Karauli Baba : बाबा का फिल्मिस्तान, यहां है उनके कलाकार, कैमरा, साउंड और शानदार स्क्रिप्ट

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Mar 2023 08:55 PM
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Karauli Baba :  कानपुर। नोएडा के डॉक्टर से मारपीट के बाद चर्चा में आए करौली बाबा उर्फ संतोष भदौरिया की सभा में बाल खोलकर चीखने वाले, माइक पर बाबा का गुणगान करने वाले कोई और नहीं, बल्कि बाबा के बुलाए भाड़े के कलाकार होते हैं। सभी दूसरे शहरों या राज्यों से आते हैं। इन कलाकारों की मंडली का बाकायदा ठेका दिया जाता है।

Karauli Baba :

  इन्हीं का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाता है। झांसे में आए लोग उसे देखकर बाबा के चंगुल में फंसकर लाखों रुपये गवां देते हैं। आश्रम के एक पूर्व कर्मचारी के अनुसार जिस हॉल में करौली बाबा लोगों से मुलाकात करते हैं। वहां कैमरा, साउंड सिस्टम और लाइट की पूरी व्यवस्था है। बाबा के सभा में आते ही समर्थक तय जगह पर बैठ जाते हैं। इसके बाद वहां मौजूद बाबा के गुर्गे एक-एक करके सभा में आए लोगों को उनकी समस्या बताने के लिए माइक पर बुलाते हैं। इसके बाद बाबा सभी से आंख बंद कर ध्यान लगाने को कहते हैं। कलाकारों को दी जाती है ट्रेनिंग इस बीच भीड़ से कुछ महिलाएं चीखने लगती हैं। वो बाल खोलकर खुद पर भूत का साया बताती हैं, तभी अन्य कलाकार भी अपने रोल में आ जाते हैं, सिर और हाथ पटकने लगते हैं। यह करने वाले 'कहने को भक्त' लेकिन बाबा के कलाकारों को बाकायदा नाटक की ट्रेनिंग दी जाती है। भूतप्रेत-बाधाएं दूर करने का होता नाटक इस बीच म्यूजिक से ऐसा डरावना माहौल बनाया जाता है ताकि लोगों को भ्रम जाल सच लगे। इसके बाद उन्हें बाबा के सामने खड़ा कर उनका वीडियो बनाया जाता है। इसके बाद वह झूमते हुए भूत प्रेत से मुक्ति समेत बाबा की कृपा से सब दुखों के निवारण के बारे में कहती हैं। इसकी पटकथा पहले ही उन्हें रटा दी जाती है। इन कलाकारों को दो से ढाई हजार रुपये प्रतिदिन के दिए जाते हैं। मंडली का एक ठेकेदार भी होता है। इसके बाद बाबा उन महिलाओं पर सवार भूतप्रेत की बाधाएं नाटकीय ढंग से दूर करने का नाटक करते हैं। ऐसे ही भ्रामक वीडियो को लोग सच मान बाबा के जाल में फंस जाते हैं। Karauli Baba: Baba's Filmistan, here is his cast, camera, sound and brilliant script 5100 रुपए की है एक ईंट करौली सरकार के आश्रम की ईंट भी खूब चर्चा में बनी हुई है। वैसे तो भट्टे में तैयार होने वाली एक ईंट की कीमत 10 से 12 रुपए होती है, लेकिन करौली सरकार के आश्रम में मिलने वाली एक ईंट की कीमत 5100 रुपए हैं। यह चमत्कारी ईंट बाबा के लवकुश आश्रम में ही तैयारी की जाती है। इस ईंट को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच में रखा जाता है।

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बाबा का दावा है कि इस ईंट को मकान की नींव में लगाने से बाधाएं दूर होती हैं, इसके साथ ही बीमारियां भी दूर होती हैं। इस ईंट के लगाने से नाकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर सकती हैं। इसके साथ ही गंभीर बीमारियों को घर के अंदर प्रवेश नहीं करने देती हैं। आश्रम की ईंट को विभिन्न प्रकार के अनुष्ठानों से सिद्ध किया जाता है। कई भक्त तो ईंट को नींव में लगाने के साथ ही घरों की दीवारों और छतों पर भी लगाते हैं। कई भक्त सात, ग्यारह या फिर पांच ईंट मकानों में लगाते हैं। Karauli Baba: Baba's Filmistan, here is his cast, camera, sound and brilliant script आश्रम में पांचवीं बार पहुंची पुलिस वहीं बुधवार को पांचवीं बार पुलिस ने आश्रम पहुंचकर साक्ष्य एकत्रित किए। एसीपी घाटमपुर दिनेश कुमार शुक्ला ने बताया कि जांच चल रही है। पुलिस लगातार आश्रम से घटना से जुड़े साक्ष्य एकत्र करने का प्रयास कर रही है। डॉक्टर के बयान दर्ज होने के बाद कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। डॉक्टर ने सोमवार को आने की बात कही है। पुलिस टीम के द्वारा आश्रम की जानकारियां भी जुटाई जा रही हैं। सैयद अबु साद
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Kanpur Baradevi Temple : कानपुर के बारादेवी मंदिर में भक्तों की अनोखी परंपरा

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Kanpur Baradevi Temple: Unique tradition of devotees in Baradevi temple of Kanpur
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Mar 2023 07:16 PM
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Kanpur Baradevi Temple : कानपुर। यूपी के कानपुर के बारादेवी मंदिर की परंपरा आश्चर्यचकित कर देने वाली है। मंदिर में अपनी मन्नत पूरी करने या बारह देवी मइया को खुश करने के लिए अपने गाल में नुकीला भाला डालकर भक्त पहुंचते हैं। एक-दो नहीं रोजाना चार से पांच हजार भक्त नवरात्रि में इस तरह भक्त मंदिर पहुंचते हैं। इससे पहले लोग मंदिर में अपनी गर्दन रेतने के साथ ही जीभ काटकर चढ़ा देते थे, लेकिन 15 साल पहले कड़ी मशक्कत से जिला प्रशासन ने इस प्रथा को बंद करवा दिया। अब सिर्फ लोग गाल में भाला आर-पार करके मंदिर में पहुंचते हैं। नवरात्र की सप्तमी से नवमी तिथि तक श्रद्धालु मां बारा देवी को जवारा निकालते हैं। बारह देवी मइया को खुश करने के लिए अपने गाल में नुकीला भाला डालकर भक्त पहुंचते हैं। पहले कई भक्त अपनी जीभ भी मां को चढ़ा देते थे... प्रतिदिन 6 से 10 हजार लोग पहुंचते हैं मंदिर बारादेवी चौराहा मंदिर के चौतरफा इतनी भीड़ की पैर रखने की जगह नहीं है। यह हाल तब है जब चारों तरफ ट्रैफिक डायवर्जन करके मंदिर की ओर जाने वाली सभी सड़कों को खाली करा दिया गया है। एक-दो नहीं मंदिर के चौतरफा गाल में भाला आर-पार करके नाचते-गाते हजारों की भीड़ मंदिर की ओर बढ़ रही है। भीड़ के इस जत्थे को जवारा भी कहते हैं। गाल में आर-पार भाला लगाए हुए जत्थे के जत्थे मंदिर की ओर पैदल बढ़ रहे थे। इस दौरान गोविंद नगर की शिव नगर मोहल्ले में रहने वाले संजय का बेटा 251 किलो का भाला अपने गाल के आर-पार करके सैकड़ों लोगों के साथ मंदिर की ओर आगे बढ़ रहा था। पूछने पर पता चला कि बारादेवी मइया से बेटा होने की मन्नत मांगी थी और पूरी हो गई। 251 किलो का भाला गाल में आरपार चुभोकर आठ किमी. पैदल चलकर उनका बेटा मंदिर तक पहुंचा है। भाला का सात से आठ लोग पकड़े हुए हैं। परिवार, रिश्तेदार और मोहल्ले के लोगों के साथ करीब 35 लोग गाल में भाला घुसेड़कर मंदिर पहुंचे हैं। किसी का भी भाला 51 किलो से कम वजन का नहीं है। पूरी बस्ती के करीब पांच से छह सौ लोग एक जत्थे में शामिल हैं। मंदिर की तरफ थोड़ा आगे बढ़ते ही 8 से 15 साल के बच्चे भी गाल में भाला लगाकर मंदिर की तरफ आगे बढ़ते मिले। जरौली निवासी पूजा ने बताया कि उनके दोनों बच्चे भी अपने खुशी से गाल में आरपार भाला लगाकर पहुंच हैं। इस तरह रोजाना सप्तमी से लेकर नवमी तक रोजाना 6 से 10 हजार लोग इसी तरह भाला लगाकर मंदिर पहुंचते हैं। जबकि मंदिर आने वाले भक्तों की संख्या लाखों में है। 1700 वर्ष पुराना है मंदिर मंदिर की कार्यकारी प्रबंधक रूपम शर्मा ने बताया कि यह मंदिर तीन से चार सौ साल पुराना है, लेकिन पुरातत्व विभाग के सर्वे में इसे 1700 साल पुराना बताया गया है। रूपम ने बताया कि पिता से हुई अनबन पर उनके कोप से बचने के लिए घर से एक साथ बारह बहनें भाग गई। सारी बहनें किदवई नगर में मूर्ति बनकर स्थापित हो गई। पत्थर बनी यही बारह बहनें कई सालों बाद बारा देवी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हुई। पुजारी बताते हैं कि देवी के नाम से दक्षिण के ज्यादातर इलाकों के नाम रखे गए हैं। इन इलाकों में बर्रा एक से लेकर बर्रा नौ तक, बिन्गवा, बारासिरोही और बर्रा विश्व बैंक का नाम भी देवी के नाम पर ही रखा गया है। Kanpur Baradevi Temple: Unique tradition of devotees in Baradevi temple of Kanpur   संतान सुख की प्राप्ति नवरात्रि में सुबह से लेकर देरशाम तक लाखों की संख्या भक्त आते हैं मां बारा देवी के दर्शन कर पुण्य कमाते हैं। मंदिर के पुजारी दीपक कुमार बताते हैं कि मंदिर लगभग 1700 वर्ष पुराना है। मंदिर में जिन दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ती नहीं होती। वह मां के दर पर आते हैं और चुनरी बांध कर मन्नत मांगते हैं। मातारानी की कृपा से उनके आंगन में किलकारियों की गूंज सुनाई देती है। अगले नवरात्रि पर बच्चे का पहला मंडन मंदिर परिसर पर ही होता है। मुंडन के बाद दंपत्ति चुनरी खोल लेते हैं। Kanpur Baradevi Temple: Unique tradition of devotees in Baradevi temple of Kanpur सप्तमी से नवमी तक निकलते हैं जवारे नवरात्र की सप्तमी से नवमी तिथि तक श्रद्धालु मां बारा देवी को जवारा निकालते हैं। मंदिर के आसपास आस्था का सैलाब उमड़ता है। इस दौरान मां काली और भगवान शिव के तांडव नृत्य को देख लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। बारादेवी को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु खतरनाक करतब भी कर दिखाते हैं। कोई आग से खेलता है तो कोई अपने गाल के आरपार नुकीली धातु पार कर दिखाता है। नाचते गाते श्रद्धालुओं का जगह-जगह स्वागत कर फूल बरसाए जाते हैं। यहां बड़ों के साथ बच्चों और महिलाओं ने भी सांग लगाती हैं। पहले जीभ काटकर चढ़ा देते थे भक्त आपको शायद इस बात पर विश्वास नहीं होगा लेकिन ये सच है। आज से महज 15 साल पहले मंदिर में नवरात्रित में आने वाले भक्त अपनी जीभ काटकर मंदिर में चढ़ा देते थे। इतना ही नहीं भक्त मंदिर में अपनी गर्दन भी रेतते थे। इससे कई लोगों की जान पर बन आती थी। इसके बाद से जिला प्रशासन ने इस प्रथा को कड़ी मशक्कत से बंद कराया। अब सिर्फ गाल में भाला आर-पार करके भक्त पहुंचते हैं। इसके साथ ही अलग-अलग करतब भी करते हैं। Kanpur Baradevi Temple: Unique tradition of devotees in Baradevi temple of Kanpur
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Kanpur News : कानपुर देहात की पुलिस कह रही जागते रहो !!!

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Kanpur News : Police of Kanpur Dehat is saying keep awake
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Mar 2023 08:29 PM
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Kanpur News :  कानपुर। यूपी के कानपुर देहात पुलिस अधीक्षक ने जिले में होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए एक अनूठी पहल "जागते रहो" की शुरुआत की है। इस पहल को प्रभावी बनाने के लिए जिले के सभी राजपत्रित अधिकारियों/थानाध्यक्षों/चौकी प्रभारियों/हल्का प्रभारियों/आरक्षी/मुख्य आरक्षी को कड़े दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य रात्रिकालीन गश्त को प्रभावी बनाना है।

Kanpur News :

दरअसल, जागते रहो की पहल करने पर कानपुर देहात पुलिस अधीक्षक बी.बी. जीटीएस मूर्ति इन दिनों काफी चर्चा में है। वह रात में पुलिस गश्त को एक्टिव करने और वारदात को रोकने के लिए जागते रहो अभियान चला रहे हैं। उनकी इस पहल का असर कितना होगा, यह तो कुछ दिनों बाद ही पता चलेगा, फिलहाल गांव के लोग उनकी इस पहल की तारीफ कर रहे हैं। रात में अलर्ट रहने की हिदायत पुलिस अधीक्षक बी.बी.जीटीएस मूर्ति ने चौकीदार, ग्रामीण समेत पुलिस को रात में अलर्ट रहने की हिदायत दी है। वह इन दिनों हर दिन इलाके में जाकर लोगों को सावधान रहने की नसीहत दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस पहल को प्रभावी बनाने के लिए जिले के अधिकारियों और पुलिस कर्मचारियों को कड़े दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य रात में गश्त को प्रभावी बनाना है। उनके अनुसार, जागते रहो मुहिम के तहत पुलिस अफसर नियमित रूप से जिले में भ्रमण करेंगे। कारगर साबित होगी मुहिम स्थानीय निवासी इस पहल से काफी खुश हैं। इसको लेकर लालपुर निनासी आदित्य कुमार का कहना है कि जागते रहो मुहिम से रात में होने वाले अपराध पर अंकुश लगेगा। वहीं स्थानीय निवासी अजयपाल सिंह ने भी इस अभियान पर संतोष जताया है। उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसी मुहिम नहीं चलाई गई थी। पुलिस की अपराध पर नियंत्रण के लिए गश्त करने की यह मुहिम काफी कारगर साबित होगी। नियमित समीक्षा होगी कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रात्रिकालीन गश्त के दौरान मुख्य आरक्षी की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। सभी बीट आरक्षी को अपनी-अपनी बीट में नियमित रूप से गश्त करना होगा। इसके साथ ही सारे चौकी प्रभारी और थाना प्रभारी सर्किल में भ्रमण करेंगे। उन्होंने बताया कि जागते रहो अभियान से पुलिस जनता के बीच जाकर संवाद बनाने की कोशिश की जाएगी। एसपी कानपुर देहात ने अफसरों को हिदायत की है कि वह नियमित जागते रहो पहल की समीक्षा करेंगे। इस पहल में रुचि नहीं लेने वाले और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। [caption id="attachment_78207" align="aligncenter" width="576"]Kanpur News : Police of Kanpur Dehat is saying keep awake Kanpur News : Police of Kanpur Dehat is saying keep awake[/caption]