नई दिल्ली। सरकारी स्वामित्व वाली राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी) ने बिजली मंत्रालय से कहा है कि उसकी परियोजना की इस क्षेत्र की जमीन धंसने में कोई भूमिका नहीं है। उसने कहा कि तपोवन विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजना से जुड़ी 12 किलोमीटर लंबी सुरंग जोशीमठ शहर से एक किलोमीटर दूर है और जमीन से कम से कम एक किलोमीटर नीचे है।
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Joshimath Disaster
उत्तराखंड के जोशीमठ में सैकड़ों घरों और इमारतों में दरारें आने के लिए जमीन के धंसने को कारण बताया जा रहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 10 जनवरी को जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना की समीक्षा के लिए एनटीपीसी के अधिकारियों को तलब किया था। इसके एक दिन बाद भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी ने मंत्रालय को अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए पत्र लिखा।
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उसने लिखा कि तपोवन विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना के उत्पादन के लिए बांध स्थल पर पानी के अंतर्ग्रहण को बिजलीघर से जोड़ने वाली एक हेड ट्रेस टनल (एचआरटी) जोशीमठ शहर के नीचे से नहीं गुजर रही है।
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