UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार के इस बड़े फैसले से प्रदेश के कम से कम साढ़े चार करोड़ नागरिकों को फायदा होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि सरकार के इस बड़े फैसले से उत्तर प्रदेश की दिशा तथा दशा दोनों ही बदल जाएंगी। उत्तर प्रदेश सरकार के इस बड़े फैसले का रिजल्ट आने से उत्तर प्रदेश भारत का पहला गरीबी मुक्त प्रदेश बन जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला करेगा बड़ा काम UP News
उत्तर प्रदेश सरकार का यह बड़ा फैसला बहुत बड़ा काम करेगा। उत्तर प्रदेश का बड़ा फैसला यह है कि उत्तर प्रदेश को गरीबी मुक्त प्रदेश बनाना है। यानि कि उत्तर प्रदेश को ऐसा प्रदेश बनाया जाएगा जिस प्रदेश में एक भी नागरिक गरीबी की रेखा के नीचे ना रहने पाए। बात आंकड़ों की करें तो उत्तर प्रदेश की कुल आबादी 25 करोड़ है।
वर्ष-2013-14 में उत्तर प्रदेश की कुल आबादी के 43 प्रतिशत नागरिक गरीबी रेखा के नीचे रहते थे। इसका अर्थ यह हुआ कि साल 2013-14 तक उत्तर प्रदेश के 10 करोड़ 75 लाख नागरिक गरीब थे। वर्ष-2023-24 की रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में कुल 18 प्रतिशत नागरिक गरीबी की रेखा के नीचे रह गए हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि उत्तर प्रदेश में चार करोड़ 50 लाख (साढ़े चार करोड) नागरिक गरीबी रेखा के नीचे हैं। इन साढ़े चार करोड नागरिकों को गरीबी की रेखा से बाहर निकालने का बड़ा फैसला उत्तर प्रदेश की सरकार ने किया है। इसका सीधा मतलब यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार के बड़े फैसले से प्रदेश के साढ़े चार करोड़ लोगों को बड़ा फायदा होगा। उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला जिस दिन अपने मकसद को पूरा करेगा उस दिन उत्तर प्रदेश भारत का पहला गरीब मुक्त प्रदेश बन जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है यह घोषणा UP News
उत्तर प्रदेश को गरीब मुक्त प्रदेश बनाने के बड़े फैसले की घोषणा 15 अगस्त 2024 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की गई थी। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा की थी। स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उत्तर प्रदेश को देश का पहला गरीब मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने कहा कि हर परिवार की आइडी बनाकर उनको सरकारी योजना का पूरा लाभ दिया जाएगा।
इस अवसर पर योगी ने 10 लाख एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) का गठन कर 50 लाख युवाओं को रोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना की घोषणा भी की थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि आर्थिक रूप से कमजोर छह करोड़ लोगों को सात वर्षों में गरीबी से बाहर लाकर सम्मानजनक जीवन उपलब्ध कराया गया है। नीति आयोग के अनुसार उत्तर प्रदेश कंपोजिट रैंकिंग में देश में प्रथम स्थान पर है। आकांक्षात्मक विकास खंडों के माध्यम से पिछड़े विकास खंडों को विकास की मुख्य धारा के साथ जोड़ा जा रहा है। पात्र परिवारों के लिए लाभार्थीपरक योजनाओं के माध्यम से प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को आत्मसात किया है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना’ की घोषणा करते हुए कहा कि हमारा युवा प्रतिभाशाली और ऊर्जा से भरपूर है। विकसित भारत के निर्माण के लिए युवाओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए राज्य सरकार शिक्षा और रोजगार पर विशेष ध्यान दे रही है। इस योजना में नौकरी के बजाय उद्यम के लिए इच्छुक युवाओं को 10 लाख एमएसएमइ इकाइयों के गठन के लिए सरकार उन्हें आर्थिक रूप से सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक हुए निवेश से 1.62 करोड़ से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है।
केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से 62 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩे में भी मदद मिली है। निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से विगत सात वर्षों में 6.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए दो करोड़ स्मार्टफोन और टैबलेट निश्शुल्क वितरण किया गया है। इस प्रकार की तमाम योजनाएं चलाकर उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश को गरीब मुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता का दावा है कि जल्दी ही उत्तर प्रदेश गरीब मुक्त प्रदेश बनेगा। UP News
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