Hindu Wedding Rituals : सनातन धर्म मे विवाह बहुत ही पवित्र बंधन माना जाता है । विवाह मे होने वाली सभी रस्मे और रीति रिवाज बहुत ही खास और धार्मिक होते है और हर रस्म के पीछे एक धार्मिक और वैज्ञानिक अर्थ छिपा होता हैं । विवाह की सभी रस्मों को बड़ी बारीकी से निभाया जाता है । विवाह बंधन को वर-वधू के नये जीवन की शुरुआत माना जाता है । विवाह मे निभायी जाने वाली सभी रस्में प्राचीन काल से भारत मे चली आ रही हैं । इन रस्मों और परंपराओ के पीछे न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक महत्व भी छिपे हुए हैं। आइये जानते है की वह कौन सी रस्में हैं और उनके पीछे के वैज्ञानिक कारण ।
हल्दी:Turmeric Ritual
हल्दी के रस्मों के साथ शादी की सभी रस्मो की शुरुआत हो जाती है । हल्दी को बृहस्पति गृह का कारक माना जाता है । इसलिए ज्योतिष के अनुसार, विवाह में दुल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाना बहुत शुभ माना जाता है। प्राचीन समय से ही हल्दी को एक औषधी के रूप मे जाना जाता है । इसमें एंटी बैक्टीरियल, और एंटी सेप्टीक, एंटी डिप्रेशन जैसे गुण होते हैं। हल्दी को लगने से वर वधू को इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है । यह बॉडी को रिलेक्स करती हैं और स्किन को चमकदार बनाती हैं । शादी की व्यस्तता के कारण होने वाली नर्वसनेस को कम करती हैं ।
मेहंदी:Mehndi Ritual
हिंदू धर्म मे मेहंदी 16 श्रंगार मे एक मानी जाती हैं । मेहंदी लगाने की रस्म का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। मेहंदी दुल्हन की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करती है। मेहंदी का गाढ़ा रंग वर और वधू दोनो के लियें भाग्यशाली होता है । मेहंदी का रंग जितना चटक होगा दुल्हन का जीवनसाथी उससे उतना ही ज्यादा प्यार करेगा। मेहंदी का स्वभाव ठंडक देने वाला होता हैं । इसलिये प्राचीन समय में मेहंदी को आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता था। शादी के कारण होने वाले तनाव को मेहंदी शांत करती हैं । आपके शरीर और तनावग्रस्त नसों को शांत करने में मदद करती है। मेहंदी में हीलिंग गुण होते हैं।
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सिंदूर भरना: Sindoor Filling Ritual
सिंदूर का लाल रंग हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना जाता है । जब विवाह में दूल्हा दुल्हन की मांग में सिंदूर लगाता है, तब यह जीवन में शुभता और सौभाग्य लाता है। शादी के दिन दुल्हन की मांग में सिंदूर भरा जाता है, जो उसके सुहागन होने की निशानी बनता है। सिंदूर स्त्री को बुरी शक्तियों से दर रखता हैं । सिंदूर लगाने की परंपरा के पीछे वैज्ञानिक कारण है कि जहां सिंदूर लगाते हैं वहां ब्रह्मरंध्र (मस्तिष्क का मध्यबिन्दु) होता जो सिंदूर लगाने से मन को नियंत्रित रखने में सहायक होता है। सिंदूर हल्दी और लाइम से बनता है,इसलिये ये दिमाग को एक्टिव रखने मे मदद करता हैं ।
सात वचन:Seven Promis Rituals
Hindu Wedding Rituals
हिंदू धर्म मे विवाह मे लियें गये सात फेरे ये न सिर्फ दो लोगों को जोड़ती है, बल्कि उन्हें जीवन की हर एक जिम्मेदारी को निभाना भी सिखाते है।हिंदू धर्म में सात फेरे के बिना शादी पूरी नहीं मानी जाती है।विवाह मे लियें गये सात फेरे सात जन्मों का बंधन माने जातें हैं ।अग्नि को साक्षी मानकर सात फ़ेरे लिये जातें हैं । पहले तीन फेरो में दुल्हन आगे रहती है बाद के चार फेरों में दूल्हा आगे रहता है। हमारे शरीर मे उर्जा और शक्ति के सात केंद्र होते हैं । इन्हें चक्र कहतें है । हिंदू धर्म मे सात की शृंखला विशेष महत्व रखती हैं इंद्रधनुष के सात रंग, सात तारे, सात सुर, सात दिन, सात चक्र, मनुष्य की सात क्रियाएं । इन सात फेरों के बाद पति-पत्नी जीवनभर के लिए एक हो जाते हैं।
जूता चुराई:Shoe Theft Ritual
ऐसा माना जाता है कि इंसान की पहचान उसके व्यवहार के साथ उसके जूते से भी की जाती हैं । इसलिये एक दूल्हे की पहचान उसकी पगड़ी,तलवार और जूतों से होती हैं क्योंकि जूते इंसान का स्वभाव बता देते हैं । एक व्यक्ति कितना अनुशाशन मे है यह उसके जूते को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है । ऐसे मे जूते खो जाना और फिर उसे वापस लेना दूल्हे की समझदारी को दर्शाता हैं । फ़ेरे के बाद विदाई के माहौल को खुशनुमा बनाने के लियें विवाह मे जूते चुराई की रस्म होती है ।