Uttrakhand: अधिकारी वंचितों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाएं : राष्ट्रपति

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locationभारत
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calendar09 Dec 2022 08:16 PM
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Uttrakhand: देहरादून। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय सिविल सेवा के अधिकारियों से उपेक्षित और वंचित वर्गों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाने, लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने और जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान के लिए काम करने का शुक्रवार को आग्रह किया ।

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मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के 97वें आधारिक पाठयक्रम के समापन समारोह में प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आप अपने प्रशिक्षण के दौरान जिन मूल्यों से अवगत हुए हैं, वे सिर्फ सैद्धांतिक दायरे तक ही सीमित नहीं रहने चाहिए। आप देश की जनता के लिए काम करते समय सामने आने वाली चुनौतियों और कठिनाइयों के दौरान भी इन मूल्यों का अनुसरण करते हुए पूरे आत्मविश्वास के साथ काम करें।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आपको समाज के वंचित वर्ग के लोगों के लिए संवेदनशील रवैया रखना होगा और यह गुण आपको पूरी सेवा अवधि में आत्मबल देगा ।

उन्होंने किसी भी कार्य की सफलता में पूरे समाज की भागीदारी को जरूरी बताते हुए कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अगर आप समाज के उपेक्षित और वंचित वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए अपने निर्णय लेंगे तो आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में अवश्य सफल होंगे।’’

मुर्मू ने अधिकारियों के बैच में 133 लड़कियों के होने पर खुशी जताई और कहा कि देश के सर्वांगीण विकास के लिए पुरुषों और महिलाओं दोनों का योगदान महत्वपूर्ण है ।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं आप सबसे, विशेषकर बेटियों से अपील करूंगी कि आप अपनी सेवा के दौरान जहां भी रहें, लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। विभिन्न क्षेत्रों में बेटियां आगे आएंगी, तो हमारा देश और समाज सशक्त बनेगा।’’

उन्होंने भूमंडलीय उष्मीकरण (ग्लोबल वॉर्मिंग) और जलवायु परिवर्तन की समस्याओं का भी जिक्र किया तथा अधिकारियों से इसके समाधान में योगदान देने का आग्रह किया ।

उन्होंने कहा, ‘‘इस समस्या के समाधान के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है । मैं आप सबसे अपील करती हूं कि भारत सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए जो भी जरूरी कदम उठा रही है, उन्हें आप पूरी तरह से लागू करें, ताकि हमारा आने वाला कल सुरक्षित हो सके।’’

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प्रशिक्षण के दौरान आजादी के अमृत महोत्सव अभियान के तहत सिविल सेवा प्रशिक्षुओं के पूरे देश में स्वतंत्रता सेनानियों के 75 गांवों में समय बिताये जाने का जिक्र करते हुए मुर्मू ने कहा कि उन्हें इन महान आत्माओं से प्रेरणा लेते हुए आम आदमी बनकर देश की सेवा करनी चाहिए।

उन्होंने सुशासन को समय की मांग बताते हुए कहा कि लोगों की समस्याओं को समझने के लिए आम लोगों से जुड़ना जरूरी है और इसके लिए उन्हें विनम्र बनना होगा ताकि वे उनकी भलाई के लिए काम कर सकेंगे ।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मेरी आपसे अपील है कि आप स्वयं निर्धारित किए गए लक्ष्यों को सदा याद रखें और उन्हें पूरा करने के लिए निष्ठापूर्वक जुटे रहें।’’

उन्होंने कहा कि सिविल सेवा अधिकारी 'इंजीनियर' की तरह होते हैं, जो देश को बनाते हैं और सशक्त करते हैं।

उन्होंने देश को आगे ले जाने के लिए केवल मानव विकास नहीं, बल्कि उससे जुड़ी अन्य चीजों जैसे पहाड़ों, पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों, खेल कूद, संस्कृति और परंपराओं को भी जरूरी बताया और कहा कि इनके बिना देश का विकास अधूरा रह जाएगा ।

राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि कर्मयोग के सिद्धांतों पर आधारित प्रशिक्षण से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 2047 में भारत को एक महान और ताकतवर राष्ट्र बनाने का सपना जरूर पूरा होगा ।

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Uttrakhand: नयी शिक्षा नीति से युवा रोजगार प्रदाता बनेंगे : पुष्कर सिंह धामी

Pushkar dhami
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locationभारत
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calendar08 Dec 2022 12:04 AM
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Uttrakhand: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कहा कि मैकाले की शिक्षा पद्धति युवाओं को केवल नौकरी दिलाने का उद्देश्य रखती थी जबकि नई शिक्षा नीति से युवा रोजगार प्रदाता बनेंगे।

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यहां शुरू हुए दो दिवसीय उच्च शिक्षा चिंतन शिविर में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में नये भारत की नींव रखी जा रही है जहां हर क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है।

उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी कई नए कार्य किए जा रहे हैं जिसमें प्राचीन शिक्षा पद्धति और आधुनिक शिक्षा पद्धति के सम्मिश्रण से बनी नई शिक्षा नीति शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां एक ओर (लार्ड) मैकाले की शिक्षा व्यवस्था पर आधारित पुरानी शिक्षा पद्धति युवाओं को सिर्फ नौकरी दिलाने का उद्देश्य रखती थी, वहीं नई शिक्षा नीति के माध्यम से युवा स्वयं नौकरियां देने वाले बन सकेंगे। इसके माध्यम से युवा उद्यमी बन सकेगा, स्टार्टअप विकसित कर सकेगा।’’

उत्तराखंड को 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य का जिक्र करते हुए धामी ने कहा कि यही कारण है कि राज्य सरकार ने 'नो पेंडेंसी' की नीति अपनाते हुए उत्तराखंड में नयी शिक्षा नीति लागू कर दी है। उन्होंने कहा सीमित संसाधनों के बावजूद राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को समग्रता से लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के छात्र—छात्राओं के सर्वांगीण विकास को लेकर दृढसंकल्पित है और प्रदेश को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रही है ​जिसमें उसे निजी क्षेत्र की संस्थाओं का भी सहयोग मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा पहुँचाने के प्रदेश सरकार के प्रयास में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) जैसी प्रतिष्ठित संस्था का पूरा सहयोग मिल रहा है।

उन्होंने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप संस्थाओं का मूल्यांकन और प्रत्यायन अनिवार्य है और निश्चित रूप से नैक के विशेषज्ञों के परामर्श और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे शिक्षकों और अधिकारियों के सहयोग से प्रदेश में संस्थाओं की गुणवत्ता सुधारने में भी सहायता होगी।

उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड में 35 विश्वविद्यालय, 119 सरकारी डिग्री कॉलेज, 300 से अधिक निजी डिग्री कॉलेज हैं जहां देश के लगभग सभी राज्यों एवं 19 देशों से छात्र-छात्राएं अध्ययन के लिए आते हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले पांच साल में उच्च शिक्षा में सभी कॉलेजों में प्रधानाचार्य एवं पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा कि 2025 तक राज्य में 25 मॉडल कॉलेज बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा उत्तराखंड में उच्च शिक्षा संस्थानों के आधुनिकरण, उद्यमिता और कौशल विकास के क्षेत्र में देश के प्रतिष्ठित संस्थान ‘भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद' के साथ उद्यमिता संवर्धन हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए गए। इसके साथ ही छात्रों को आभासीय प्रयोगशाला की सुविधा प्रदान करने हेतु केरल के अमृता विश्वविद्यापीठम् तथा कम्प्यूटर दक्षता और सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता के लिए एडूनेट आईबीएम के साथ भी समझौता ज्ञापन ​पर हस्ताक्षर किए गए।

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Ankita murder case: कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर 'VIP' का नाम छिपाने का आरोप लगाया

Ankita bhandari
Ankita Bhandari Murder Case
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Dec 2022 02:45 AM
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Ankita murder case कांग्रेस ने सोमवार को उत्तराखंड की भाजपा नीत सरकार पर अंकिता भंडारी हत्याकांड में 'वीआईपी' का नाम छिपाने का आरोप लगाया और कहा कि सच्चाई सामने लाने के लिए मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपी जानी चाहिए।

Ankita murder case

यहां जारी एक बयान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि राज्य सरकार के दबाव में पुलिस अंकिता हत्याकांड की जांच में एक भी कदम आगे नहीं बढ़ पाई है। उन्होंने कहा, ‘‘वीआईपी के नाम का खुलासा करने की बजाय वह उसके बचाव का षडयंत्र कर जनता की आंखों में धूल झोंक रही है।’’ उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर किस वीआईपी का बचाव किया जा रहा है, इसका खुलासा करने के लिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए जिससे अंकिता के परिजनों को न्याय मिल सके। ऋषिकेश के निकट पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर क्षेत्र में वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की सितंबर में कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी। पूछताछ में सामने आया कि कथित तौर पर किसी वीआईपी को 'एक्सट्रा सर्विस' देने से मना करने पर अंकिता की हत्या की गयी। माहरा ने कहा कि मामला तत्कालीन भाजपा नेता से जुड़े होने के कारण पुलिस पहले दिन से सबूत नष्ट करने में लगी रही और इसी कारण अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी देर से दर्ज की गयी। उन्होंने कहा कि अपराध के एक सप्ताह बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की गई और उसके बाद भी कई दिन तक उन्हें पुलिस हिरासत में नहीं लिया गया। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हत्याकांड के सबूत मिटाने की नीयत से रिजॉर्ट में तोड़फोड व आगजनी करवाना, पीड़िता के बिस्तर को स्वीमिंग पूल में डालना आदि पुलिस जांच पर सवाल खड़े करते हैं।’’ उत्तराखंड पुलिस ने रविवार को कहा था कि वह अगले 10 दिनों में अदालत में आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर देगी तथा कथित वीआईपी के बारे में सच्चाई सामने लाने के लिए उनका नार्को टेस्ट भी करवाएगी। राज्य पुलिस के प्रवक्ता और अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून—व्यवस्था वी मुरूगेशन ने कहा कि आरोपियों तथा रिजॉर्ट के स्टाफ ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया है कि रिजॉर्ट में प्रेसिडेंशियल सूट में ठहरने वाले को वीआईपी कहा जाता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बारे मे सच्चाई का पता लगाने के लिए आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही अदालत में अर्जी देकर उसकी अनुमति ली जाएगी।

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