JEE Main 2022- जेईई मेंस सेशन 2 के लिए रजिस्ट्रेशन का एक और मौका, जल्द करें आवेदन

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userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:42 PM
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JEE Main 2022- नेशनल टेस्ट एजेंसी ने जेईई मेंस (JEE Main 2022) सेशन 2 के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो ओपन कर दी है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की आधिकारिक वेबसाइट jeemain.nta.nic.in पर रजिस्ट्रेशन के लिए लिंक एक्टिव कर दिया गया है। इच्छुक छात्र-छात्राएं आखरी तिथि से पहले आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। आवेदन करने की आखिरी तिथि 9 जुलाई 2022 से। इसके बाद कोई भी आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा अतः उम्मीदवारों से अनुरोध किया जाता है कि, आखिरी तिथि समाप्त होने से पहले एप्लीकेशन फॉर्म भर कर सबमिट कर दें। आवेदन संबंधित नोटिफिकेशन आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है। छात्रों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। यह हेल्पलाइन नंबर है 011-4075 9000/ 011- 6922 7700। इसके अलावा छात्र आधिकारिक वेबसाइट की मेल आईडी jeemain@nta.ac.in पर अपनी समस्या ईमेल भी कर सकते हैं।
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Kanpur Crime : कलयुगी बेटी बनी माँ -बाप का काल खुद ही काट दिया दोनों का गला

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userचेतना मंच
calendar06 Jul 2022 06:25 PM
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Kanpur : कानपुर के बर्रा दो EWS में बुजुर्ग दंपति हत्याकांड में दिल को दहला देने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि हत्याकांड के दौरान प्रेमी के पसीने छूट गए। वह घबराकर पीछे हट गया, लेकिन बेटी ने मां-बाप की गर्दन रेतने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रेमी से चापड़ छीनकर दोनों की गर्दन रेत डाली। इसके बाद भाई को भी फांसी पर लटकाने की तैयारी थी। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। आज दोनों को जेल भेजा जाएगा।

गोद ली हुई बेटी की हैवानियत सुन पुलिस हैरान

DCP क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि बर्रा दो EWS कॉलोनी निवासी मुन्ना लाल उत्तम (61) और उनकी पत्नी राजदेवी (55) हत्याकांड का खुलासा हो गया है। बेटी कोमल ने पूछताछ में बताया कि इलाके में रहने वाले अपने प्रेमी रोहित के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया है। पूछताछ के दौरान सामने आया कि कोमल ने रात में माता-पिता और भाई अनूप को नशीला जूस पिला दिया था।

देर रात 12:54 बजे प्रेमी घर के भीतर दाखिल हुआ। दोनों ने आगे वाले कमरे में सो रहे पिता की गर्दन चापड़ से रेती। खून की धार और मुन्ना लाल को तड़पता देख रोहित बदहवास हो गया। इसके बाद कोमल ने उससे चापड़ छीन लिया और पिता की पूरी गर्दन रेत दी।

इसके बाद मां को प्रेमी के साथ खींचकर आगे वाले कमरे में लाई और उनकी भी गर्दन काट डाली। जबकि रोहित के हाथ-पांव कांपने लगे थे। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करें। करीब सवा घंटे में डबल मर्डर करने के बाद रोहित करीब 2:15 बजे वहां से निकल गया।

भाई को फांसी पर लटकाने की तैयारी थी पुलिस की पूछताछ में कोमल और रोहित ने बताया कि उन लोगों ने प्लान तैयार किया था कि मां और पिता की हत्या करेंगे। इसके बाद नशे में सो रहे भाई अनूप को फांसी के फंदे पर लटका दिया जाएगा। इसके बाद पूरे कांड को इस तरह से दिखाया जाएगा कि भाई ने माता-पिता की हत्या करने के बाद खुद फांसी लगाकर जान दे दी है।

अनूप ने रात को पूरा जूस नहीं पिया था। जूस पीने के बाद उसे उल्टी हो गई थी। इसके चलते वह बेहोश नहीं हुआ सिर्फ गहरी नींद में था। इसके चलते दोनों का भाई को फंदे पर लटकाने का प्लान फेल हो गया। इसके बाद कोमल ने भाई के ससुरालियों पर हत्या की कहानी गढ़ दी।

करोड़ों की प्रॉपर्टी की अकेले बनना चाहती थी मालकिन कोमल करोड़ों की प्रॉपर्टी की अकेले मालकिन बनना चाहती थी। गन फैक्ट्री से रिटायर मुन्नालाल के पास बर्रा दो वाला मकान के साथ ही शहर में ही करोड़ों रुपए के प्लॉट और मकान थे। सरसौल के प्रेमपुर गांव में भी कई बीघा जमीन है। कोमल को लगा कि तीनों की हत्या के बाद वह अपने प्रेमी के साथ शादी कर लेगी। इसके बाद करोड़ों की प्रॉपर्टी पर प्रेमी के साथ राज करेगी।

गोद ली हुई बेटी ने जघन्य हत्याकांड को दिया अंजाम माता-पिता की नृशंस हत्या करने वाली कोमल गोद ली हुई बेटी है। मृतक दंपति के कोई बेटी नहीं थी, सिर्फ इकलौता बेटा था। उन्हें बेटी की बहुत तमन्ना थी, लेकिन उनके दूसरी संतान नहीं हो सकती थी। तब मुन्नालाल ने अपने भाई रामकुमार की बेटी को गोद लिया था। वादा किया था कि बेटी को पढ़ाने लिखाने के साथ ही अच्छी शादी करेंगे, लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि गोद ली हुई बेटी ही एक दिन पूरे परिवार के लिए काल बन जाएगी।

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Health : चमत्कारी जड़ी बूटी है पिप्पली!

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userचेतना मंच
calendar06 Jul 2022 03:23 PM
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 विनय संकोची Health: पिप्पली का नाम भी बहुत से लोगों ने सुना ही नहीं होगा। जिन्होंने पिप्पली का नाम ही नहीं सुना तो निश्चित रूप से उन्हें इसके औषधीय गुणों और इसके उपयोग के बारे में भी जानकारी नहीं होगी। आयुर्वेद में पिप्पली की चार प्रजातियों के बारे में बताया गया है, लेकिन चिकित्सकीय व्यवहार में छोटी और बड़ी दो प्रकार की पिप्पली ही आती हैं। पिप्पली का वानस्पतिक नाम पाइपर लांगम है और यह पाइपरेसी कुल से आती है। पिप्पली को हिन्दी में पीपली, पीपर;  उर्दू में पिपल; संस्कृत में पिप्पली, मागधी, कृष्णा, वैदही, कणा, शौण्डी, चञ्चला, कोल्या, उष्णा, तिक्त, तण्डुला, श्यामा, दन्तकफा; अंग्रेजी में लॉन्ग पेपर, ड्राईड कैटकिन्स; ओड़िया में बैदेही; कन्नड़ में हिप्पली; गुजराती में पीपर, पीपरीजड़; तेलुगु में पिप्पलु, पिप्पलि; तमिल में टिपिलि; बांग्ला में पीपुल; मराठी में पिंपली; मलयालम में तिप्पली कहा जाता है। पिप्पली की खेती इसके फल के लिये की जाती है। इस फल को सुखाकर मसाले, छौंक एवं औषधीय गुणों के लिये आयुर्वेद में प्रयोग किया जाता है। इसका स्वाद अपने परिवार के ही एक सदस्य काली मिर्च जैसा ही किन्तु उससे अधिक तीखा होता है। गुणकारी पिप्पली में ग्लाइकोसाइड, यूजेनॉल, शर्करा, एल्कलॉइड, टेरपेनोइड, रेजिन, सैचुरेटेड फैट, एसेंशियल ऑयल और पिपेरिन, मायरसीन, क्वेरसेटिन और सिल्वेटाइन जैसे प्राकृतिक सक्रिय यौगिक मौजूद होते हैं। आइए जानते हैं पिप्पली के गुण और उपयोग के बारे में - • पिप्पली के सेवन से कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। पिप्पली चूर्ण में शुद्ध शहद मिलाकर प्रातःकाल सेवन करने से कोलेस्ट्राल की मात्रा नियंत्रित होती है और हृदय रोगों में भी फायदा होता है। • 1-2 ग्राम पीपली चूर्ण में सेंधा नमक, हल्दी और सरसों का तेल मिलाकर दांतों पर मलने से दांतों के दर्द में राहत मिलती है। • काली पिप्पली और अदरक को बार-बार चबाकर थूकने और उसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करने से जबड़े की बीमारी में आराम आता है। • बच्चों को खांसी-बुखार होने पर बड़ी पिप्पली को घिसकर इसमें करीब 125 मिग्रा मात्रा में शुद्ध शहद मिलाकर बार- बार चटाने से लाभ होता है। • पीपल, पीपलाजड़, काली मिर्च और सोंठ के बराबर-बराबर भाग के चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा लेकर शहद के साथ चटाते रहने से जुकाम में फायदा मिलता है। पिप्पली के काढ़े में शहद मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पीने से भी जुकाम से राहत मिलती है। • श्वास संबंधी रोगों में भी पिप्पली का सेवन लाभकारी होता है। एक ग्राम पिप्पली चूर्ण में दोगुना शहद मिलाकर चाटने से सांसों के रोग, खांसी, हिचकी, बुखार, गले की खराश, साइनस व प्लीहा रोग में लाभ मिल सकता है।l • आजकल नींद ना आने की परेशानी आम हो गई है। अनिद्रा से छुटकारा पाने में पिप्पली सहायक हो सकती है। पिप्पली की जड़ के महीन चूर्ण चूर्ण की 1से 3 ग्राम तक की मात्रा को मिश्री के साथ सुबह और शाम सेवन करने से नींद अच्छी आती है। • चोट लगने या मोच आने के कारण पीड़ा हो रही हो तो आधा चम्मच पिप्पली के जड़ के चूर्ण को गर्म दूध के साथ सेवन करने से तुरंत फायदा होता है। • वजन घटाने में पिप्पली का सेवन सहायता कर सकता है। 2 ग्राम पिप्पली के चूर्ण में शहद मिलाकर दिन में 3 बार कुछ सप्ताह तक नियमित रूप से सेवन करने से मोटापा कम हो सकता है। पिप्पली चूर्ण लेने के कम से कम एक घंटे तक जल को छोड़कर कुछ भी सेवन न करें। • यूं तो हिचकी आना किसी के याद करने की निशानी मानी जाती है, लेकिन ज्यादा हिचकी आना बीमारी भी होती है। जब ज्यादा हिचकी परेशान करे तो पिप्पली, मुलेठी और शक्कर चूर्ण को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है। • बहुत अधिक दस्तों में पिप्पली चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा बकरी या गाय के दूध के साथ सेवन करने से दस्त बंद हो जाते हैं। • पिप्पली के 2 ग्राम चूर्ण में 2 ग्राम काला नमक मिलाकर गर्म जल के साथ सेवन से पेट दर्द का ठीक होता है। • पिप्पली, भांग और सोंठ की बराबर-बराबर मात्रा के चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा को शहद में मिलाकर दिन में दो या तीन बार भोजन से पहले सेवन करने से भोजन आसानी से पचता है और पाचनतंत्र ठीक रहता है। • बवासीर में भी पिप्पली फायदेमंद होती है। आधा चम्मच पिप्पली के चूर्ण में बराबर मात्रा में भुना जीरा, तथा थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर छाछ के साथ सुबह खाली पेट सेवन करने से बवासीर से छुटकारा मिल सकता है। • पिप्पली को पानी में पीसकर लेप करने से भी सिर का दर्द ठीक होता है। पिप्पली के बारीक चूर्ण को नाक के रास्ते लेने से सर्दी के कारण होने वाले सिर दर्द से राहत मिलती है। • आंख की बीमारी में पिप्पली का खूब महीन चूर्ण बनाकर आँखों में काजल की तरह लगाने से आंखों का धुंधलापन, रतौंधी व जाला आदि रोगों में लाभ मिल सकता है।  जरूरी बात : पिप्पली बहुत गुणकारी है, लेकिन इसके अधिक सेवन से शरीर में अनेक विकार उत्पन्न हो सकते हैं।  विशेष: यहां पिप्पली के गुण और उपयोग के बारे में विशुद्ध सामान्य जानकारी दी गई है, जो किसी चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प नहीं है। हम किसी भी प्रयोग और लाभ के बारे में कोई दावा नहीं करते है। पिप्पली का किसी रोग विशेष में औषधि के रूप में प्रयोग किसी सुयोग्य आयुर्वेदाचार्य/चिकित्सक से परामर्श के बिना करना हानिकारक हो सकता है।