Thursday, 10 April 2025

नीतीश-चिराग की इफ्तार पार्टी: बिहार की सियासत में नए रिश्तों की शुरुआत

Chirag Paswan : बिहार में राजनीति की सियासी धारा में इफ्तार पार्टी एक अहम मोड़ पर आ चुकी है। हाल…

नीतीश-चिराग की इफ्तार पार्टी: बिहार की सियासत में नए रिश्तों की शुरुआत

Chirag Paswan : बिहार में राजनीति की सियासी धारा में इफ्तार पार्टी एक अहम मोड़ पर आ चुकी है। हाल ही में आयोजित चिराग पासवान  (Chirag Paswan) की इफ्तार पार्टी ने न केवल धार्मिक मेलजोल को दर्शाया, बल्कि इसके जरिए राजनीतिक संदेश भी दिया गया। जहां एक ओर लालू प्रसाद यादव की इफ्तार पार्टी में कई प्रमुख नेता नदारद थे, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सहयोगी नेता चिराग पासवान के साथ खड़े नजर आए।

नीतीश कुमार की चिराग पासवान (Chirag Paswan) से मुलाकात

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस इफ्तार पार्टी में भाग लिया और चिराग पासवान के साथ लंबी बातचीत की। यह मुलाकात विशेष रूप से तब चर्चा का विषय बनी, जब नीतीश कुमार ने अपने पिछले बयान और दूरी को समाप्त करते हुए चिराग के साथ अपने संबंधों को प्रगाढ़ किया। पार्टी में बीजेपी के नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी मौजूद थे, जो इस बात का इशारा करते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में NDA के भीतर एकजुटता बनी रहेगी।

चिराग पासवान (Chirag Paswan) का बयान: मुसलमानों की दुर्दशा

इफ्तार पार्टी में चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कांग्रेस और राजद को मुसलमानों की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन पार्टियों ने मुसलमानों का केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। चिराग का कहना था कि राजनीतिक दलों ने समुदाय की समस्याओं को नजरअंदाज किया और केवल चुनावी फायदे के लिए उनका शोषण किया।

चिराग (Chirag Paswan) का इफ्तार पार्टी पर धार्मिक संदेश

चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कहा कि वह हिंदू होते हुए भी इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं, क्योंकि यह सद्भाव और एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “जब हिंदू और मुसलमान एक साथ बैठकर भोजन करते हैं, तो यह समाज में भाईचारे का संदेश देता है।” इसके साथ ही उन्होंने मौलाना अरशद मदनी से अपनी शिकायत भी जाहिर की, जिनके अनुसार उनके द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी का बहिष्कार किया गया था।

मदनी पर चिराग (Chirag Paswan) की टिप्पणी

चिराग ने मदनी साहब से सवाल किया कि अगर मुसलमानों की स्थिति पर कोई जिम्मेदार है, तो वह वे दल हैं जिन्होंने उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया, न कि वे जिन्होंने उनके लिए राजनीतिक संघर्ष किया। चिराग ने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मुसलमानों की दयनीय स्थिति के लिए कांग्रेस और राजद को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, क्योंकि उनके शासन में यह स्थिति बनी थी।Chirag Paswan :

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