उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज जिले में लगे महाकुंभ मेले में आज रात करीब 3 बजे भगदड़ मचने की वजह से एक बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में करीब 17 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है। मौनी अमावस्या के पर्व पर अमृत स्नान की होड़ में मची भगदड़ में कई लोगों की मौत और घायल होने की खबर बहुत ही पीड़ादायक है। देर रात हुए इस हादसे की खबर ने सबको हिला कर रख दिया है। अब इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी दुख व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने वीआईपी कल्चर पर लगाम लगाने की भी बात कही है।
महाकुंभ भगदड़: राहुल गांधी ने की VIP कल्चर पर लगाम लगाने की अपील –
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान संगम तट पर हुई भगदड़ मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति भारी संवेदना व्यक्त की है। अपने ऑफिशियल X हैंडल पर उन्होंने लिखा है कि – “प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण कई लोगों के मौत और कईयों के घायल होने की ख़बर अत्यंत दुखद है। शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं। इस दुखद घटना के लिए कुप्रबंधन, बदइंतजामी और आम श्रद्धालुओं की जगह VIP मूवमेंट पर प्रशासन का विशेष ध्यान होना ज़िम्मेदार है। अभी महाकुंभ का काफी समय बचा हुआ है, कई और महास्नान होने हैं। आज जैसी दुखद घटना आगे न हो इसके लिए सरकार को व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। VIP कल्चर पर लगाम लगनी चाहिए और सरकार को आम श्रद्धालुओं के जरूरतों की पूर्ति के लिए बेहतर इंतजाम करने चाहिए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से अनुरोध करता हूं कि पीड़ित परिवारों की मदद करें।”
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण कई लोगों के मौत और कईयों के घायल होने की ख़बर अत्यंत दुखद है।
शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं।
इस दुखद घटना के लिए कुप्रबंधन, बदइंतजामी और आम श्रद्धालुओं की जगह VIP…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 29, 2025
पंचायती अखाड़ा निरंजनी के महामंडलेश्वर ने जाहिर की प्रशासन पर नाराजगी:
महाकुंभ भगदड़ मामले में पंचायती अखाड़ा निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद महाराज ने प्रशासन की व्यवस्था पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि – “पिछले स्नान के बाद भी सभी अखाड़े वालों ने प्रशासन को सचेत किया था। और जब प्रशासन को अंदाज़ा था कि इतनी भारी संख्या में लोग आने वाले हैं तो व्यवस्था को सेना के हवाले क्यों नहीं किया गया। यहां प्रशासन पूरी तरह फेल हो गया है और अब तक सिर्फ वीआईपी की सेवा में लगा रहा है।”