Saturday, 21 September 2024

पूर्व IAS Ram Vilas Yadav को ED ने किया गिरफ्तार

लखनऊ: आय से अधिक संपत्ति मामले में जेल में बंद पूर्व IAS Ram Vilas Yadav को अब ईडी ने भी…

पूर्व IAS Ram Vilas Yadav को ED ने किया गिरफ्तार

लखनऊ: आय से अधिक संपत्ति मामले में जेल में बंद पूर्व IAS Ram Vilas Yadav को अब ईडी ने भी गिरफ्तार किया है। शनिवार को पीएमएलए एक्ट के तहत सुद्धोवाला जेल में राम विलास यादव की औपचारिक गिरफ्तारी की गई है। इसके बाद से उसे फिर सुद्धोवाला जेल में ही दाखिल कर दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। बता दें कि पूर्व आईएएस राम विलास यादव यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी थे।

 

पिछले साल हुई थी गिरफ़्तारी

 

चर्चा है कि इसी वजह से IAS Ram Vilas Yadav बिना किसी डर के भ्रष्टाचार के जरिए अवैध संपत्ति अर्जित करते रहे। लेकिन उत्तराखंड जाने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई और साल 2022 में उनके खिलाफ विजलेंस ने मुकदमा करते हुए गिरफ्तार का लिया था। इससे पहले वह यूपी की राजधानी लखनऊ में मंडी परिषद के अडिशनल डायरेक्टर और लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके हैं।

 

राम विलास एकलौते ऐसे आईएएस जिन्हें भेजा गया जेल

 

वहीँ पिछले साल देहरादून, लखनऊ और गोरखपुर में विजिलेंस विभाग की टीम ने छापेमारी की थी लखनऊ में दिलकश विहार कॉलोनी स्थित रानी कोठी और थाना गुड़म्बा के जनता विद्यालय में छापेमारी की गई थी। बता दें कि राम विलास पहले ऐसे आईएएस अधिकारी रहे जो जेल भेजे गए।

 

23 अप्रैल 2022 को विजिलेंस ने किया था गिरफ्तार

 

आईएएस रहते ही रामविलास यादव को 23 अप्रैल 2022 को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उत्तराखंड में तैनात रहते हुए आए से अधिक संपत्ति अर्जित की है। विजिलेंस ने जांच में पाया था कि उसने ज्ञात सोर्स से करीब 78 लाख रुपए की कमाई की। जबकि, उनके ( IAS Ram Vilas Yadav) पास 21 करोड़ रुपए की संपत्ति पाई गई है। पूर्व आईएएस रामविलास यादव का ज्यादातर कार्यकाल उत्तर प्रदेश में रहा है।

 

यूपी सर्कार ने की थी जांच की सिफारिश

 

वह 2017 में देहरादून आए और समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी देख रहे थे। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच की सिफारिश की थी। विजिलेंस अधिकारियों के मुताबिक, उनकी ( IAS Ram Vilas Yadav) आय से जब संपत्तियों की तुलना की गई तो यह करीब 2600 फीसदी यानी तकरीबन 27 गुना अधिक निकली। ये सारी संपत्तियां उनके रिश्तेदारों के नाम के साथ ही उनकी पत्नी के नाम पर स्कूल, पैतृक गांव में मकान, जमीन, देहरादून में संपत्तियां, लखनऊ में कई संपत्तियां शामिल हैं।

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