UP News : कहते हैं कि त्याग हमेशा कई गुना फल देता है। ऐसा ही कुछ हुआ है उत्तर प्रदेश की राजनीति में। उत्तर प्रदेश में अचानक बने राजनीतिक समीकरण के पीछे हरियाणा में किया गया त्याग साफ-साफ नजर आ रहा है। हरियाणा का त्याग उत्तर प्रदेश में PDA का बड़ा हथियार बन गया है। तमाम विश्लेषक तथा राजनीतिक कार्यकर्ता बोल रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में बने नए समीकरण के कारण पूरे प्रदेश में PDA की जय-जयकार हो रही है।
तेजी से बदला उत्तर प्रदेश का राजनीतिक समीकरण
बुधवार की रात को सवा ग्यारह बजे उत्तर प्रदेश में एक बड़ी राजनीतिक घटना ने जन्म लिया। उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट की। इस पोस्ट में घोषणा की गई कि उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा के उपचुनाव में सभी नौ सीटों पर समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस सपा का पूरा साथ देगी।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा कि इंडिया गठबंधन के सभी प्रत्याशी समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे तथा सभी सीटों पर जीत पक्की करेंगे। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस बयान ने उत्तर प्रदेश की वर्तमान राजनीति की दशा और दिशा को अचानक बदल डाला। (यहां देखें अखिलेश यादव का X पर दिया गया बयान
‘बात सीट की नहीं जीत की है’ इस रणनीति के तहत ‘इंडिया गठबंधन’ के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ के निशान पर चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर, कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है। इंडिया गठबंधन इस…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 23, 2024
उत्तर प्रदेश में मिला त्याग का फायदा
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस बयान के साथ ही तय हो गया है कि समाजवादी पार्टी ने हरियाणा में सारी विधानसभा की सीट कांग्रेस के लिए छोडक़र जो त्याग किया था उसका नतीजा आ गया है। सपा ने हरियाणा में एक भी सीट पर चुनान नहीं लड़ा था। सपा के उस त्याग के बदले कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में एक भी सीट पर चुनाव नहीं लडऩे का फैसला किया है। इस प्रकार हरियाणा में किया गया त्याग उत्तर प्रदेश में बड़ा राजनीतिक हथियार बन गया है। अखिलेश यादव के बयान के बाद से तमाम विश्लेषक बोल रहे हैं कि सपा तथा कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में यह बहुत बड़ा दांव चला है। विश्लेषकों का मत है कि इस दांव से उत्तर प्रदेश में भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जहां भाजपा की मुश्किल बढ़ी है। वहीं इस दांव के कारण समाजवादी पार्टी का PDA वाला फार्मूला मजबूत हो गया है। पूरे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस के नेता तथा कार्यकर्ता PDA की जय-जयकार करने में जुट गए हैं। विश्लेषकों का साफ मानना है कि सपा तथा कांग्रेस का यह ताजा फार्मूला उत्तर प्रदेश की राजनीति की दशा तथा दिशा को बदलने वाला है। यह अलग बात है कि कांग्रेस के कुछ नेता दबी जुबान में इस फैसले का विरोध भी कर रहे हैं। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने तो इस फैसले को पार्टी के लिए आत्मघाती कदम बताया है। UP News
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