रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी सिर्फ इस देश के सबसे अमीर व्यक्ति नहीं है, बल्कि दुनिया के टॉप 10 रईसों में भी उनका नाम शामिल है। मुकेश अंबानी का परिवार भारत का सबसे रईस परिवार ही नहीं है, बल्कि इस परिवार में संस्कार और सम्मान कूट-कूट कर भरा हुआ है। हाल ही में मुकेश अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी की शादी हुई है। इस शादी की वजह से ये परिवार इन दिनों और भी सुर्खियों में छाया हुआ है। अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की ग्रैंड शादी की खूबसूरत तस्वीरों ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। लेकिन इस शान और शौकत से भरी मुकेश अंबानी की फैमिली ने एक और वजह से सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। और वो है इस परिवार का संस्कार।
देश के सबसे अमीर परिवार ने बच्चों के परवरिश के जो गुण सिखाए हैं, वो कहीं और से सीखने को नही मिलेगा। आइए अंबानी परिवार से सीखें बच्चे पालने का तरीका
बच्चों को ना छोड़े आया के सहारे :
आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में बच्चों को केयरटेकर के सहारे छोड़ देना आम बात हो चुकी है। जब मां-बाप दोनों वर्किंग होते हैं तो बच्चे केयरटेकर के सहारे ही पलते हैं। अक्सर बड़े-बड़े सिलेब्रिटीज को भी देखा जाता है कि उनके बच्चे भी नैनी की ही गोद में ही नजर आते हैं। सेलिब्रिटीज को फॉलो करते-करते ही अब बड़ी सिटीज में कई माता-पिता अपने बच्चों को केयरटेकर के सहारे छोड़ देते हैं। लेकिन देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के बेटे की शादी की कई तस्वीरों और वीडियो में यह देखने को मिला कि उनके घर के बच्चे, यानी आकाश अंबानी के बेटे पृथ्वी और ईशा अंबानी के दोनों बच्चे किसी केयरटेकर के भरोसे नजर नहीं आए। इनके बच्चों को हमेशा घर के ही किसी सदस्य की गोद में देखा गया। कई तस्वीरों में ईशा खुद अपने बच्चों को गोद में लिए नजर आई। तो कुछ तस्वीरों में खुद मुकेश अंबानी अपने ग्रैंडचिल्ड्रन को गोद में लिए नजर आए। इस परिवार से ये सीखना चाहिए कि अपने घर के बच्चों को खुद ही संभालना चाहिए।
बच्चों को बचपन से ही सिखाएं अच्छी बातें :
अनंत अंबानी की शादी का एक वीडियो सामने आया है जिसमें, उनके बड़े भाई आकाश के बेटे पृथ्वी को नीता अंबानी सबसे इंट्रोड्यूस करवाती हैं। इसके बाद छोटा सा पृथ्वी अपने हाथ में माइक लेकर सबसे ‘राधे-कृष्णा’ बोलता है। पृथ्वी का यह व्यवहार साफ दर्शाता है कि उसे परिवार में कैसा संस्कार मिल रहा है।
आजकल मां-बाप बच्चों के साथ बहुत ही दोस्ताना व्यवहार रखने लगे हैं। यह अच्छी बात भी है। लेकिन दोस्ताना व्यवहार रखने के साथ बच्चों को संस्कार देना नही भूलना चाहिए। कई बार लोगों को यह करते सुना जाता है कि- “अरे यह तो छोटा बच्चा है, बड़ा होगा तो सीख जाएगा।” लेकिन ये सही नहीं है। अंबानी परिवार से हमें सीखना चाहिए कि बच्चों को संस्कार बचपन से ही देना चाहिए। किससे कैसे बात करना है? किससे कैसे मिलना है? ये सारी बातें बचपन में ही सिखाई जानी चाहिए।
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