Sunday, 6 October 2024

लव जिहाद बनाम कोर्ट, नहीं हो सकती हिन्दू तथा मुस्लिम की शादी

Love Jihad : लव जिहाद शब्द आपने खूब सुना और पढ़ा होगा। लव जिहाद (Love Jihad) शब्द का सर्वाधिक प्रयोग…

लव जिहाद बनाम कोर्ट, नहीं हो सकती हिन्दू तथा मुस्लिम की शादी

Love Jihad : लव जिहाद शब्द आपने खूब सुना और पढ़ा होगा। लव जिहाद (Love Jihad) शब्द का सर्वाधिक प्रयोग उत्तर प्रदेश में किया जाता है। अब उत्तर प्रदेश के साथ ही साथ इस मामले में मध्य प्रदेश का नाम भी जुड़ गया है। यह अलग बात है कि मध्य प्रदेश में हुए कोर्ट के एक फैसले की चर्चा उत्तर प्रदेश में अधिक हो रही है। कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि हिन्दू तथा मुस्लिम की आपस में शादी नहीं हो सकती। कोर्ट के इस फैसले पर उत्तर प्रदेश में खूब चर्चा हो रही है।

क्या है अदालत का आदेश?

बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। इस फैसले की गूंज मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश तक सुनाई दे रही है। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत हिंदू लडक़ी और मुस्लिम लडक़े का विवाह अवैध है। हाईकोर्ट ने इस जोड़े की तरफ से विशेष विवाह अधिनियम के तहत अपना विवाह पंजीकृत करवाने के लिए पुलिस सुरक्षा दिए जाने के लिए दायर याचिका खारिज कर दी। अनूपपुर निवासी 23 वर्षीय हिंदू लडक़ी और 23 वर्षीय मुस्लिम युवक ने याचिका में कहा था कि वे दोनों एक-दूसरे से प्रेम करते हैं और उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह पंजीकरण अधिकारी के समक्ष आवेदन दायर किया है। अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के लिए उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए। हाईकोर्ट ने कहा, पर्सनल लॉ के तहत विवाह की कुछ रस्मों का पालन किया जाता है। एकलपीठ ने मुस्लिम लॉ का हवाला देते हुए कहा कि मुस्लिम लडक़ा किसी ऐसी लडक़ी से विवाह नहीं कर सकता, जो मूर्तिपूजक या अग्निपूजक हो। इस प्रकार मुस्लिम लडक़ी सिर्फ मुस्लिम युवक से शादी कर सकती है।

हाईकोर्ट ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक मुस्लिम पुरुष तथा एक हिंदू महिला के बीच विवाह से पैदा हुए बच्चों के उत्तराधिकार अधिकारों के संबंध में पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा कि दोनों के बीच विशेष विवाह अधिनियम के तहत हुआ विवाह अनियमित और फसादी विवाह होगा।

फसादी विवाह यानि लव जिहाद

हाईकोर्ट के इस फैसले पर उत्तर प्रदेश के अनेक लोगों ने टिप्पणी की है। सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाले भी उत्तर प्रदेश के नागरिक ही अधिक हैं। उत्तर प्रदेश के एक यूजर ने लिखा है कि हाईकोर्ट ने फसादी विवाह शब्द का प्रयोग लव जिहाद के लिए ही किया है। यह मामला मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश तक चर्चा का विषय बना हुआ है।

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