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Holi 2024 : उत्तर प्रदेश में कुछ खास होगी होली, मुख्यमंत्री ने शुरू कर दी तैयारी

Holi 2024

Holi 2024

Holi 2024 : होली-2024 का पर्व उत्तर प्रदेश में कुछ खास होने वाला है। इस खास होली Holi की तैयारी खुद उत्तर प्रदेश (UP) के मुख्यमंत्री (CM) योगी आदित्यनाथ कर रहे है। वैसे तो उत्तर प्रदेश के मथुरा (Mathura) तथा वृंदावन ( Vrindavan ) में अनोखी होली की धूम मची हुई है। यहां हम उत्तर प्रदेश की लट्ठमार या लड्डू होली की बात नहीं कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं पांच सौ साल बाद खेली जाने वाली उत्तर प्रदेश की एक विशेष होली की।

क्या है उत्तर प्रदेश की खास होली ?

आपको पता है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश की प्रसिद्ध धर्म नगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का उदघाटन हुआ है। पूरे पांच सौ साल के बाद भगवान राम उत्तर प्रदेश में अपनी जन्मभूमि अयोध्या के अपने मंदिर में स्थापित हुए हैं। अयोध्या में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा एक बालक के रूप में की गई है। बाल स्वरूप भगवान राम इस वर्ष अयोध्या में अपने मंदिर में खास होली मनाएंगे। भगवान राम की होली की तैयारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं।

विशेष होली की तैयारी

उत्तर प्रदेश के सूचना व जनसंपर्क विभाग के निदेशक शिशिर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम कचनार के फूलों से बने हुए गुलाल से होली खेलेंगे। उन्होंने बताया कि पांच शताब्दियों उपरांत अपने भव्य, नव्य और दिव्य मंदिर में विराजे रामलला के लिए यह होली कई मायनों में महत्वपूर्ण होने जा रही है। पहली बार रामजन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला होली खेलेंगे और होलिकोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस होली की विशिष्टता में एक और पहलू विशेष गुलाल का जुड़ गया है। रामलला कचनार के फूलों से बने प्राकृतिक गुलाल से होली खेलेंगे, जिसमें लैवेंडर की सुगंध होगी। पौराणिक ग्रंथों के आधार पर कचनार त्रेतायुग में अवध का राज्य वृक्ष भी था। इसे वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान 11 (सीआइएसआर-एनबीआरआइ) के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। वैज्ञानिकों ने गुरु गोरखनाथ पर चढऩे वाले किया है, जिसमें चंदन की सुगंध डाली गई है। बुधवार को संस्थान के निदेशक डा. अजित कुमार शासनी ने दोनों खास गुलाल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेंट किए।

Holi 2024 :

डा. शासनी ने बताया कि इन गुलालों का निर्माण मुख्यमंत्री की प्रेरणा से किया गया है। मुख्यमंत्री के प्रयास से अयोध्या में रामायणकालीन वृक्षों का संरक्षण किया जा रहा है। इसी के तहत संस्थान ने श्रीराम जन्मभूमि के लिए कचनार के नाम से जाने जाने वाले बौहिनिया प्रजाति के फूलों से हर्बल गुलाल बनाया है। कचनार हमारे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की सुस्थापित औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल आदि गुण भी होते हैं। इसी तरह गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर में चढ़ाए हुए फूलों से हर्बल गुलाल तैयार किया गया है, जो मानव त्वचा के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल है। Holi 2024 :

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