Holi Special होली के त्यौहार एवं शब-ए-बारात के कारण किसी भी सूचना को बिना स्वंय के आकलन के मैसेज/फोटों/वीडियो को ग्रुप या व्यक्तिगत फॉरवर्ड कर देना बहुत लुभावना व आसान लगता है। लेकिन गलत और भ्रामक सूचनाएं हमारे जीवन, सामाज एवं आपसी सौहार्द पर बहुत गंभीर प्रभाव डाल सकती है। जिससे शांति-व्यवस्था बाधित होकर एक बड़ा रूप ले सकती है। गलत तरह के मैसेज,फोटो व वीडियो से लोगों में कट्टरता या खतरनाक भाव उत्पन्न होते हैं। जो प्रायः हिंसा का रूप धारण करते हैं।
Holi Special
यह सही है कि आप सोशल मीडिया के उपयोग को ले कर ज्यादा सावधान रहते हुए भी अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों से संपर्क में बने रह सकते हैं। किन्तु गलत मैसेज, फोटों व वीडियो बिना सोच समझ के ग्रुप या व्यक्तिगत फॉरवर्ड करने से कई बार साशेल मीडिया इस्तेमाल कर रहे व्यक्ति को कानूनी कठिनाई का सामना करना पड जाता है। सोशल मीडिया का कैसे उपयोग करें इस सम्बन्ध में नोएडा की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में नोएडा पुलिस की मीडिया सेल ने बहुमूल्य एडवाइज़री जारी की है ।
क्या है सही तरीक़ा
सोशल मीडिया पर कुछ भी शेयर करने से पहले यह जरूर सोचें और स्वंय से सवाल करेँ कि
1.क्या यह बात/खबर सत्य है।
2.क्या यह खबर, फोटों अथवा विडियों लोगों को जागरूक या मददगार कर सकती है।
3.क्या यह खबर, फोटों अथवा विडियों प्रेरणास्पद है?
4.क्या यह सोशल मीडिया में शेयर करना परम आवश्यक है?
5.क्या इसमें खबर, फोटों या वीडियो में दया का भाव है?
ध्यान जरूर रखें कि सोशल मीडिया में आपको जो खबर, फोटों अथवा वीडियो प्राप्त हुआ है उसके स्रोत क्या है।
उदाहरण के लिये आप खबर, फोटों या वीडियो के बारे में यह सोच सकते कि क्या यह विश्वसनीय है? आप कैसे मानते हैं कि यह विश्वसनीय है? क्या इसका स्रोत सरकारी अधिकारी, किसी वैध संगठन या कोई न्यूज रिपोर्ट से प्राप्त है?
Holi Special : खबर, तस्वीरें/फोटो एवं वीडियो
जिन खबर, तस्वीरें/फोटों एवं वीडियो पर सही स्रोत नहीं दिया हो, जिनका सही संदर्भ न हो और जो देखने से ही फर्जी या गलत या भ्रामक लग रही हों, उनसे कृपया हमेशा सावधान रहें। अपने आप से पूछिए कि क्या यह मुख्यधारा मीडिया या भरोसेमंद संगठन या सरकार, स्थानीय विभाग या स्थानीय न्यूज़ रिपोर्ट से प्राप्त हुई है जैसे विश्वास करने योग्य स्रोत से प्राप्त हुयी है?
आज के युग में इंटरनेट एवं ऐप के माध्यम से खबर, तस्वीरें/फोटों एवं वीडियो को एडिट करने की आधुनिक तकनीक ने फर्जी खबर, तस्वीरें/फोटों एवं विडियों तैयार करना बहुत आसान बना दिया है, जो प्रायः देखने में पेशेवर और वास्तविक जैसी लगती हैं। यहां तक कि शोध दर्शाते हैं कि सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले 50 % लोग ही यह समझ पाते हैं कि खबर, तस्वीरें/फोटो एवं वीडियो फर्जी है। हालांकि कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिनसे आप खबर, तस्वीरें/फोटों एवं विडियों की प्रमाणिकता का अंदाजा लगा सकते हैं, जैसे तस्वीर/विडियों में छाया कहीं अटपटी जगह तो नहीं बन रही है या फिर किसी व्यक्ति या सामान के आस-पास ऐसा अलग से रंग का दायरा बना हो जिससे लगता हो कि उसे जोड़ा गया है। इस प्रकार की बहुत सम्भावनाएं है जिन्हे आप स्वंत मूल्यांकन कर सकते है।
व्यवहारिक ज्ञान (कॉमन सेंस) का उपयोग करें! अगर कोई पोस्ट अविश्वसनीय लग रही हो, तो संभव है कि वह अविश्वसनीय ही हो। हमेशा ध्यान रखिए कि फर्जी सूचना या समाचार को इस तरह तैयार किया जाता है कि उससे आपके भय और पूर्वग्रह को बल मिल सके। साथ ही यह भी याद रखिए कोई खबर, तस्वीरें/फोटो एवं विडियों सही या सच्चा प्रतीत हो रहा है तो जरूरी नहीं कि वह वास्तव में सत्य ही है।
हमेशा खुद से पूछिए, ‘‘यह खबर, तस्वीरें/फोटों एवं वीडियो क्यों पोस्ट किया गया है?’’ क्या यह मुझे किसी खास विचारधारा/ अथवा साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाडने की ओर आकर्षित करने के लिए तो नही भेजा गया है? यदि संदेह हो तो उस खबर को छोड़ दें।
कोई भी खबर, तस्वीरें/फोटो एवं वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करने की जल्दबाजी में ना रहें। कोई भी संदेश देखने के बाद थोड़ा रुकिए और इस बारे में सोचिए। अगर आपको स्रोत या सूचना के बारे में कोई संदेह है।
गलत खबर, फोटो अथवा विडियों ग्रुप या व्यक्तिगत फॉरवर्ड करने पर यदि आपसी सौहार्द, साम्प्रदायिकता, शांति व्यवस्था बाधित होती है। तो भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत निम्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर दण्डनीय कार्रवाई की जा सकती है।
हो सकती है सख़्त कार्यवाही : Holi Special
153ए-धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बिगाड़ने पर कार्रवाई
295-किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के आशय से उपासना के स्थान को क्षति पहुँचाना या अपवित्र करने पर कार्रवाई।
295ए-किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है या उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करता है या इससे संबंधित वक्तव्य देने पर कार्रवाई।
296-धार्मिक उपासना या धार्मिक संस्कारों में वैध रूप से लगे हुए किसी जमाव में स्वचेछया विघ्न कारित करने पर कार्रवाई।
297-पूजा या समाधि के स्थान पर अतिक्रमण, भावना घाव या किसी भी व्यक्ति के धर्म का अपमान करने पर कार्रवाई।
298-किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के इरादे से शब्द बोलने पर कार्रवाई।
501-किसी व्यक्ति के लिए मानहानिकारक है, मुद्रित या प्रकाशित करने पर कार्रवाई
502-किसी मुद्रित या उत्कीर्ण पदार्थ को, जिसमें मानहानिकारक विषय अन्तर्विष्ट है, यह जानते हुए कि उसमें ऐसा विषय अन्तर्विष्ट है, बेचेगा या बेचने की प्रस्थापना करने पर कार्रवाई।
504-लोक शान्ति भंग या आशय से अपमान करने पर कार्रवाई।
505-वर्ग या समुदाय किसी दूसरे वर्ग या समुदाय के विरुद्ध अपराध करने के लिए उद्दीप्त किया जाए. रचेगा, प्रकाशित करेगा या परिचालित करने पर कार्रवाई।
506-आपराधिक धमकी देने पर कार्रवाई।
507-अनाम संसूचना द्वारा आपराधिक धमकी देने पर कार्रवाई।
508-जो कोई किसी व्यक्ति को यह विश्वास करने के लिए उत्प्रेरित करके, या उत्प्रेरित करने का प्रयत्न करके, कि यदि वह उस बात को न करेगा, जिसे उससे कराना अपराधी का उद्देश्य हो, या यदि वह उस बात को करेगा जिसका उससे लोप कराना अपराधी का उद्देश्य हो।
509-जो कोई किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहेगा, कोई ध्वनि या अंग विक्षेप करेगा, या कोई वस्तु प्रदर्शित करेगा, इस आशय से कि उस स्त्री द्वारा ऐसा शब्द या ध्वनि सुनी जाए, या ऐसा अंगविक्षेप या वस्तु देखी जाए, अथवा उस स्त्री की एकान्तता का अतिक्रमण करेगा।
510-कोई नशे की हालत में किसी लोक स्थान, या किसी ऐसे स्थान में, जिसमें उसका प्रवेश करना अतिचार हो, आएगा और वहां इस प्रकार का आचरण करेगा जिससे किसी व्यक्ति को क्षोभ हो।
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