Site icon चेतना मंच

उत्तराखंड में लागू होने जा रही समान नागरिक संहिता

Uttrakhand News

Uttrakhand News

Uttrakhand News : समान नागरिक संहिता यानि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने के मामले में उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। यूसीसी के लिए उत्तराखंड में गठित की गई UCC समिति की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने मसौदा समिति के सदस्यों के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को UCC मसौदा रिपोर्ट सौंप दी है। 6 फरवरी को यूसीसी विधेयक के रुप में उत्तराखंड की विधानसभा में पेश किया जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि विधानसभा से मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। इस नाते यूसीसी को लागू करने के मामले में उत्तराखंड का देश का पहला राज्य बन जाएगा।

Uttrakhand News in hindi

आपको बता दें कि सीएम पुष्कर धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के लिए 27 मई 2022 को पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। ड्राफ्ट मिलने के बाद अब सरकार इसे शनिवार को होने वाली कैबिनेट मे मंजूरी के लिए रखा जाएगा। केबिनेट की मंजूरी के बाद 6 फरवरी को UCC को विधेयक के रूप में विधानसभा में पेश कर सकती है।

क्या होंगे यूसीसी के प्रावधान

1. समान नागरिक संहिता (UCC) के लागू होने के बाद बहुविवाह पर रोक लग जाएगी और बहुविवाह पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
2. लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल तय की जा सकती है।

3. लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों को अपनी जानकारी देना अनिवार्य होगा और ऐसे रिश्तों में रहने वाले लोगों को अपने माता-पिता को जानकारी प्रदान करनी होगी।

4. लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए पुलिस में रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा।

5. विवाह के बाद अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है। प्रत्येक विवाह का संबंधित गांव, कस्बे में पंजीकरण कराया जाएगा और बिना पंजीकरण के विवाह अमान्य माना जाएगा।

6. विवाह पंजीकरण नहीं कराने पर किसी भी सरकारी सुविधा से वंचित होना पड़ सकता है।

7. मुस्लिम महिलाओं को भी गोद लेने का अधिकार होगा और गोद लेने की प्रक्रिया सरल होगी।

8. लड़कियों को भी लड़कों के बराबर विरासत का अधिकार मिलेगा।

9. मुस्लिम समुदाय के भीतर इद्दत जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

10. पति और पत्नी दोनों को तलाक की प्रक्रियाओं तक समान पहुंच प्राप्त होगी।

11. नौकरीपेशा बेटे की मृत्यु की स्थिति में बुजुर्ग माता-पिता के भरण-पोषण की जिम्मेदारी पत्नी पर होगी और उसे मुआवजा मिलेगा।

12. पति की मृत्यु की स्थिति में यदि पत्नी पुनर्विवाह करती है तो उसे मिला हुआ मुआवजा माता-पिता के साथ साझा किया जाएगा।

13. यदि पत्नी की मृत्यु हो जाती है और उसके माता-पिता को कोई सहारा नहीं मिलता है, तो उनकी देखरेख की जिम्मेदारी पति पर होगी।

14. अनाथ बच्चों के लिए संरक्षकता की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।

15. पति-पत्नी के बीच विवाद के मामलों में बच्चों की कस्टडी उनके दादा-दादी को दी जा सकती है।

16. बच्चों की संख्या पर सीमा निर्धारित करने सहित जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रावधान पेश किए जा सकते हैं।

17. पूरा मसौदा महिला केंद्रित प्रावधानों पर केंद्रित हो सकता है। आदिवासियों को यूसीसी से छूट मिलने की संभावना है।

कौन है लेडी डॉन काजल खत्री, नोएडा पुलिस क्यों कर रही तलाश

देश विदेश  की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच  के साथ जुड़े रहें।

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।

Exit mobile version