Friday, 29 November 2024

Trending News: मरने के 11 दिन बाद भी ताबूत के भीतर छटपटाती रही महिला, घर वालो के उडे होश

Trending News: कार्डियक अरेस्ट से एक महिला की मौत हो गईं। जिसके बाद उसे कब्रिस्तान में दफनाया गया। लेकिन 11…

Trending News: मरने के 11 दिन बाद भी ताबूत के भीतर छटपटाती रही महिला, घर वालो के उडे होश

Trending News: कार्डियक अरेस्ट से एक महिला की मौत हो गईं। जिसके बाद उसे कब्रिस्तान में दफनाया गया। लेकिन 11 दिन बाद जब कब्र से लोगों को उसकी चीखें सुनाई दीं, तो वे सहम गए। बाद में पता चला कि उसे जिंदा ही दफना दिया गया था। घरवालों ने महिला को जिंदा ही कर दिया था दफन, 11 दिन ताबूत के भीतर छटपटाती रही

37 साल की एक महिला की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो जाती है। शोक में डूबे घरवाले उसे कब्रिस्तान में दफन करते हैं। लेकिन दफनाने के 11 दिन बाद कब्र से महिला के चीखने की आवाज सुनकर लोग सहम जाते हैं। बाद में पता चलता है कि वो गलती से जिंदा ही दफनाई गई थी। आनन-फानन में कब्र खोदकर उसे निकाला गया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। दिल दहला देने वाला यह मामला ब्राजील का है।

दिल दहला देने वाला मामला

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मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, चौंकाने वाली यह घटना नॉर्थ-ईस्ट ब्राजील के रहियाचाओ दास नेवेस में 2018 में घटी। लेकिन कहानी अब जाकर फिर से वायरल हो रही है। रोसेंगेला अल्मेडा डॉस सैंटोस की कार्डियक अरेस्ट से कथित मौत के बाद उन्हें सेन्होरा सैन्टाना कब्रिस्तान में दफनाया गया था। लेकिन जबन क्रबिस्तान के पास रहने वालों ने 11 दिन बाद उनके कब्र से चीखने की आवाजें सुनीं, तो वे दंग रह गए। उन्होंने फौरन रोसेंगेला के घरवालों को इसकी सूचना दीं।

Trending News: 11 दिन बाद भी जिंदा थी

उधर, रोसेंगेला के जिंदा होने की खबर मिलते ही घरवाले कब्रिस्तान पहुंचे। जब उन्होंने पत्थर की कब्र तोड़ी, तो महिला बेहोशी की हालत में मिली। शरीर अभी भी गर्म था। ये देखते ही परिजन उन्हें लेकर फौरन अस्पताल भागे लेकिन तब तक रोसेंगेला दम तोड़ चुकी थीं। महिला के हाथों और माथे पर चोट के निशान थे। जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ताबूत से निकलने के लिए वह कितनी छटपटाई होगी। यही नहीं, बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने की कोशिश में उसके कान और नाक में लगी रूई भी शरीर से बाहर आ गई थी। ताबूत के अंदर खरोंच के निशान और काफी खून था। महिला के घरवालों का कहना है कि रोसांगेला को गंभीर थकान के बाद एक सप्ताह तक बाहिया के बैरेइरास में हॉस्पिटल डो ओस्टे में एडमिट कराया गया था। उनके डेथ सर्टिफिकेट के अनुसार, सेप्टिक शॉक से मरने से पहले उन्हें दो बार कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ा।

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