Sunday, 27 April 2025

Uttar Pradesh के इस स्कूल में चलता है कौन बनेगा सैकड़ापति, बच्चों को मिलता है इनाम

कौन बनेगा करोड़पति इतना फेमस शो बन चुका है, कि इस शो की हॉट सीट पर बैठने के लिए हर…

Uttar Pradesh के इस स्कूल में चलता है कौन बनेगा सैकड़ापति, बच्चों को मिलता है इनाम

कौन बनेगा करोड़पति इतना फेमस शो बन चुका है, कि इस शो की हॉट सीट पर बैठने के लिए हर कोई लालायित रहता है। कुछ लोगों द्वारा अपना सामान्य ज्ञान बढ़ाने के लिए इस शो की नकल भी की जाती है। अब यूपी के इस स्कूल को ले लीजिए, जहां पर केबीसी की तर्ज पर कौन बनेगा सैकड़ापति चलता है। बाकायदा बच्चों से सवाल जवाब किए जाते हैं।

Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले की निचलौल तहसील क्षेत्र में स्थित रातौर गांव गांव में एक सरकारी स्कूल स्थित है। इस स्कूल में शिक्षक बच्चों को टीवी सीरियल कौन बनेगा करोड़पति की तर्ज पर हॉट सीट पर बैठाकर उनसे विषय और सामान्य ज्ञान के सवाल पूछते हैं। स्कूल के इस कार्यक्रम को कौन बनेगा सैकड़ापति नाम दिया गया है। बच्चे खेल-खेल में काफी कुछ सीख जाते है और सही जवाब बताने पर 10 से 100 तक की धनराशि भी पाते हैं।

आपको बता दें कि साल 2018 में पूर्व प्राथमिक स्कूल का भवन बनकर तैयार हुआ और कोरोना की लहर की वजह से लॉकडाउन हो गया। जिसके बाद साल 2021 में इस स्कूल को शुरू किया गया। तभी यहां पर दो टीचर्स जावेद आलम और सुमित कुमार पटेल की तैनाती हुई। शिक्षा को बेहतर करने के प्रयास दोनों शिक्षकों ने किया। टीचर्स ने जंगल से सटे पिछड़े इलाके में स्थित स्कूल के बच्चों को कुछ नए प्रयोग के माध्यम से पढ़ाने और सिखाने के बारे में सोचा। जावेद और सुमित ने मिलकर नए-नए प्रयोग किए। कॉमेडी, खेल-खेल में केबीसी की तर्ज पर कौन बनेगा सैकड़ापति के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का प्रयास शुरू किया।

शिक्षक जावेद आलम का कहना है कि टीवी पर कौन बनेगा करोड़पति को देखकर ऐसा ही स्कूल में प्रयोग करने के लिए सोचा। ताकि बच्चों को क्लास में जो भी पढ़ाते हैं और उसी से सवाल तैयार कर जवाब मांगा जाए। उसके बाद मशहूर शो की तरह धनराशि भी रखी गई है ताकि बच्चों में उत्साह बढ़ेगा और वह स्कूल में पढ़ेंगे व ज्यादा से ज्यादा याद करेंगे। दूसरी ओर सरकारी स्कूल में युवा शिक्षकों द्वारा किए जा रहे नए प्रयास से जिलाधिकारी भी काफी खुश हैं। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि अन्य सरकारी स्कूल के शिक्षकों को दोनों से प्रेरणा लेकर कुछ नए नित प्रयोग करने चाहिए। ताकि बच्चों में आत्मविश्वास के विकास एवं बौद्धिक स्तर बढ़ाया जा सके।

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