UP DGP : लखनऊ। इन दिनों यूपी में एक बड़ा सवाल गूंज रहा है। सवाल यह है कि कौन बनेगा UP का पूर्णकालिक नया DGP? प्रशासनिक हलकों से लेकर राजनीतिक क्षेत्र में भी इन दिनों यह प्रश्न ख़ूब शिद्दत से पूछा जा रहा है। हर कोई यही क़यास लगा रहा है कि यूपी का अगला पुलिस महानिदेशक यानि डीजीपी कैसा होगा और कौन बनेगा?
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कार्यवाहक DGP है यूपी में
तीन लाख से अधिक पुलिस फोर्स वाले उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था बीते नौ माह से कार्यवाहक डीजीपी के भरोसे है। पुलिस विभाग समेत प्रदेश की 24 करोड़ जनता को स्थाई पुलिस मुखिया का इंतजार है। सब कुछ ठीक रहा तो अप्रैल के प्रथम सप्ताह में पुलिस महकमे में मुखिया का सूखा खत्म हो सकता है। यूपी में स्थाई डीजीपी की नियुक्ति की कवायद तेज हो गई है। इस रेस में तीन नाम सामने आ रहे हैं। इनमें शफी अहमद रिजवी का भी नाम है, लेकिन माना जा रहा है कि 1988 बैच के आईपीएस आफिसर आनंद कुमार रेस में सबसे आगे हैं।
UP DGP
क्या चल रहा है?
बताया जाता है कि यूपी पुलिस के नए डीजीपी के चयन के लिए सरकार संघ लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रही है। यह एक आवश्यक प्रक्रिया है। मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान का कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो रहा है। उन्हें सेवा विस्तार मिल जाएगा, इस बात की सम्भावना बहुत कम है। यह अलग बात है कि डीएस चौहान सेवा विस्तार के लिए जोड़ तोड़ में जुटे हुए हैं। अपने राजनीतिक आंकाओं को ख़ुश रखने का कोई भी मौक़ा वें छोड़ नहीं रहे हैं। माना जा रहा है कि यूपी में प्रस्तावित निकाय चुनाव से पहले पुलिस विभाग को मुखिया मिल जाएगा। राज्य सरकार ने डीजीपी के चयन के लिए बीते साल भी कोशिश की थी। सरकार ने सितंबर में नए डीजीपी के चयन के लिए यूपीएससी को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन यूपीएससी ने प्रस्ताव को कुछ आपत्तियों के साथ लौटा दिया था। यही कारण था कि डीएस चौहान को स्थाई डीजीपी के तौर पर नियुक्ति नहीं मिल सकी थी। वे 9 महीने से कार्यवाहक DGP बने हुए हैं। पूर्णकालिक DGP की तैनाती ना होने पर सरकार के ऊपर अनेक सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
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कौन कौन हैं दावेदार और किसके दावे में है दम
आपको बता दें कि यूपी के DGP पद के लिए दो वरिष्ठ IPS अधिकारी दावेदार थे, लेकिन इस साल जनवरी और फरवरी में दोनों के सेवानिवृत्त होने के कारण दो अन्य अफसरों के नाम की चर्चा तेज है। इस रेस में साल 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी आनंद कुमार, विजय कुमार और शफी अहमद रिजवी के नाम दावेदारों के तौर पर सबसे ऊपर हैं। इनमें सबसे प्रबल दावेदरी आनंद कुमार की मानी जा रही है। आनंद कुमार का कैरियर बेदाग रहा है। उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली पसंद माना जा रहा है। आनंद कुमार लम्बे अर्से से पुलिस महानिदेशक (कारागार) के पद पर तैनात हैं। इस पद पर रहते हुए उन्होंने अनेक उपलब्धियां दर्ज की हैं। उन्हें बेहद तेज तर्रार पुलिस अफ़सर माना जाता है। विभिन्न जिलों में कप्तान रहते हुए उन्होंने अनेक अपराधियों का ख़ात्मा करने का काम भी बख़ूबी कर रखा है।
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1988 बैच के ही आईपीएस अधिकारी विजय कुमार इस पद के दूसरे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। विजय कुमार इन दिनों डीजी CBCID के पद पर तैनात हैं। प्रशासनिक हल्कों में उनके DGP बनने की संभावनाओं पर भी चर्चा हो रही है। इस इस कड़ी में तीसरा नाम शफ़ी अहमद का लिया जा रहा है। श्री अहमद 1989 बैच के अधिकारी हैं। वे इन दिनों प्रतिनियुक्ति पर भारत सरकार में तैनात हैं। उनकी तैनाती IB में है। राजनीतिक कारणों से उनका DGP बनना मुश्किल माना जा रहा है।
अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमें की सबसे बड़ी कुर्सी पर किसकी ताज़पोशी होती है। चेतना मंच को मिली जानकारी के मुताबिक IPS अधिकारी आनंद कुमार के नाम पर मुहर लग सकती है।
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