Noida : नोएडा। ब्राह्मण समाज के प्रमुख संगठन भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा ने घोषणा की है कि यदि चौड़ा गांव के पीडित ब्राह्मण परिवार को न्याय नहीं मिला और दोषी पुलिसकर्मी जेल नहीं भेजे गए तो ब्राह्मण समाज बड़ा आंदोलन करेगा। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पंडित पीतांबर शर्मा ने पीड़ित परिवार से मिलने के बाद यह घोषणा की है।
अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा का एक प्रतिनिधिमंडल कल चौड़ा रघुनाथपुर गांव में पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पीतांबर शर्मा कर रहे थे। इस प्रतिनिधिमंडल में ब्राह्मण समाज के 32 नेता शामिल थे। इन नेताओं में परमानंद शर्मा (प्रदेश महामंत्री), उमेश शर्मा (जिला अध्यक्ष), राम कुमार शर्मा (जिला महामंत्री), मांगेराम सुमन (महावीर नगर अध्यक्ष), रतन शर्मा (नगर महामंत्री), अनिल शर्मा (जिला कोषाध्यक्ष गौतमबुद्ध नगर), सचिन शर्मा (जिला अध्यक्ष ब्राह्मण महासभा), मनोज पंडित, रूप मास्टर, रूप किशोर शर्मा आदि शामिल थे।
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प्रतिनिधिमंडल के नेताओं ने पीड़ित परिवार से 10 सितंबर की घटना का पूरा विवरण प्राप्त किया। साथ ही गांववासियों से भी ब्राह्मण परिवार के उत्पीड़न पर चर्चा की। इस मौके पर भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पीतांबर शर्मा ने घोषणा की कि यदि पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला और दोषी पुलिसकर्मी गिरफ्तार नहीं किए गए तो ब्राह्मण समाज बड़ा आंदोलन शुरू करेगा। बाद में प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेता क्षेत्रीय सांसद डॉ. महेश शर्मा से भी मिले और उनसे दोषी पुलिसकर्मियों को सजा दिलाने की पुरजोर मांग की।
क्या है पुलिस उत्पीडन का पूरा मामला :
नोएडा के सेक्टर-24 थाना क्षेत्र के चौड़ा रघुनाथपुर गांव में रहने वाले संजय उपाध्याय नामक एक गरीब ब्राह्मण परिवार पर पुलिसिया कहर टूटा है। मामला दो पड़ोसियों में कूड़ा फेंकने को लेकर आपसी झगड़े से शुरू हुआ था। इस झगड़े में संजय उपाध्याय की पत्नी रानी उपाध्याय को पिंकी नामक पड़ोसन ने मारपीट कर घायल कर दिया था।
आरोप है कि पुलिस में शिकायत करने पर पुलिस ने उलटे संजय उपाध्याय व रानी उपाध्याय को न केवल थाने की हवालात में डाल दिया, बल्कि थाने में बेरहमी से पीटा भी गया। अपने पिता को थाने में खाना देने गई संजय उपाध्याय की नाबालिग बच्ची को भी पुलिसवालों ने नहीं बख्शा। आरोप तो यह भी है उस बच्ची के गुप्तांगों पर लात मारी गई और उसका सिर फोड़ दिया गया। बच्ची के बेहोश होने के बाद पुलिस ने आनन-फानन में मां-बेटी दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया। इस उत्पीड़न की समाज में चौतरफा निंदा हो रही है।
सब ‘मैनेज’ है :
इस प्रकरण में नोएडा के ‘समाजसेवकों’, राजनेताओं, यहां तक कि लोकतंत्र का चौथा खम्बा कहे जाने वाले मीडिया का रवैया भी बेहद निराशाजनक नजर आ रहा है। एक दो यू-ट्यूब चैनलों को छोड़कर इस मामले में सब खामोश हैं। आरोप है कि पुलिस ने सबको ‘मैनेज’ कर लिया है। मैनेज किए जाने की बात की पुष्टि तब हुई, जब कल प्रतिनिधिमंडल लेकर चौड़ा गांव में जा रहे पंडित पीतांबर शर्मा को भी एक पुलिस अफसर ने ‘मैनेज’ करने का प्रयास किया।
पुलिस का घिनौना चेहरा :
इस पूरे प्रकरण में सेक्टर-24 थाने की पुलिस का बेहद घिनौना और अमानवीय चेहरा सामने आया है। एक गरीब परिवार के उत्पीड़न की सारी हदें पार करने के बाद अब पुलिस मामले में लीपा-पोती करने में लगी हुई है। पुलिस यह प्रचार कर रही है कि यह दो पड़ोसियों का मामूली मामला है। गांववासियों तथा ब्राह्मण समाज का कहना है कि मारपीट के मामले में पुलिस को कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी। पुलिस को यह हक किसने दे दिया कि पूरे परिवार को ही जानवरों की तरह पीटा जाए? इस मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने पीड़ित संजय उपाध्याय के बेटे प्रियांशु से एक तहरीर लिखवाकर मामूली धारा-323 व 504 (एनसीआर) में पड़ोसी के विरूद्ध मामला दर्ज कर लिया।