Somvati Amavasya Surya Grahan 2024 : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चैत्र माह के दौरान जब सूर्य और चंद्रमा का एक साथ मीन राशि में गोचर होता है तो वह समय अमावस्या के रुप में होता है. इस दिन को चैत्र अमावस्या मनाई जाती है. सूर्य और चंद्रमा दोनों की ऊर्जा एक साथ होने पर स्थिति और महत्व दोनों का असर कई गुना होता है. किंतु जब इस स्थिति में ग्रहण लगता है तो यह काफी खास घटनाओं का साक्ष्य बन जाने वाली अमावस्या होती है. इस समय पर किया गया स्नान दान और जप बहुत विशेष बन जाता है. अमावस्या और ग्रहण के समय किया गया मंत्र जाप हर प्रकार के बुरे प्रभावों से मुक्ति दिलाने वाला होता है.
चैत्र अमावस्या और पूर्ण सूर्य ग्रहण योग Somvati Amavasya Surya Grahan 2024
चैत्र अमावस्या, सोमवार के दिन होने के कारण सोमवती अमावस्या, भूतड़ी अमावस्या एवं ग्रहण योग अमावस्या बन रही है. एक साथ इतने योगों का होना अपने आप में इस दिन को बहुत विशेष बना रहा है. ऎसे में इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है. राशि चक्र की 12वी राशि मीन राशि में यह योग बन रहा है और वहीं पर ग्रहण भी होने वाला है तो इस समय स्थिति के अनुसार राशियों पर भी भी इसका गहरा असर होगा. सूर्य आत्मा है तो चंद्रमा मन है और इन दोनों पर ग्रहण का असर भी होगा ऎसे में सूर्य और चंद्रमा मीन राशि में मिलते हुए चैत्र अमावस्या के दिन ग्रहण भी बना रहे हैं ऎसे में कुछ विशेष मंत्रों का जाप देगा पितृ और ग्रह दोष से मुक्ति
चैत्र अमावस्या मंत्र जाप
ॐ पितृ देवतायै नम:।
ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च
नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:
ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।
ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।
राशियों के लिए चैत्र अमावस्या और ग्रहण उपाय
Somvati Amavasya Surya Grahan 2024
इस समय पर सभी बारह राशियों के जातकों के लिए अमावस्या स्नान दान के साथ मंत्र जाप करना उत्तम होगा. इसी के साथ इस दिन पर सात प्रकार के अनाज का दान अवश्य करना चाहिए. अमावस्या और ग्रहण पर किया जाने वाला यह दान ग्रहों की शांति को प्रदान करता है.
अमावस्या के दिन पीपल की पूजा के साथ भगवान शिव का पूजन करना चाहिए इसी के साथ इस समय पर महामृत्युंज्य मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए. ऎसा करने से हर प्रकार के संकट से मुक्ति प्राप्त होती है तथा जीवन में शुभता का आगमन होता है.
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
ज्योतिषाचार्या राजरानी