Varanasi Blast: अब फांसी पर चढ़ेगा वाराणसी काण्ड का दोषी वलीउल्लाह

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Jun 2022 10:37 PM
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Varanasi: वाराणसी सीरियल ब्लास्ट (Varanasi Serial Blast) मामले में अदालत ने फैसला सुना दिया है। गाजियाबाद की अदालत ने बमकांड के दोषी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है। सात मार्च 2006 को वाराणसी में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। कोर्ट ने संकटमोचन मंदिर में विस्फोट व दशाश्वमेध मार्ग पर बम बरामद होने के मामले में वलीउल्लाह को दोषी माना। वाराणसी बम कांड में दोषी वली उल्लाह को न्यायाधीश जितेंद्र सिन्हा ने हत्या, आतंक फैलाना, विस्फोटक सामग्री का प्रयोग करना और हत्या के प्रयास के मामले में सजा-ए-मौत सुनाई है। दोषी पर 60 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। वलीउल्लाह 16 साल से डासना जेल में बंद है। उसने सजा के प्रश्न पर सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि घर मे 80 वर्ष की बूढ़ी मां, पत्नी, बेटा और बेटी की आर्थिक हालत खराब है। घर मे कोई कमाने वाला नहीं है। मदरसे में बच्चों को तालीम देकर गुजर-बसर करता था। जेल में उसका आचरण सही था, इसलिए उसे कम से कम सजा दी जाए। अदालत ने कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए बम विस्फोट मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। सात मार्च 2006 की वह भयावह शाम में जगह-जगह पड़े मांस के लोथड़ों के बीच शुरू हुई पड़ताल में दहशतगर्दों तक पहुंचने के लिए पुलिस के पास कोई सुराग तक नहीं था। मगर, पुलिस ने एसटीएफ और एटीएस के साथ मिलकर जांच शुरू की तो कॉल डिटेल खंगालने में ही बनारस ब्लास्ट को अंजाम देने वालों की शिनाख्त शुरू हो गई।
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Gyanvapi- अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, ज्ञानवापी से पहले मूर्ति हटाने को लेकर आ चुके हैं चर्चा में

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
locationभारत
userचेतना मंच
calendar04 Jun 2022 06:28 PM
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Varanasi- उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में कथित तौर पर शिवलिंग मिलने की बात सामने आने के बाद से ही जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद मस्जिद के अंदर शिवलिंग की पूजा करने के लिए अड़े हुए हैं। गौरतलब है कि शनिवार को वाराणसी पुलिस ने अविमुक्तेश्वरानंद के मठ को नजरबंद कर लिया था। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद (Avimukteshvaranand) का कहना है कि पूजा उनका अधिकार है और यह अधिकार उनसे कोई नहीं छीन सकता है। ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर कथित तौर पर मिले शिवलिंग की पूजा करने पर अड़े हुए हैं। इनका कहना है कि जब तक इन्हें ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर शिवलिंग की पूजा नहीं करने दी जाएगी तब तक यह अन्न व जल ग्रहण नहीं करेंगे और अनशन पर मठ के दरवाजे पर ही बैठे रहेंगे।

छिंदवाड़ा के राम मंदिर को लेकर पहले भी आ चुके हैं चर्चा में -

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) को लेकर चर्चा में छाए हुए अविमुक्तेश्वरानंद इससे पहले भी चर्चा का विषय बन चुके हैं। इससे पहले मध्य प्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा जिले में स्थित श्रीराम (Ram Mandir, Chhindwara Madhya Pradesh) मंदिर में साईं बाबा की प्रतिमा को देखकर यह भड़क गए थे। उनका कहना था कि जब तक श्री राम मंदिर से साईं जी की मूर्ति को हटाया नहीं जाएगा वह मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं करेंगे। साईं जी की मूर्ति को लेकर उन्होंने कहा था कि यदि आपको साईं की ही पूजा करनी है तो फिर राम और कृष्ण की क्या जरूरत है इसके साथ ही दर्शन के लिए बुलाने वाले शिष्य को इन्होंने आड़े हाथों भी लिया था। बाद में इनकी जिद्द के आगे मंदिर परिसर से साईं जी की मूर्ति हटाई गई तब जाकर इन्होंने मंदिर में प्रवेश किया। इसके अलावा और मुक्तेश्वर आनंद वाराणसी में मंदिर के तोड़े जाने का भी विरोध कर चुके हैं इसके अलावा इन्होंने छत्तीसगढ़ के कवर्धा में सनातन धर्म के ध्वज को हटाने का विरोध करने के साथ-साथ एक बड़ी रैली निकालकर ध्वज को स्थापित भी किया था।
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ज्ञानवापी को लेकर छाएं हैं चर्चा में-

अब एक बार फिर अविमुक्तेश्वरानंद ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में पूजा करने की जिद को लेकर चर्चा में आए हुए हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें अविमुक्तेश्वरानंद का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ जिले में हुआ था। इनका मूल नाम उमाशंकर है प्राथमिक शिक्षा प्रतापगढ़ में ही पूरी करने के बाद यह गुजरात चले गए थे जहां से इन्होंने संस्कृत की शिक्षा ली। शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत ये पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य के शरण में चले गए, और उनके शिष्य बन गए।
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Gyanvapi Mosque- वजू खाने पर पाबंदी और शिवलिंग के दावे पर आज जाएगा कोर्ट का फैसला

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ज्ञानवापी मस्जिद
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calendar30 Nov 2025 01:12 PM
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Gyanvapi Mosque- वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज जिला जज सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुनवाई कर सकते हैं। जिला जज अजय कृष्ण विश्वेशा तय करेंगे कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग के मामले व वजू खाने पर लगी पाबंदी के मामले में से किस मामले पर पहले सुनवाई की जाएगी। गौरतलब है सोमवार 23 मई को जिला जज ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट का फैसला सुरक्षित रख लिया था। हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट में यह मांग की गई है कि सर्वे के दौरान प्राप्त साक्ष्यों को देखते हुए कोर्ट तय करें कि किस मामले पर पहले सुनवाई की जाएगी वही मुस्लिम पक्ष चाहता है कि मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई की जाए।

मामले को लेकर क्या है हिंदू पक्ष की मांग -

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) मसले पर हिंदू पक्ष की मांग है कि हिंदुओं को प्रतिदिन श्रृंगार गौरी की पूजा करने की अनुमति दी जाए। वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा की अनुमति दी जाए। मस्जिद के उत्तर की दीवार को तोड़कर मलबे को हटाया जाए। इसके साथ ही हिंदू पक्ष की मांग है कि मस्जिद के अंदर मिले शिव लिंग की लंबाई व चौड़ाई जानने के लिए सर्वे किया जाए। तथा वजू खाने का वैकल्पिक इंतजाम किया जाए।

क्या है मुस्लिम पक्ष की मांग -

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) मामले में मुस्लिम पक्ष वजूखाने को सील करने का विरोध कर रही है। शुरू से ही मुस्लिम समुदाय ज्ञानवापी सर्वे के खिलाफ था अतः एक्ट 1991 के तहत मुस्लिम समुदाय ज्ञानवापी सर्वे और केस पर सवाल उठा रहा है।
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वजूखाने में शिवलिंग मिलने के बाद कर दिया गया था सील -

गौरतलब है 1 सप्ताह पहले सर्वे के दौरान वजू खाने में शिवलिंग मिलने के बाद कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दे दिया था। अब कोर्ट को आज यह निर्णय लेना है कि पहले आज यह निर्णय लेना है कि की कोर्ट में पहले शिवलिंग मिलने के दावे पर सुनवाई की जाएगी अथवा वजूखाने पर लगी पाबंदी पर सुनवाई की जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है जिसके तहत मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की अनुमति की मांग की गई है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला सिविल जज से जिला कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था।