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“अपनी सेहत का ध्यान रखे” कहते ही प्रोफेसर को पड़ा दिल का दौरा, मंच पर ही हुई मौत

IIT Kanpur Professor

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IIT Kanpur Professor : उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित आईआईटी के वरिष्ठ प्रोफेसर समीर खांडेकर (55) का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह आईआईटी कानपुर सभागार में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। जैसे ही अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि अपनी सेहत का रखें ध्यान… तभी अचानक उनके सीने में तेज दर्द उठा, चेहरा और शरीर पसीने से नहा गया और वह अचानक गिर पड़े। आईआईटी कानपुर के अन्य प्रोफेसर और कर्मी जब प्रो. खांडेकर को लेकर कार्डियोलॉजी अस्पताल पहुंचे तो वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि 2019 में उन्हें कोलेस्ट्राल की समस्या हुई थी। जिसको लेकर उनका इलाज चल रहा था।

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बेटे के आने पर होगा अंतिम संस्कार

बताया जा रहा है कि प्रोफेसर समीर का बेटा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ता है। प्रोफेसर खांडेकर के करीबी लोगों का कहना है कि बेटे के आने के बाद ही इनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। प्रोफेसर समीर खांडेकर की उम्र 55 साल थी, परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी और एक बेटा है।

आईआईटी के अधिकारियों ने जताया दुख

आईआईटी के प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि वह पूरी तरह से स्वस्थ थे। लेकिन अचानक ही उनकी मौत की खबर ने सभी को चौंका दिया है। प्रो. समीर खांडेकर के पास डीन आफ स्टूडेंट अफेयर की भी जिम्मेदारी थी। उन्होने कहा कि प्रो. समीर खांडेकर के निधन पर आईआईटी के कई वरिष्ठ प्रोफेसरों संग केंद्र सरकार के सचिव और पूर्व निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने भी दु:ख जताया।

कार्डियोलॉजी अस्पताल के डॉक्टर ने दी जानकारी

कार्डियोलॉजी अस्पताल के डॉ. नीरज कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जब प्रोफेसर समीर को यहां लाया गया तो, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। उनके चिकित्सीय इतिहास को देखने और शरीर की जांच करने के बाद हम कह सकते हैं कि उनकी मृत्यु कार्डियक अरेस्ट या कार्डियक ब्लॉक के कारण हुई। उन्होने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सारी बातें साफ हो जाएंगी।

कौन थे प्रो. समीर खांडेकर

आपको बता दे कि प्रो. समीर खांडेकर का जन्म 10 नवंबर 1971 को जबलपुर में हुआ था। इसके बाद वह सन 2000 में आईआईटी कानपुर पढ़ने आ गए। उन्होंने यहां से बीटेक की उपाधि हासिल की। इसके बाद वह जर्मनी चले गए। जर्मनी में 2004 में उन्होंने पीएचडी पूरी की। इसके बाद वह सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करने आईआईटी कानपुर आ गए। 2009 में वह एसोसिएट प्रोफेसर बने और 2014 में वह प्रोफेसर बन गए। इसके बाद 2020 में वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के हेड बनाए गए। 2023 में उन्होंने डीन आफ स्टूडेंट अफेयर की जिम्मेदारी भी संभाली थी।

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