UP News : आजकल यात्रा करना काफी आसान हो गया है, खासकर गूगल मैप्स की मदद से, जिससे हम बिना किसी कठिनाई के किसी भी स्थान तक पहुँच सकते हैं। हालांकि, कभी-कभी जीपीएस की दिशा हमें समस्याओं में डाल सकती है। ऐसा ही एक हादसा उत्तर प्रदेश के बरेली में हुआ, जहां जीपीएस ने कार सवार यात्रियों को एक अधूरे पुल तक पहुँचाया। परिणामस्वरूप, कार पुल से गिर गई और इस हादसे में तीन लोगों की जान चली गई। कई बार जीपीएस हमें ऐसी जगहों पर ले जाता है, जहाँ रास्ता अवरुद्ध होता है या सुरक्षित नहीं होता।
गूगल मैप के कारण हादसा
रामगंगा नदी का रुख बदलने के कारण बरेली को बदायूं से जोड़ने वाला एक अहम पुल प्रभावित हुआ था। फरीदपुर के खल्लपुर गांव के पास स्थित इस पुल की एप्रोच रोड पिछले साल जुलाई में कट गई थी, जिससे नदी गांव और पुल के बीच बहने लगी। हालांकि, प्रशासन ने इस खतरनाक रास्ते को बंद करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इससे गूगल मैप का सहारा लेकर लोग इस अधूरे पुल पर चढ़ गए और हादसे का शिकार हो गए, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई।
अधूरे पुल पर चढ़ी कार
यह हादसा तब हुआ जब गुरुग्राम से तीन लोग शादी समारोह में शामिल होने के लिए फरीदपुर जा रहे थे। उन्होंने रास्ता ढूंढने के लिए गूगल मैप का सहारा लिया। जैसे ही वे इस अधूरे पुल पर पहुंचे, गाड़ी को रास्ता नहीं दिखा और वो पुल से 50 फीट नीचे गिर गई। इस हादसे में तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
शादी में जा रहे थे दोनों भाई
हादसे का शिकार होने वाले दोनों चचेरे भाई विवेक चौहान और कौशल अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए फरीदपुर जा रहे थे। उनके साथ मैनपुरी के अमित भी सवार थे। इस घटना में प्रशासन की लापरवाही सामने आई है, क्योंकि जिस पुल पर हादसा हुआ, वहां न तो कोई दिशा-निर्देश लगाए गए थे और न ही बैरिकेटिंग की गई थी, जिससे हादसा टाला जा सकता था। UP News
कोहरे और अंधेरे के कारण हुआ हादसा
कोहरे की वजह से हादसे का कारण बना। गूगल मैप ने रास्ता दिखाया था, लेकिन जब वे पुल के पास पहुंचे, तो आगे का रास्ता स्पष्ट नहीं दिख रहा था। परिणामस्वरूप, कार अधूरे पुल से गिर गई और चकनाचूर हो गई।
प्रशासन की लापरवाही
स्थानीय लोगों ने इस हादसे को प्रशासन और सेतु निगम की लापरवाही बताया। उनका कहना था कि अगर रास्ते में कोई चेतावनी और बैरिकेटिंग की जाती, तो यह हादसा टल सकता था। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी और फिर क्रेन की मदद से शवों को निकाला। हादसे के बाद, पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन ने कहा कि एक हाईड्रोलिक स्टडी की जाएगी, जिसके बाद रूड़की के इंजीनियर यह तय करेंगे कि नदी की धारा को मोड़ना है या पुल की लंबाई बढ़ानी है। इसके बाद बजट मिलते ही सुधार कार्य शुरू किया जाएगा। UP News