Monday, 16 December 2024

एम्स के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया ने प्रदूषण की जहरीली हवा के प्रति किया आगाह

New Delhi News  ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज एम्स के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने हवा में जहरीली…

एम्स के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया ने प्रदूषण की जहरीली हवा के प्रति किया आगाह

New Delhi News  ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज एम्स के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने हवा में जहरीली कण और प्रदूषण की खतरनाक स्थिति के बारे में लोगों को आगाह करते हुए कहा है कि वह महामारी की तरह से एहतियात बरत कर अपना बचाव करें।

हवा में जहरीले कण होने से फेफड़े और दिल सहित 30% मरीजों की हुई तेजी से वृद्धि

क्योंकि हवा में प्रदूषण के कण जिस तरह से खतरनाक स्थिति पर पहुंच गए हैं उससे फेफड़े दिल शहित कई गंभीर बीमारियों में 30% की तेजी से वृद्धि हुई है। प्रदूषण की इस जहरीली हवा से बुजुर्गों और बच्चों को खास ढंग से बचाव की जरूरत है। डॉ गुलेरिया ने प्रदूषण की जहरीली हवा को बताया कि जहरीली हवा के प्रदूषण रक्त नलिकाओं में जाकर गंभीर बीमारियों को बढ़ावा दे रहे हैं। और बच्चों में इसका अच्छा खासा प्रभाव देखा जा रहा है। प्रदूषण रक्त नलिकाओं में जाने से बच्चों के फेफड़े की क्षमता का विकास कम होने का खतरा भी पैदा हो गया है। डॉ गुलेरिया ने कहा की हवा में जहरीले प्रदूषण कण की वजह से कैंसर और दिल का दौरा भी पड़ सकता है सांस लेने में मुश्किल हो सकती है और इसका असर फेफड़े और दिल पर बहुत तेजी से पड़ने का खतरा है।

डॉ रणदीप गुलेरिया ने महामारी की तरह बचाव लेने का सुझाव दिया है

डॉक्टर गुलरिया ने कहा है कि इस समय हवा में प्रदूषण की स्थिति बहुत खराब है और ऐसे में हमें महामारी जैसी सावधानी लेने की जरूरत है।

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जो फेफड़े या अन्य बीमारियों से प्रभावित है उनसे दूरी बनाएं, मुंह पर मास्क लगाए

बुजुर्गों और बच्चों के लिए खांस खास हिदायत है कि वह अपने घरों से ना निकलें और जो लोग सुबह सैर पर जाते हैं वह भी सैर पर जाने से बचें। घर के दरवाजे भी बंद रखें। डॉ गुलेरिया ने कहा की बुजुर्ग और बच्चों में खास तौर से इस जहरीली हवा से बचने की जरूरत है, क्योंकि यह बुजुर्गों और बच्चों के फेफड़े को प्रभावित कर रही है। प्रदूषण जहरीली हवा के सूक्ष्म कणों को रक्त नलिकाओं में जाने से तमाम अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा बन गया है। दमे की बीमारी दिल की बीमारी और फेफड़ों की बीमारी में यह प्रदूषित हवा एक हत्यारे की तरह से है, इसलिए इससे हमें बचाव की बहुत जरूरत है।

बच्चों के फेफड़े का विकास क्षमता कम हो जाता है

डॉक्टर  गुलेरिया ने कहा की बच्चों में अगर यह जहरीली हवा अबाध गति से रहती है तो उनके फेफड़े का विकास की क्षमता भी कम हो जाती है। उनमें खांसी की समस्या छाती पर सीटी की आवाज आना सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। इसलिए हमारा सभी का दायित्व है कि हम बुजुर्गों बच्चों सहित अपने लिए इस जहरीली हवा से बचाव की पूरी सावधानी लें।

लंबी अवधि के रणनीति बनाने की जरूरत

हवा में जहरीले प्रदूषण की गंभीर समस्या को रोकने के लिए डॉक्टर गुलेरिया ने सरकारी स्तर पर और जनता के सामूहिक प्रयासों के स्तर पर लंबी अवधि की रणनीति बनाने को कहा ताकि हर साल हमें जो यह जहरीले प्रदूषण की समस्या झेलनी पड़ती है इसको न झेलना पड़े। प्रदूषण जनित तमाम बीमारियों में बचाव के लिए हमें सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे और बढ़ती व्हीकल की संख्या पर भी नियंत्रण करना होगा। इसमें हम पूल व्यवस्था करें, पर प्रदूषण की स्वच्छता के लिए तमाम रणनीतियों पर काम करने की जरूरत है।

प्रस्तुति मीना कौशिक

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