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भगवान शिव तथा माता पार्वती के विवाह के दिन मनाई जाती है महाशिवरात्रि, इस साल 8 मार्च को है

Mahashivratri -2024

Mahashivratri -2024

Mahashivratri -2024 : महाशिवरात्रि का पर्व भगवानन शिव (Lord Shiva) के भक्तों के लिए सबसे बड़ा पर्व होता है। इस साल यानि वर्ष 2024 में भगवान शिव शंकर को याद करने वाला पर्व महाशिवरात्रि  (Mahashivratri) 8 मार्च को है। आज हम आपको बता रहे हैं भगवान शिव तथा माता पार्वती के विवाह दिवस के पर्व महाशिवरात्रि का पूरा विवरण वह भी आसान भाषा में। महाशिवरात्रि का पर्व हमें भगवान शिव तथा माता पार्वती के विवाह की याद दिलाता है। देवों के देव भगवान शिव तथा आदिशक्ति माता पार्वती के विवाह दिवस यानि मैरिज एनिवर्सरी  (Marriage Anniversary) के महान पर्व शिव रात्रि के ऊपर हमारे सहयोगी दिनेश गुप्ता ने यह आलेख लिखा है।

भगवान शिव की मैरिज एनिवर्सरी (Marriage Anniversary)

जिस प्रिकार हम सांसारिक लोग अपनी तथा अपने रिश्तेदारों की मैरिज एनिवर्सरी (विवाह दिवस) मनाते हैं वैसे ही भगवान शिव की मैरिज एनिवर्सरी को हम महाशिवरात्रि के रूप में मनाते हैं। मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए ये दिन महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शिव भक्त भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना करते हैं और व्रत भी रहते हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की विशेष पूजा करने से वह प्रसन्न होते हैं।
हर साल फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन शिव जी और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए यह पर्व हर साल शिव भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन शिवजी के भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत रखते हैं और विधि-विधान से शिव-गौरी की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं, इसलिए महाशिवरात्रि के दिन की गई शिव की उपासना से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।
भारत के हिन्दु पंचांग के अनुसार इस साल यानि वर्ष-2024 में फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 8 मार्च 2024 को संध्याकाल 9 बजकर 57 मिनट पर होगी। इसका समापन अगले दिन 9 मार्च को संध्याकाल 6 बजकर 17 मिनट पर होगा। शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए उदया तिथि देखना जरूर नहीं होता है। ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च 2024 को रखा जाएगा। 8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा का समय शाम के समय 6 बजकर 25 मिनट से 9 बजकर 28 मिनट तक है।

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) की पूजा विधि

Mahashivratri -2024

महाशिवरात्रि के दिन प्रात: काल उठकर स्नान आदि करके पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव शंकर के आगे व्रत का संकल्प लें। संकल्प के दौरान उपवास की अवधि पूरा करने के लिए शिव जी का आशीर्वाद लें। इसके अलावा आप व्रत किस तरह से रखेंगे यानी कि फलाहार या फिर निर्जला ये भी संकल्प लें। फिर शुभ मुहूर्त में पूजा प्रारंभ करें। सबसे पहले भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं और पूरी रात्रि का दीपक जलाएं। चंदन का तिलक लगाएं।

भोलेनाथ का सबसे पसंदीदा चढ़ावा

बेलपत्र, भांग, धतूरा भोलेनाथ का सबसे पसंदीदा चढ़ावा है।

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) में प्रसाद

महाशिवरात्रि की पूजा में भोग (प्रसाद) का खास महत्व होता है। तो अगर आप शिव-शंकर को प्रसन्न करने के लिए उन्हें भोग लगाना चाहते हैं तो आलू का हलाव भी तैयार कर सकते हैं। व्रत में आप फलाहार प्रसाद ही ग्रहण कर सकते हैं। ऐसे में आलू का हलवा आसानी से प्रसाद के रूप में लिया जा सकता है।

भोलेनाथ की आरती

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्र्घांगी धारा॥ ओम जय शिव ओंकारा…..
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे। हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे। ओम जय शिव ओंकारा…..
दो भुज चार चतुर्भज दस भुज अतिसोहें। तीनों रुप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥ ओम जय शिव ओंकारा…..
अक्षमाला, बनमाला, रुण्डमालाधारी। चंदन, मृदमग सोहें, भाले शशिधारी।। ओम जय शिव ओंकारा…..
श्वेताम्बर, पीताम्बर, बाधाम्बर अंगें। सनकादिक, ब्रम्हादिक, भूतादिक संगें॥ ओम जय शिव ओंकारा…..
कर के मध्य कमड़ंल चक्र त्रिशूल धरता। जगकर्ता, जगभर्ता, जगसंहारकर्ता॥ ओम जय शिव ओंकारा…..
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। प्रवणाक्षर के मध्यें ये तीनों एका॥ ओम जय शिव ओंकारा…..
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें। कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें।। ओम जय शिव ओंकारा…..

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