UP Crime : यूपी की राजधानी में महिला अधिकारी की गला रेतकर हत्या
भारत
चेतना मंच
02 Dec 2025 04:30 AM
Lucknow : लखनऊ। राजधानी के हसनगंज इलाके के बाबूगंज मोहल्ले में रहने वाली क्षेत्रीय वन अधिकारी शीला गुप्ता की उनके पति ने ही गला रेतकर हत्या कर दी। मकान मालिक के शोर मचाने पर पति बसंत धमकी देकर भाग निकला। खून सने कपड़े देख लोगों ने उसे पकड़ लिया। पत्नी की हत्या का पता चलने के बाद गुस्साए लोगों ने उसकी पिटाई की, फिर पुलिस को सौंप दिया। पूछताछ में सामने आया कि शीला से पति बसंत करीब 12 साल से अलग रह रहा था। मर्डर का शुरुआती कारण प्रॉपर्टी विवाद सामने आया है। शीला की अंबेडकर नगर के अकबरपुर में संपत्ति है, जिन्हें बसंत बेचना चाहता था। शीला के तैयार नहीं होने पर झगड़े हो रहे थे।
अयोध्या के रानी बाजार निवासी शीला गुप्ता बाबूगंज में शशि सिंह के मकान में किराए पर रहती थीं। बेटी वैष्णवी ने बताया कि हजरतगंज में नरही के वन विभाग के मुख्यालय में मम्मी क्षेत्रीय वन अधिकारी पद पर तैनात थीं। शुक्रवार सुबह 6 बजे मम्मी घर का काम निपटा रही थीं, तभी पापा बसंत घर आ गए। वो अयोध्या से आए थे। उन्होंने बताया कि मैं पति सत्येंद्र के साथ अपने कमरे में लेटी थी। इस बीच मकान मालिक की चीख पुकार सुनी। हमने बाहर आने की कोशिश की। मगर कमरे का दरवाजा बाहर से बंद था। हम अंदर ही फंस गए। कुछ देर बाद दरवाजा खुलने पर देखा कि आंगन में मम्मी का लहूलुहान शव दीवार के सहारे टिका था। चीख पुकार सुनकर पड़ोसी भी आ गए। उन्होंने भाग रहे पिता को पकड़ लिया। मैं और सतेंद्र दो दिन पहले ही घर आए थे।
फतेहगंज मोहान रोड निवासी दामाद सतेंद्र ने बताया कि मकान मालिक का बेटा मोहित और मैं बाहर की तरफ भागे। पहले पुलिस चौकी और बाद में थाना पहुंचकर पुलिस को घटना के बारे में बताया। पापा ने मम्मी को मारने के लिए घर के चाकू का इस्तेमाल नहीं किया। वो चाकू अपने साथ लाए थे। शायद वो पहले ही सोचकर आए थे।
बेटी वैष्णवी ने बताया तकि पापा का लॉकडाउन के बाद फोटोग्राफी का काम बंद हो गया था। इसके बाद वह नीबू पानी बेचने लगे थे। कमाई नहीं होने पर दो साल से लगातार घर आते थे। रुपए मांगते थे। नहीं देने पर मम्मी के साथ मारपीट करते थे। मम्मी के विरोध पर पूरे परिवार को खत्म करने की धमकी देते थे। पापा को परिवार से ज्यादा मम्मी के पैसों और प्रॉपर्टी पर नजर थी। मम्मी के नाम अयोध्या और अंबेडकर नगर में भी प्रॉपर्टी है।
दामाद सतेंद्र के मुताबिक 29 अप्रैल 2022 को वैष्णवी से शादी हुई थी। फंक्शन में बसंत को नहीं बुलाया गया था। मगर वो आए थे। मम्मी ने हमें बाद में बताया कि शादी की व्यवस्था और खर्च को लेकर उन्होंने झगड़ा किया था। शायद उनके मन में लालच आ गया था। इसके बाद से ही वो प्रॉपर्टी बेचने का दबाव बना रहे थे। बेटी वैष्णवी के मुताबिक पापा का मम्मी के प्रति रुख मेरे पैदा होते ही बदल गया था। वो बेटा नहीं होने के चलते मां को प्रताड़ित करने लगे थे। एक दिन मां को पीटकर निकाल दिया। मां के लखनऊ आकर नौकरी करने लगी थीं।
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चेतना मंच
02 Dec 2025 04:30 AM
Lucknow : लखनऊ। राजधानी के हसनगंज इलाके के बाबूगंज मोहल्ले में रहने वाली क्षेत्रीय वन अधिकारी शीला गुप्ता की उनके पति ने ही गला रेतकर हत्या कर दी। मकान मालिक के शोर मचाने पर पति बसंत धमकी देकर भाग निकला। खून सने कपड़े देख लोगों ने उसे पकड़ लिया। पत्नी की हत्या का पता चलने के बाद गुस्साए लोगों ने उसकी पिटाई की, फिर पुलिस को सौंप दिया। पूछताछ में सामने आया कि शीला से पति बसंत करीब 12 साल से अलग रह रहा था। मर्डर का शुरुआती कारण प्रॉपर्टी विवाद सामने आया है। शीला की अंबेडकर नगर के अकबरपुर में संपत्ति है, जिन्हें बसंत बेचना चाहता था। शीला के तैयार नहीं होने पर झगड़े हो रहे थे।
अयोध्या के रानी बाजार निवासी शीला गुप्ता बाबूगंज में शशि सिंह के मकान में किराए पर रहती थीं। बेटी वैष्णवी ने बताया कि हजरतगंज में नरही के वन विभाग के मुख्यालय में मम्मी क्षेत्रीय वन अधिकारी पद पर तैनात थीं। शुक्रवार सुबह 6 बजे मम्मी घर का काम निपटा रही थीं, तभी पापा बसंत घर आ गए। वो अयोध्या से आए थे। उन्होंने बताया कि मैं पति सत्येंद्र के साथ अपने कमरे में लेटी थी। इस बीच मकान मालिक की चीख पुकार सुनी। हमने बाहर आने की कोशिश की। मगर कमरे का दरवाजा बाहर से बंद था। हम अंदर ही फंस गए। कुछ देर बाद दरवाजा खुलने पर देखा कि आंगन में मम्मी का लहूलुहान शव दीवार के सहारे टिका था। चीख पुकार सुनकर पड़ोसी भी आ गए। उन्होंने भाग रहे पिता को पकड़ लिया। मैं और सतेंद्र दो दिन पहले ही घर आए थे।
फतेहगंज मोहान रोड निवासी दामाद सतेंद्र ने बताया कि मकान मालिक का बेटा मोहित और मैं बाहर की तरफ भागे। पहले पुलिस चौकी और बाद में थाना पहुंचकर पुलिस को घटना के बारे में बताया। पापा ने मम्मी को मारने के लिए घर के चाकू का इस्तेमाल नहीं किया। वो चाकू अपने साथ लाए थे। शायद वो पहले ही सोचकर आए थे।
बेटी वैष्णवी ने बताया तकि पापा का लॉकडाउन के बाद फोटोग्राफी का काम बंद हो गया था। इसके बाद वह नीबू पानी बेचने लगे थे। कमाई नहीं होने पर दो साल से लगातार घर आते थे। रुपए मांगते थे। नहीं देने पर मम्मी के साथ मारपीट करते थे। मम्मी के विरोध पर पूरे परिवार को खत्म करने की धमकी देते थे। पापा को परिवार से ज्यादा मम्मी के पैसों और प्रॉपर्टी पर नजर थी। मम्मी के नाम अयोध्या और अंबेडकर नगर में भी प्रॉपर्टी है।
दामाद सतेंद्र के मुताबिक 29 अप्रैल 2022 को वैष्णवी से शादी हुई थी। फंक्शन में बसंत को नहीं बुलाया गया था। मगर वो आए थे। मम्मी ने हमें बाद में बताया कि शादी की व्यवस्था और खर्च को लेकर उन्होंने झगड़ा किया था। शायद उनके मन में लालच आ गया था। इसके बाद से ही वो प्रॉपर्टी बेचने का दबाव बना रहे थे। बेटी वैष्णवी के मुताबिक पापा का मम्मी के प्रति रुख मेरे पैदा होते ही बदल गया था। वो बेटा नहीं होने के चलते मां को प्रताड़ित करने लगे थे। एक दिन मां को पीटकर निकाल दिया। मां के लखनऊ आकर नौकरी करने लगी थीं।
UP Breaking News : भाजपा अवध क्षेत्र के अध्यक्ष शेष नारायण मिश्रा का निधन
भारत
चेतना मंच
01 Dec 2025 06:24 PM
Lucknow: लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अवध क्षेत्र के अध्यक्ष शेष नारायण मिश्रा का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार की सुबह लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से परिवार और पार्टी के लोग बेहद दुखी हैं। मध्य उत्तर प्रदेश क्षेत्र में प्रमुख पार्टी नेता शेष नारायण मिश्रा का आज शाम उनके पैतृक जिले गोंडा में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उनके पार्थिव शरीर को तड़के यूपी भाजपा मुख्यालय लाया गया, जहां प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित पार्टी पदाधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
श्री मिश्रा फैजाबाद (अब अयोध्या) संभाग के प्रभारी थे। उन्हें वर्ष 2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद खादी बोर्ड का सदस्य बनाया गया था। उन्होंने 1990 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में सक्रिय भूमिका निभाई, जिसके बाद वे औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए। वे 2004 से 2007 तक फैजाबाद के जिलाध्यक्ष रहे। उसके बाद उन्हें राज्य कार्यसमिति के सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया।
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चेतना मंच
01 Dec 2025 06:24 PM
Lucknow: लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अवध क्षेत्र के अध्यक्ष शेष नारायण मिश्रा का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार की सुबह लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से परिवार और पार्टी के लोग बेहद दुखी हैं। मध्य उत्तर प्रदेश क्षेत्र में प्रमुख पार्टी नेता शेष नारायण मिश्रा का आज शाम उनके पैतृक जिले गोंडा में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उनके पार्थिव शरीर को तड़के यूपी भाजपा मुख्यालय लाया गया, जहां प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित पार्टी पदाधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
श्री मिश्रा फैजाबाद (अब अयोध्या) संभाग के प्रभारी थे। उन्हें वर्ष 2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद खादी बोर्ड का सदस्य बनाया गया था। उन्होंने 1990 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में सक्रिय भूमिका निभाई, जिसके बाद वे औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए। वे 2004 से 2007 तक फैजाबाद के जिलाध्यक्ष रहे। उसके बाद उन्हें राज्य कार्यसमिति के सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया।
Tiranga Yatra : आतंकियों के निशाने पर तिरंगा यात्रा और यूपी के धार्मिक स्थल
भारत
चेतना मंच
02 Dec 2025 12:49 AM
Lucknow : लखनऊ। आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर चलाए जा रहे तिरंगा यात्रा पर आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है। यूपी के आजमगढ़ से गिरफ्तार आईएसआईएस आतंकी सबाउद्दीन आजमी से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। यूपी एटीएस की शुरुआती जांच में सामने आया कि सबाउद्दीन की तिरंगा यात्रा पर हमले की साजिश थी। इसके अलावा आतंकियों के निशाने पर लखनऊ, आगरा, वाराणसी और मथुरा के धार्मिक स्थल हैं। इंट्रोगेशन में आतंकी सबाउद्दीन ने कई राज खोले हैं। यह आतंकी भले ही गिरफ्त में हैं, लेकिन उससे जुड़े लड़ाके अभी बाहर हैं। ऐसे में यूपी एटीएस चौकन्नी है। आतंकी से पूछताछ के दौरान मिले इनपुट के बाद यूपी में अलर्ट घोषित किया गया है।
एटीएस को आशंका है कि सबाउद्दीन इकलौता नहीं था। उसकी तरह ही स्लीपर सेल में और लड़के होंगे, जो एक्टिव होने पर खतरा बन सकते हैं। इसलिए, एटीएस आजमगढ़ से लेकर कश्मीर तक सर्च ऑपरेशन चला रही है। पुलिस मुख्यालय ने यूपी में तिरंगा यात्रा के साथ प्रमुख धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। आतंकियों के निशाने पर तिरंगा यात्रा के साथ लखनऊ, आगरा, वाराणसी और मथुरा के धार्मिक स्थल हैं।
सबाउद्दीन ने सबाहु, दिलावर खान, बैरम खान व आजर के नाम से भी सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बना रखी थी। ये भी सामने आया है कि सबाउद्दीन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलसि-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन यानी एआईएमआईएम से भी जुड़ा हुआ था। पार्टी के नाम पर युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहा था। मकसद आतंकी गतिविधियों में इन लड़कों को जोड़ना था। उसके पास से करीब 25 से ज्यादा लड़कों के मोबाइल नंबर मिले हैं।
एटीएस आतंकी सबाउद्दीन को 15 अगस्त के बाद रिमांड पर लेकर नए सिरे से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। एटीएस और सुरक्षा एजेंसी आजमगढ़, कानपुर, बाराबंकी, लखनऊ, देवबंद, सहारनपुर, मथुरा, आगरा और वाराणसी में स्लीपर सेल के नेटवर्क को तलाश रही है। फिलहाल, संवेदनशील शहरों के धार्मिक स्थल पर पीएसी की 150 कंपनी तैनात की गईं हैं।
आजमगढ़ के मुबारकपुर के गांव अमिलो में सबाउद्दीन रहता था। वो सोशल मीडिया के जरिए आईएसआईएस के आतंकियों के सीधे संपर्क में था। एटीएस ने उसके कब्जे से बम बनाने के उपकरण भी बरामद किए थे। वो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी संघ के नेताओं से संपर्क का प्रयास कर रहा था। इसके पीछे इरादा क्या था, ये अभी सामने नहीं आया है। सबाउद्दीन ने आरएसएस के नाम से जाली मेल आईडी बनाई थी। सबाउद्दीन से पूछताछ में सामने आया है कि वो सीरिया के आतंकी अबू बकर के संपर्क में था। ये लोग लड़कों को वीडियो भेजकर उन्हें कट्टर बना रहे हैं। फिर ऑनलाइन ही कुछ बड़े आतंकियों से बात कराकर संगठन के मकसद पूरा करने में जान देने की कसम दिलाई जा रही थी। इस दौरान इन्हें ये सिखाया गया था कि अपनी पहचान छिपा करके किसी तरह रेकी की जाती है? कुकर बम कैसे बनाया जाता है? पहचान छिपाकर किस तरह धमाका करना है? ट्रेनिंग के बाद वो खामोशी से रहकर बड़े धमाके की योजना बना रहा था। इन्हें पहले एक से दो साल तक स्लीपर सेल की तरह काम कराया जाता है। फिर सक्रिय रूप से आतंकी गतिविधियों से जोड़ा जाता है।
भारत
चेतना मंच
02 Dec 2025 12:49 AM
Lucknow : लखनऊ। आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर चलाए जा रहे तिरंगा यात्रा पर आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है। यूपी के आजमगढ़ से गिरफ्तार आईएसआईएस आतंकी सबाउद्दीन आजमी से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। यूपी एटीएस की शुरुआती जांच में सामने आया कि सबाउद्दीन की तिरंगा यात्रा पर हमले की साजिश थी। इसके अलावा आतंकियों के निशाने पर लखनऊ, आगरा, वाराणसी और मथुरा के धार्मिक स्थल हैं। इंट्रोगेशन में आतंकी सबाउद्दीन ने कई राज खोले हैं। यह आतंकी भले ही गिरफ्त में हैं, लेकिन उससे जुड़े लड़ाके अभी बाहर हैं। ऐसे में यूपी एटीएस चौकन्नी है। आतंकी से पूछताछ के दौरान मिले इनपुट के बाद यूपी में अलर्ट घोषित किया गया है।
एटीएस को आशंका है कि सबाउद्दीन इकलौता नहीं था। उसकी तरह ही स्लीपर सेल में और लड़के होंगे, जो एक्टिव होने पर खतरा बन सकते हैं। इसलिए, एटीएस आजमगढ़ से लेकर कश्मीर तक सर्च ऑपरेशन चला रही है। पुलिस मुख्यालय ने यूपी में तिरंगा यात्रा के साथ प्रमुख धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। आतंकियों के निशाने पर तिरंगा यात्रा के साथ लखनऊ, आगरा, वाराणसी और मथुरा के धार्मिक स्थल हैं।
सबाउद्दीन ने सबाहु, दिलावर खान, बैरम खान व आजर के नाम से भी सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बना रखी थी। ये भी सामने आया है कि सबाउद्दीन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलसि-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन यानी एआईएमआईएम से भी जुड़ा हुआ था। पार्टी के नाम पर युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहा था। मकसद आतंकी गतिविधियों में इन लड़कों को जोड़ना था। उसके पास से करीब 25 से ज्यादा लड़कों के मोबाइल नंबर मिले हैं।
एटीएस आतंकी सबाउद्दीन को 15 अगस्त के बाद रिमांड पर लेकर नए सिरे से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। एटीएस और सुरक्षा एजेंसी आजमगढ़, कानपुर, बाराबंकी, लखनऊ, देवबंद, सहारनपुर, मथुरा, आगरा और वाराणसी में स्लीपर सेल के नेटवर्क को तलाश रही है। फिलहाल, संवेदनशील शहरों के धार्मिक स्थल पर पीएसी की 150 कंपनी तैनात की गईं हैं।
आजमगढ़ के मुबारकपुर के गांव अमिलो में सबाउद्दीन रहता था। वो सोशल मीडिया के जरिए आईएसआईएस के आतंकियों के सीधे संपर्क में था। एटीएस ने उसके कब्जे से बम बनाने के उपकरण भी बरामद किए थे। वो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी संघ के नेताओं से संपर्क का प्रयास कर रहा था। इसके पीछे इरादा क्या था, ये अभी सामने नहीं आया है। सबाउद्दीन ने आरएसएस के नाम से जाली मेल आईडी बनाई थी। सबाउद्दीन से पूछताछ में सामने आया है कि वो सीरिया के आतंकी अबू बकर के संपर्क में था। ये लोग लड़कों को वीडियो भेजकर उन्हें कट्टर बना रहे हैं। फिर ऑनलाइन ही कुछ बड़े आतंकियों से बात कराकर संगठन के मकसद पूरा करने में जान देने की कसम दिलाई जा रही थी। इस दौरान इन्हें ये सिखाया गया था कि अपनी पहचान छिपा करके किसी तरह रेकी की जाती है? कुकर बम कैसे बनाया जाता है? पहचान छिपाकर किस तरह धमाका करना है? ट्रेनिंग के बाद वो खामोशी से रहकर बड़े धमाके की योजना बना रहा था। इन्हें पहले एक से दो साल तक स्लीपर सेल की तरह काम कराया जाता है। फिर सक्रिय रूप से आतंकी गतिविधियों से जोड़ा जाता है।