UP News : गैंगरेप पीड़िता ने 12 किलोमीटर तक दौड़कर दुष्कर्मियों से बचाई जान

पीड़ित महिला ने बताया कि मेरी ससुराल सहारनपुर में है और मायका बरेली में है। 16 अगस्त को सहारनपुर जाने के लिए वह बरेली से बस से पकड़ी और फर्रुखाबाद पहुंची। यहां से सहारनपुर जाने के लिए बस स्टैंड पर दूसरी बस का इंतजार करने लगी। शाम करीब 6 बजे कुछ युवक आए और बिल्कुल सटकर खड़े हो गए। फिर पता नहीं क्या हुआ। जब मेरी आंख खुली तो मैंने खुद को एक बंद कमरे में पाया। उसमें एक तरफ भूसा रखा हुआ था, दूसरी तरफ खाली जगह मुझे बैठाया गया था। कमरे में अंदर से ताला लगा हुआ था। मेरे सामने चार लोग बैठे हुए थे। मेरे बोलते ही चारो मुझसे बदसलूकी करने लगे। मैंने युवकों से कहा कि मेरा सामान ले लिया है, तो कोई बात नहीं। लेकिन मुझे जाने दो। मेरे पेट में दो महीने का बच्चा है। मुझे परेशान मत करो। इसके बाद काफी देर तक मैं गिड़गिड़ाती रही कि मुझे जाने दो। चारों ने धमकी दी कि यहां से अगर उठी तो जान से मार देंगे। इसके बाद एक युवक ने मुझे पकड़ लिया और बारी-बारी मेरे साथ गंदा काम किया। मैं बेहोश हो गई। उसके बाद जब मुझे होश आया तो अगले दिन सुबह हो चुकी थी। कमरे में ताला पड़ा हुआ था, मैं चिल्लाई तो फिर से सभी आरोपियों ने मुझे धमकाया और चुप करा दिया। पीड़िता ने बताया कि चारों युवक लगातार मेरी इज्जत लूटते रहे और मैं छोड़ने की मिन्नतें करती रही। लेकिन वे नहीं मानें, मैं भूखी-प्यासी पड़ी रही, अब बाहर निकल पाने की उम्मीद टूट चुकी थी।
महिला के मुताबिक तीन दिन बीत चुके थे। आज चौथा दिन था और सभी आरोपी सो रहे थे, लेकिन कमरे का ताला खुला पड़ा था। दबे पांव दरवाजा खोलकर बाहर निकली और गांव की तरफ दौड़ लगा दी। उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। करीब 12 किमी दौड़कर एक गांव में पहुंची और गांव वालों को अपने साथ हुए घटना के बारे में बताया। गांव वालों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। उसके बाद पुलिस को पूरी आपबीती बताई।
बहादुरपुर गांव के लोगों ने बताया कि पीड़िता जब आई तो बदहवास हालत में थी। उसे कुछ भी सही तरीके से याद नहीं था। काफी डरी हुई थी। पीड़िता की बात सुनने के बाद राजेपुर पुलिस को सूचना दी। राजेपुर थानाध्यक्ष दिनेश कुमार गौतम गांव पहुंचे और पीड़िता से पूछताछ की। इसके बाद पुलिस पीड़िता को लेकर हरदोई के मुर्चा कटरी गांव के उस घर में पहुंची, जहां पीड़िता ने बंधक बनाये जाने की बात बताई थी। मौके पर एक महिला मिली। पूछताछ करने पर महिला ने पुलिस को बताया कि लड़की की चाची, फूफा और बुआ ने 80 हजार लेकर उसे यहां पर चार दिन पहले छोड़ गए थे। पुलिस गैंगरेप के साथ पीड़िता को बेचे जाने के एंगल से भी जांच करने में जुट गई है।
फर्रुखाबाद के एसपी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि महिला ने बंधक बनाकर रेप का आरोप लगाया है। शुरुआती पड़ताल में उसकी बुआ, फूफा व चाची द्वारा उसे बेचे जाने की बात सामने आ रही है। पीड़िता का मेडिकल कराया जाएगा। घटनास्थल पर मिली महिला से भी पूछताछ की जा रही है।अगली खबर पढ़ें
पीड़ित महिला ने बताया कि मेरी ससुराल सहारनपुर में है और मायका बरेली में है। 16 अगस्त को सहारनपुर जाने के लिए वह बरेली से बस से पकड़ी और फर्रुखाबाद पहुंची। यहां से सहारनपुर जाने के लिए बस स्टैंड पर दूसरी बस का इंतजार करने लगी। शाम करीब 6 बजे कुछ युवक आए और बिल्कुल सटकर खड़े हो गए। फिर पता नहीं क्या हुआ। जब मेरी आंख खुली तो मैंने खुद को एक बंद कमरे में पाया। उसमें एक तरफ भूसा रखा हुआ था, दूसरी तरफ खाली जगह मुझे बैठाया गया था। कमरे में अंदर से ताला लगा हुआ था। मेरे सामने चार लोग बैठे हुए थे। मेरे बोलते ही चारो मुझसे बदसलूकी करने लगे। मैंने युवकों से कहा कि मेरा सामान ले लिया है, तो कोई बात नहीं। लेकिन मुझे जाने दो। मेरे पेट में दो महीने का बच्चा है। मुझे परेशान मत करो। इसके बाद काफी देर तक मैं गिड़गिड़ाती रही कि मुझे जाने दो। चारों ने धमकी दी कि यहां से अगर उठी तो जान से मार देंगे। इसके बाद एक युवक ने मुझे पकड़ लिया और बारी-बारी मेरे साथ गंदा काम किया। मैं बेहोश हो गई। उसके बाद जब मुझे होश आया तो अगले दिन सुबह हो चुकी थी। कमरे में ताला पड़ा हुआ था, मैं चिल्लाई तो फिर से सभी आरोपियों ने मुझे धमकाया और चुप करा दिया। पीड़िता ने बताया कि चारों युवक लगातार मेरी इज्जत लूटते रहे और मैं छोड़ने की मिन्नतें करती रही। लेकिन वे नहीं मानें, मैं भूखी-प्यासी पड़ी रही, अब बाहर निकल पाने की उम्मीद टूट चुकी थी।
महिला के मुताबिक तीन दिन बीत चुके थे। आज चौथा दिन था और सभी आरोपी सो रहे थे, लेकिन कमरे का ताला खुला पड़ा था। दबे पांव दरवाजा खोलकर बाहर निकली और गांव की तरफ दौड़ लगा दी। उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। करीब 12 किमी दौड़कर एक गांव में पहुंची और गांव वालों को अपने साथ हुए घटना के बारे में बताया। गांव वालों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। उसके बाद पुलिस को पूरी आपबीती बताई।
बहादुरपुर गांव के लोगों ने बताया कि पीड़िता जब आई तो बदहवास हालत में थी। उसे कुछ भी सही तरीके से याद नहीं था। काफी डरी हुई थी। पीड़िता की बात सुनने के बाद राजेपुर पुलिस को सूचना दी। राजेपुर थानाध्यक्ष दिनेश कुमार गौतम गांव पहुंचे और पीड़िता से पूछताछ की। इसके बाद पुलिस पीड़िता को लेकर हरदोई के मुर्चा कटरी गांव के उस घर में पहुंची, जहां पीड़िता ने बंधक बनाये जाने की बात बताई थी। मौके पर एक महिला मिली। पूछताछ करने पर महिला ने पुलिस को बताया कि लड़की की चाची, फूफा और बुआ ने 80 हजार लेकर उसे यहां पर चार दिन पहले छोड़ गए थे। पुलिस गैंगरेप के साथ पीड़िता को बेचे जाने के एंगल से भी जांच करने में जुट गई है।
फर्रुखाबाद के एसपी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि महिला ने बंधक बनाकर रेप का आरोप लगाया है। शुरुआती पड़ताल में उसकी बुआ, फूफा व चाची द्वारा उसे बेचे जाने की बात सामने आ रही है। पीड़िता का मेडिकल कराया जाएगा। घटनास्थल पर मिली महिला से भी पूछताछ की जा रही है।संबंधित खबरें
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