को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से किया गया है। पहले बड़ी संख्या में तत्काल टिकट बॉट्स या एजेंट नेटवर्क के ज़रिये बुक हो जाते थे। नई व्यवस्था में न केवल एजेंट की भूमिका सीमित हुई है, बल्कि फर्जी आईडी से बुकिंग भी रोक दी गई है। हालांकि एजेंटों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है, लेकिन रेलवे इसे यात्री हित में जरूरी और दीर्घकालिक समाधान मानता है।
तत्काल टिकट उन यात्रियों के लिए होता है जिन्हें आपात स्थिति में यात्रा करनी होती है। इसमें टिकट बुकिंग यात्रा से एक दिन पहले होती है और सीमित सीटें होती हैं।
प्रीमियम तत्काल में डायनामिक किराया लागू होता है। जितनी मांग, उतना किराया। यह केवल IRCTC की वेबसाइट या ऐप पर ही उपलब्ध होता है। इसमें काउंटर या एजेंट बुकिंग नहीं होती।
IRCTC वेबसाइट या ऐप खोलें और लॉग इन करें।
'प्रोफाइल' सेक्शन में जाकर 'लिंक आधार' चुनें।
आधार नंबर और नाम दर्ज करें, फिर OTP भेजें।
ओटीपी दर्ज कर सत्यापन पूरा करें। Indian Railway
Indian Railway : भारतीय रेलवे की तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में हालिया बदलाव का असर पहले ही दिन दिखाई देने लगा है। दिल्ली से वाराणसी, लखनऊ और बिहार जाने वाली प्रमुख ट्रेनों में वर्षों बाद तत्काल कोटे में सीटें खाली देखी गईं। यह नज़ारा उन यात्रियों के लिए सुकून देने वाला रहा, जो अब तक एजेंटों और दलालों की वजह से टिकट से वंचित रह जाते थे। रेल मंत्रालय ने 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग को लेकर आधार आधारित ओटीपी सत्यापन को अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत अब IRCTC की वेबसाइट या ऐप पर सिर्फ वही यात्री टिकट बुक कर सकेंगे जिनका आधार पहले से सत्यापित है। यही नहीं, अधिकृत एजेंट्स के लिए भी यह नियम लागू कर दिया गया है और उन्हें तत्काल बुकिंग के पहले 30 मिनट तक रोक दिया गया है।
अब तत्काल टिकट सिर्फ आधार सत्यापित यूजर ही IRCTC पोर्टल पर बुक कर पाएंगे।
एजेंट्स को सुबह 10:30 (AC क्लास) और 11:30 (Non-AC क्लास) के बाद ही बुकिंग की अनुमति होगी।
15 जुलाई से काउंटर और एजेंट के जरिये टिकट लेने पर भी आधार अनिवार्य होगा।
बुकिंग विंडो खुलने के पहले 30 मिनट तक एजेंट कोई टिकट नहीं बुक कर सकेंगे।
तत्काल कोटे की कुछ सीटें अब प्रीमियम तत्काल श्रेणी में शिफ्ट कर दी गई हैं, जहां डायनामिक किराया लागू होता है।
नई व्यवस्था के लागू होते ही सोशल मीडिया पर कई यात्रियों ने प्रतिक्रिया दी कि उन्हें वर्षों बाद आसानी से तत्काल टिकट मिल सका। रेलवे सूत्रों की मानें तो दिल्ली से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर चलने वाली ट्रेनों में बुकिंग समय के काफी देर बाद तक सीटें उपलब्ध थीं। जहां पहले कुछ ही मिनटों में तत्काल टिकट ‘Sold Out’ हो जाता था, अब सिस्टम में पारदर्शिता आने से बुकिंग प्रक्रिया काफी सहज हो गई है।
रेल मंत्रालय का स्पष्ट कहना है कि यह बदलाव आम यात्रियों को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से किया गया है। पहले बड़ी संख्या में तत्काल टिकट बॉट्स या एजेंट नेटवर्क के ज़रिये बुक हो जाते थे। नई व्यवस्था में न केवल एजेंट की भूमिका सीमित हुई है, बल्कि फर्जी आईडी से बुकिंग भी रोक दी गई है। हालांकि एजेंटों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है, लेकिन रेलवे इसे यात्री हित में जरूरी और दीर्घकालिक समाधान मानता है।
तत्काल टिकट उन यात्रियों के लिए होता है जिन्हें आपात स्थिति में यात्रा करनी होती है। इसमें टिकट बुकिंग यात्रा से एक दिन पहले होती है और सीमित सीटें होती हैं।
प्रीमियम तत्काल में डायनामिक किराया लागू होता है। जितनी मांग, उतना किराया। यह केवल IRCTC की वेबसाइट या ऐप पर ही उपलब्ध होता है। इसमें काउंटर या एजेंट बुकिंग नहीं होती।
IRCTC वेबसाइट या ऐप खोलें और लॉग इन करें।
'प्रोफाइल' सेक्शन में जाकर 'लिंक आधार' चुनें।
आधार नंबर और नाम दर्ज करें, फिर OTP भेजें।
ओटीपी दर्ज कर सत्यापन पूरा करें। Indian Railway