UP News : यह बात तो सर्वविदित है कि नारी शक्ति पुरूषों की बराबरी कर रही हैं। एक विशेष मोर्चे पर उत्तर प्रदेश की नारी शक्ति पुरूषों से काफी आगे निकल गई है। उत्तर प्रदेश की मां, बहन तथा बेटियां जीवन का सबसे बड़ा दान करके पुरूषों के लिए बड़ा उदाहरण पेश कर रही हैं। उत्तर प्रदेश की नारी शक्ति दान भी ऐसा कर रही हैं जिसे सबसे बड़ा दान कहा जाता है।
पुरूषों के मुकाबले अधिक संख्या में अंगदान कर रही हैं महिलाएं
हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक खास रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। यह रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन(एसओटीटीओ) की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश की मां, बहन तथा बेटियां किस प्रकार अंग दान करने के मामले में पुरूषों को बहुत पीछे छोड़ रही हैं। उत्तर प्रदेश में अंगदान करने के मामले में प्रदेश की महिलाओं की भागीदारी 87 प्रतिशत से भी अधिक पाई गई है। दुर्भाग्य की बात यह है कि जिन महिलाओं को प्रत्यारोपण के लिए शरीर के किसी अंग की जरूरत पड़ती है उन्हें अंग मिलते ही नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में महिलाओं को मात्र 13 प्रतिशत ही अंग मिल पाते हैं।
क्या कहती है उत्तर प्रदेश के एसओटीटीओ की रिपोर्ट UP News
उत्तर प्रदेश के राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एसओटीटीओ) की रिपोर्ट के मुताबिक पुरुष मरीजों को लिवर एवं किडनी दान करने वाली 87 प्रतिशत महिलाएं होती हैं। इसमें करीब 50 प्रतिशत केस में पत्नी अंगदान करती हैं। पत्नी के नहीं रहने पर 38 प्रतिशत मामलों में मां दान देती है। इसी तरह पिता की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत और बहन की 1.5 प्रतिशत और भाई की 1 प्रतिशत हिस्सेदारी होती है। एसओटीटीओ के निदेशक प्रो. आर. हर्षवर्धन कहते हैं कि परिवार के किसी पुरुष को अंग की जरूरत पड़ती है तो पत्नी और मां तत्काल आगे आ जाती हैं, लेकिन महिला को जरूरत पड़ती है तो कोई पुरुष अंगदान करना भी चाहे तो परिवार के अन्य सदस्य हतोत्साहित करते हैं।
पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो नारायण प्रसाद कहते हैं कि संस्थान में हर साल करीब 140 ले किडनी प्रत्यारोपण हो रहे हैं। इनमें ल महिलाओं की हिस्सेदारी सिर्फ 10 है फीसदी है। महिला को प्रत्यारोपण की कि जरूरत पड़ती है तो परिवार के लोगों हु की काउंसिलिंग में ज्यादा वक्त प्रक लगता है। उसमें भी कोशिश रहती है क्र कि किसी महिला सदस्य का ही प्रत अंगदान करा दिया जाए।
उत्तर प्रदेश के 65 अस्पतालों के पास है लाइसेंस
आपको यह भी बता दें कि उत्तर प्रदेश में बहुत कम अस्पतालों के पास अंग प्रत्यारोपण का लाइसेंस है। एसओटीटीओ की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 65 सरकारी और निजी अस्पतालों ने अंगदान के लिए लाइसेंस ले रखा है। केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान में प्रत्यारोपण हो रहा है। लखनऊ स्थित निजी संस्थानों में भी किडनी-लिवर प्रत्यारोपण की शुरुआत हुई है। प्रदेश में वर्षभर में करीब 250 प्रत्यारोपण हो रहे हैं, जिसमें महिलाओं की हिस्सा 25 से 30 तक है। दिल के प्रत्यारोपण का लाइसेंस पीजीआई के पास है, लेकिन शुरू नहीं हुआ है। UP News
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