Sunday, 24 November 2024

केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान इन पवित्र स्थलों पर जरूर करें दर्शन  

Kedarnath Yatra 2024 : केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) हिन्दु धर्म का पवित्र स्थल माना जाता है। पहाड़ों को चीरकर, बर्फ…

केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान इन पवित्र स्थलों पर जरूर करें दर्शन  

Kedarnath Yatra 2024 : केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) हिन्दु धर्म का पवित्र स्थल माना जाता है। पहाड़ों को चीरकर, बर्फ को काटकर बने केदारनाथ धाम में भगवान शिव की मूर्ति स्थापित की गई है। हर साल भगवान शिव के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है।  हर किसी को केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) के द्वार खुलने का बेसब्री से इंतजार रहता है। भगवान शिव के दर्शन पाने के लिए श्रद्धालुओं को कई महीनों तक इंतजार करना पड़ता है। ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों को लांघते हुए, गिरते बर्फ से हो रही ठंड को मात देते हुए श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं। इस बात पर कोई शक नहीं कि केदारनाथ धाम जाकर श्रद्धालुओं को एक अलग ही अनुभव होता है। ऐसा माना जाता है  कि भगवान शिव की कृपा इस मंदिर पर और यहां आने वाले हर श्रद्धालुओं पर बनी रहती है।

Kedarnath Yatra 2024

चारों तरफ से पहाड़ों और बर्फ से घिरे Kedarnath Dham के एक तरफ करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदारनाथ, दूसरी तरफ है 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड और तीसरी तरफ है 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड बसा हुआ है। उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में बसे केदारनाथ धाम के द्वार श्रद्धालुओं के लिए 10 मई 2024 से खोल दिए जाएंगे। ऐसे में अगर आप भी केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का इंतजार कर रहे हैं और भगवान शिव के दर्शन के लिए जा रहे हैं तो केदारनाथ धाम के नजदीक पड़ने वाले इन पवित्र स्थलों पर यात्रा करना बिल्कुल भी ना भूलें।

बद्रीनाथ (Badrinath)

अगर आप केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकलें हैं तो आपको बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) के दर्शन जरूर करना चाहिए। केदारनाथ से बद्रीनाथ 40 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। बद्रीनाथ को भगवान ‘शिव का पर्वत’ के नाम से भी जाना जाता है। बद्रीनाथ धाम में बर्फ की चादर से ढ़की खूबसूरत चोटियां, तप्त कुंड, नीलकंठ की चोटी और द वैली ऑफ फ्लॉवर जैसी कई खूबसूरत जगह घूमा जा सकता है, जहां आप सुकून के पल जी सकते हैं।

ऋषिकेश (Rishikesh)

ऋषिकेश (Rishikesh) हिन्दु धर्म का सबसे पवित्र स्थान और ‘तीर्थ नगरी’ के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि Rishikesh में प्राचीन समय में ऋषि-मुनियों ने योग, तपस्या और प्रार्थना की थी। ऋषिकेश से केदारनाथ की दूरी करीब 105 किलोमीटर है। हर साल ऋषिकेश में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है जो गंगा की आस्था में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। Rishikesh में त्रिवेणी घाट, लक्ष्मण झूला, नीलकंठ महादेव मंदिर और स्वर्ग आश्रम सहित कई धार्मिक स्थल है।

देवप्रयाग संगम (Devprayag Sangam)

देवप्रयाग संगम (Devprayag Sangam) को उत्तराखंड के पांच प्रयागों में से एक माना जाता है और देवप्रयाग की एक अलग पहचान है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि देवप्रयाग से ही गंगोत्री से आने वाली भागीरथी नदी और बद्रीनाथ धाम से आने वाली अलकनंदा नदी का एक दूसरे से मिलती है। हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा गंगा नदी को मां का दर्जा देकर उनकी पूजा की जाती है। श्री रघुनाथ जी का मंदिर देवप्रयाग में ही स्थित है जहां भारत के कोने-कोने से हिन्दू तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं।

हरिद्वार (Haridwar)

भारत के सबसे धार्मिक शहरों में गिना जाने वाला हरिद्वार (Haridwar) खूबसूरत जगहों में से एक है जहां हर साल लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। हरिद्वार का नजारा दुर्गा पूजा और कुम्भ मेले के समय बेहद खूबसूरत और दिव्य नजर आता है। ये ऐसा वक्त होता है जब Haridwar की खूबसूरती दोगुना बढ़ जाती है। अगर आप Kedarnath Dham जा रहे हैं तो आपको हरिद्वार में हर की पौड़ी, चंडी देवी मंदिर, पवन धाम और विष्णु घाट के दर्शन करना बिल्कुल भी नहीं भूलना चाहिए। हरिद्वार से केदारनाथ की दूरी करीब 123 किलोमीटर है।

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