नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों को सुसंगत बनाने के लिए गठित मंत्री समूह (जीओएम) के नए संयोजक का चयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
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कर्नाटक में सरकार बदलने के बाद से खाली पड़ा है पद
कर्नाटक में सरकार बदलने के बाद से यह पद खाली पड़ा हुआ है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सितंबर, 2021 में जीएसटी परिषद के तहत गठित सात सदस्यीय मंत्री समूह के संयोजक थे। वित्त मंत्रालय ने समिति के अन्य सदस्यों के साथ परामर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक के जीओएम के सदस्य के रूप में बने रहने की संभावना है। हम किसी संयोजक का प्रस्ताव नहीं कर रहे हैं। इसका चयन जीओएम सदस्यों के बीच विचार-विमर्श के आधार पर किया जाएगा।
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सबसे वरिष्ठ हैं सिद्धरमैया
कर्नाटक के अलावा जीओएम के अन्य सदस्य बिहार, गोवा, केरल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल हैं। आमतौर पर जीओएम में सबसे वरिष्ठ सदस्य को संयोजक के रूप में नामित किया जाता है। वर्तमान में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के पास वित्त विभाग भी है, इसलिए उन्हें दर युक्तिकरण पर जीओएम के नए संयोजक के रूप में नामित किया जा सकता है। जीएसटी परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री के पास रहती है। परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं। जीएसटी परिषद ने सितंबर, 2021 में दरों को सुसंगत करने के लिए उलट शुल्क ढांचे को सुधारने के लिए जीओएम के गठन का फैसला किया था।
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शून्य से 28 फीसदी है जीएसटी दरें
मंत्री समूह ने जून, 2022 में कुछ वस्तुओं और सेवाओं के लिए कर दरों में बदलाव और दरों को सुसंगत करने के लिए अपनी अंतरिम रिपोर्ट जीएसटी परिषद को सौंपी थी। फिलहाल जीएसटी के तहत पांच स्लैब शून्य, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत हैं। विलासिता वाली वस्तुओं और हानिकारक उत्पादों पर 28 प्रतिशत की सबसे ऊंची दर के ऊपर उपकर भी लगाया जाता है।
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