नई दिल्ली. उत्तराखंड (Uttarakhand) में चारधाम परियोजना (Char Dham Project) के तहत बन रही सड़कों को अब डबल लेन करने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान सड़कों के चौड़ीकरण की अनुमति दे दी है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया है. इसके साथ ही पीठ ने चारधाम परियोजना (Char Dham Project) के बारे में सीधे जानकारी प्राप्त करने के लिए पूर्व जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता में निरीक्षण समिति का भी गठन किया है।
इस नई निगरानी समिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इसे रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार और सभी जिलाधिकारियों का पूरा सहयोग प्राप्त होगा।
900 किलोमीटर लंबी चारधाम सड़क परियोजना (Char Dham Project) की लागत करीब 12 हजार करोड़ रुपये का अनुमान है। इस परियोजना का उद्देश्य उत्तराखंड के चार धामों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को ऑल वेदर रोड के जरिये जोड़ना है। इन सड़कों के जरिये किसी भी मौसम में आया जाया जा सकता है।
इस प्रोजेक्ट की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2016 में रखी थी. इसमें यात्रा मार्ग ऋषिकेश से आरम्भ होंगे और चारों धामों तक जाएंगे। पहला रास्ता, ऋषिकेश से निकलेगा, जो धारासु नाम की जगह तक जाएगा. दूसरा धारासु से एक रास्ता यमुनोत्री और दूसरा गंगोत्री जाएगा।
तीसरा, यह रास्ता भी ऋषिकेश से शुरू होगा और रुद्रप्रयाग तक जाएगा। रुद्रप्रयाग से एक रास्ता केदारनाथ के लिए गौरीकुंड तक निकल जाएगा। चौथा, रुद्रप्रयाग से एक रास्ता आगे बद्रीनाथ के लिए माना गांव तक जाएगा. साथ ही टनकपुर से पिथौरागढ़ के रास्ते को हाइवे में बदला जा रहा है।