MP News : मेले में आई डांसर्स की कराई गई थी एचआईवी जांच, विरोध होने पर मामले ने पकड़ा तूल

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MP News: HIV test was done for the dancers who came to the fair, the matter caught fire due to protest
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:44 PM
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MP News :  मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के करीला में एक वार्षिक मेले में नृत्यांगनाओं की कथित तौर पर सरकारी चिकित्सकों द्वारा एचआईवी जांच किए जाने को लेकर विवाद पैदा हो गया है। इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) द्वारा संज्ञान लिए जाने और नोटिस दिए जाने के बाद अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं।

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  ग्वालियर संभाग के आयुक्त दीपक सिंह ने कथित घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। सिंह के अधिकार क्षेत्र में अशोकनगर जिला आता है। नृत्यांगनाओं की एचआईवी जांच किए जाने को लेकर एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, ‘‘एनसीडब्ल्यू ने संज्ञान लिया है। एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कलेक्टर और डीएम (जिलाधिकारी) अशोकनगर को पत्र लिखकर इस तरह के अवांछित निर्णय लेने और नृत्यांगनाओं की भावनाओं को आहत करने के लिए जिला प्रशासन के खिलाफ आरोपों का लिखित स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है।’’ आयोग ने सोमवार को अपने ट्वीट में एक फेसबुक पोस्ट का भी हवाला दिया। इसी बीच, ग्वालियर संभाग के आयुक्त सिंह ने एक आधिकारिक पत्र में मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा कि मेले में नृत्यांगनाओं की एचआईवी जांच की घटना से प्रशासन की छवि धूमिल हुई और एनसीडब्ल्यू ने इसे मानवाधिकार का उल्लंघन मानते हुए आपत्ति दर्ज कराते हुए जवाब भी मांगा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं (ग्वालियर) डॉ. राकेश चतुर्वेदी ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है और दो दिन में जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

Political : स्टालिन का मोदी से आग्रह, 16 मछुआरों की रिहाई के लिए श्रीलंका से करें बात

सिंह ने यह भी बताया कि इस मामले में अशोकनगर जिले के प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. नीरज कुमार छारी का तबादला संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल में कर दिया गया है। अशोकनगर जिले के करीला में रंगपंचमी के दिन एक वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है, जो इस साल 12 मार्च को मनाया गया, जहां माता जानकी का मंदिर स्थित है। इस मेले के दौरान बड़ी संख्या में नर्तकियां राई नृत्य (बुंदेलखंड का पारंपरिक लोक नृत्य) का प्रदर्शन करती हैं।

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Political : स्टालिन का मोदी से आग्रह, 16 मछुआरों की रिहाई के लिए श्रीलंका से करें बात

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Stalin urges Modi to talk to Sri Lanka for the release of 16 fishermen
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 06:18 PM
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चेन्नई। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने पीएम मोदी से आग्रह किया है कि वह तमिलनाडु 16 मछुआरों की रिहाई और 102 नौकाओं को छोड़ने के लिए श्रीलंका सरकार से बात करें।

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श्रीलंका की नौसेना द्वारा 12 मार्च, 2023 को 16 मछुआरों को गिरफ्तार करने और उनकी दो मशीनीकृत नौकाओं को जब्त किए जाने का जिक्र करते हुए स्टालिन ने मोदी को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि दो नौकाएं नागापट्टिनम और पुडुकोट्टई जिलों के मछुआरों की हैं। उन्होंने कहा कि एक महीने के भीतर श्रीलंकाई नागरिकों/नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों पर हमले/गिरफ्तारी की यह तीसरी घटना है। जैसा कि आप जानते हैं, ये मछुआरे आजीविका के लिए पूरी तरह से मछली पकड़ने की गतिविधि पर निर्भर हैं। इस तरह की लगातार हो रही घटनाएं गरीब मछुआरों की आजीविका को प्रभावित करती हैं। उनके मन में भय भी पैदा करती हैं। अपने पहले के पत्रों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने यह मुद्दा विदेश मंत्री एस. जयशंकर के संज्ञान में लाया था। उन्होंने इस मामले को श्रीलंका के सामने उठाया भी था। केंद्र की पहल के बावजूद ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।

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उन्होंने लिखा, ‘इस समय मैं आपसे व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग करना चाहता हूं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे मछुआरों के मछली पकड़ने के पारंपरिक अधिकार स्थायी रूप से सुरक्षित रहें और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक तमिलनाडु की मछली पकड़ने वाली 102 नौकाएं श्रीलंका ने जब्त की हैं। पड़ोसी देश द्वारा छोड़ी गई छह नौकाएं अब भी भारत वापस लाना बाकी है। इसलिए मैं यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करता हूं कि श्रीलंकाई नौसेना द्वारा पकड़े गए सभी 16 मछुआरों और मछली पकड़ने वाली 102 नौकाओं को जल्द मुक्त कराने के लिए आवश्यक कूटनीतिक कदम उठाए जाएं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Tribute : नहीं रहे आतंकी हाफिज सईद का इंटरव्यू करने वाले वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक

Vaidik
Senior journalist Ved Pratap Vaidik is no more to interview terrorist Hafiz Saeed
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Mar 2023 06:22 PM
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नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक का 78 साल की उम्र में निधन हो गया। बताया गया है कि मंगलवार सुबह वह नहाने गए थे, लेकिन काफी देर तक बाहर नहीं आए। सुबह करीब साढ़े नौ बजे परिवार के लोगों ने दरवाजा तोड़ा, तब वे अंदर बेसुध मिले। इसके बाद उन्हें घर के पास स्थित प्रतीक्षा अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि उनका निधन काफी देर पहले ही हो चुका है। उनके निधन से पत्रकार जगत में शोक व्याप्त है। चेतना मंच परिवार की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।

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Lady Loco Pilot : महिला लोको पायलट सुरेखा यादव ने वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन किया

पाकिस्तान में अतंकी हाफिज सईद का इंटरव्यू कर चर्चा में आए डॉ. वेद प्रताप वैदिक एक राजनीतिक विश्लेषक और स्वतंत्र स्तंभकार थे। डा. वैदिक प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की हिंदी समाचार एजेंसी ‘भाषा’ के संस्थापक-संपादक के रूप में जुड़े हुए थे। वह पहले टाइम्स समूह के नवभारत टाइम्स में संपादक (विचार) थे। वह भारतीय भाषा सम्मेलन के अंतिम अध्यक्ष थे। वेद प्रताप वैदिक ने पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद का इंटरव्यू लिया था। उसके बाद वह काफी चर्चित हुए।

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Loksabha : राहुल गांधी की टिप्पणी और अडाणी समूह मामले पर लोकसभा में हंगामा

वरिष्ठ पत्रकार वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से पीएचडी की थी। चार साल तक वह दिल्ली में राजनीति शास्त्र के टीचर भी रहे। दर्शन और राजनीतिशास्त्र में उनकी खूब दिलचस्पी थी। अफ़गानिस्तान में शोध के दौरान वैदिक को न्यूयार्क की कोलम्बिया यूनिवर्सिटी, लंदन ओरिजिनल स्टडी इंस्टीट्यूट, मॉस्को एकेडमी ऑफ साइंस और काबुल यूनिवर्सिटी में स्टडी का विशेष मौका मिला। उन्होंने लगभग 50 देशों की यात्रा की। वैदिक संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, फारसी, रूसी और अंग्रेजी के जानकार थे। अंग्रेजी पत्रकारिता के मुकाबले हिन्दी में बेहतर पत्रकारिता का युगारंभ करने वालों में डॉ. वैदिक का नाम अग्रणी था। साल 1958 में प्रूफ रीडर के तौर पर वह पत्रकारिता में आए थे। पहले सह—सम्पादक और फिर सम्पादक (विचार) के पद पर वह 12 साल तक ‘नवभारत टाइम्स’ में रहे। डॉक्टर वैदिक पत्रकारिता, राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, और हिंदी के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया। अंतरराष्ट्रीय मामलों में जानकार होने के साथ ही उनकी रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा पर पकड़ रही। डॉ. वैदिक नेे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वे भारत के ऐसे पहले विद्वान हैं, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिन्दी में लिखा। उन्होंने अपनी पीएचडी के शोधकार्य के दौरान न्यूयार्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, मॉस्को के ‘इंस्तीतूते नरोदोव आजी’, लंदन के ‘स्कूल ऑफ ओरिंयटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़’ और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।