Noida News : अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध इंटरनेशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रोफेसर पुरुषोत्तम लाल ने भारत सहित दुनिया भर में युवाओं में बढ़ रहे हार्ट अटैक (हृदय रोग) के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। भारत में इंटरनेशनल कॉर्डियोलॉजी के जनक डॉ. पुरुषोत्तम लाल युवाओं की अनहेल्दी लाइफ स्टाइल, असंतुलित आहार, धूम्रपाल व अत्याधिक शराब के सेवन व ज्यादा स्ट्रेट की बढ़ती आदतों से काफी चिंतित है।
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वर्ल्ड हार्ट डे (29 सितंबर) के उपलक्ष्य में मेट्रो अस्पताल, नोएडा ने युवाओं में दिल के दौरे की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए जागरूकता अभियान चलाया है। अब 50 साल से कम उम्र के लोगों में भी दिल के दौरे की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इस चिंताजनक प्रवृत्ति के कारणों को समझने और युवा पीढ़ी की हृदय स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सक्रिय उपाय अपनाने की तत्काल आवश्यकता है। हाल के वर्षों में भारत में युवाओं और 30-40 साल की उम्र के लोगों में दिल के दौरे की घटनाओं में तेज़ी आई है। अक्टूबर 2023 में प्रकाशित एक व्यापक चिकित्सा अध्ययन के अनुसार, 40-69 वर्ष आयु वर्ग में होने वाली कुल मौतों में से 45 प्रतिशत दिल के दौरे के कारण हुईं।
क्या है दिल के दौरे का प्रमुख कारण?
मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन प्रसिद्ध हृदय रोग चिकित्सक डॉ. पुरूषोत्तम लाल ने युवाओं में दिल के दौरे के प्रमुख कारणों को बताते हुए कहा कि अनहेल्दी जीवनशैली असंतुलित आहार, व्यायाम की कमी, धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन मोटापा, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देते हैं, जो दिल के दौरे के महत्वपूर्ण जोखिम कारक हैं। इसके अलावा, तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे चिंता और अवसाद, हानिकारक तरीकों जैसे धूम्रपान, अत्यधिक भोजन या नशीली दवाओं का सेवन करने के कारण दिल की बीमारी के जोखिम को बढ़ा देती हैं। तनाव सीधे रक्तचाप और हृदय गति को बढ़ाता है, जिससे हृदय पर दबाव पड़ता है। आनुवंशिक कारक भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि परिवार में हृदय रोग के इतिहास से कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप प्रभावित होते हैं।
भारत के युवाओं में सामान्य हो गया है दिल का दौरा
डॉ. पुरूषोत्तम लाल का कहना है कि पहले जहां दिल का दौरा केवल बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, अब यह भारत के युवाओं में भी सामान्य हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह जीवनशैली, आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन के कारण हो रहा है, जबकि कुछ का कहना है कि भारतीयों में दिल के दौरे के लिए आनुवांशिक रूप से संवेदनशीलता होती है और पश्चिमी जीवनशैली अपनाने से जोखिम बढ़ गया है।
इन चीजों से करें किनारा
मेट्रो अस्पताल, नोएडा के वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. समीर गुप्ता ने कहा कि युवाओं में दिल के दौरे को रोकने के लिए एक हृदय-स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है। फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा से भरपूर संतुलित आहार का पालन करें, जबकि प्रोसेस्ड फूड, चीनी और ट्रांस फैट का सेवन कम से कम करें। स्वस्थ वजन बनाए रखने और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट की मध्यम या 75 मिनट की तीव्र शारीरिक गतिविधि करें। तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग, या अपने शौक में समय लगाएं और पुरानी चिंता या अवसाद के लिए पेशेवर मदद लें। धूम्रपान से बचें, सेकेंड हैंड धुएं से दूर रहें, और महिलाओं के लिए एक और पुरुषों के लिए दो पेय पदार्थों तक ही शराब का सेवन सीमित रखें। Noida News
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