RBI Repo Rate: रेपो रेट में RBI करेगा बढ़ोतरी, कर्ज लेने पर चुकानी होगी ज्यादा कीमत

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calendar30 Nov 2025 02:41 PM
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नई दिल्ली: मुद्रास्फीति (Inflation) में कमी के कोई संकेत नहीं दिखने को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI Repo Rate) बुधवार को अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में एक और बढ़ोतरी किया जा सकता है । विशेषज्ञों ने यह अनुमान जताते हुए बताया है कि गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Repo Rate)  पहले ही इसके संकेत देना शुरू कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने बिना तय कार्यक्रम के हुई मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy) की बैठक को लेकर रेपो दर (Repo rate) में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी कर दिया था। ऐसी अटकलें हैं कि इस बार की समीक्षा में दरों में कम से कम 0.35 फीसदी की और बढ़ोतरी होने जा रही है। विशेषज्ञ आने वाले महीनों में रेपो दर में देखा जाए तो और बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। गवर्नर दास के नेतृत्व वाली एमपीसी (RBI Repo Rate) की तीन दिन की बैठक सोमवार से शुरू होगी। बैठक के दौरान लिए गए फैसलों की घोषणा गवर्नर बुधवार को करने जा रहे हैं। थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति 13 महीने से दो अंक में बनना शुरू ही गया है। और अप्रैल में यह 15.08 फीसदी के रिकॉर्ड उच्चस्तर तक पहुंच गया है। दास ने हाल ही में जानकारी दिया है कि रेपो दरों में कुछ बढ़ोतरी होने जा रही है, लेकिन अभी उन्हें नहीं बता पाऊंगा कि यह कितनी जा रही है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने एमपीसी की बैठक पर जानकारी दिया है कि यह समीक्षा वृद्धि और मुद्रास्फीति (RBI Repo Rate) पर केंद्रीय बैंक के विचारों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया है कि रेपो दर में वृद्धि तो होने जा रही है, लेकिन यह 0.25-0.35 फीसदी से ज्यादा नहीं होने वाली है, क्योंकि मई में हुई बैठक की टिप्पणियों में यह संकेत मिल गया था कि एमपीसी रेपो दर में बड़ी वृद्धि के पक्ष में नहीं माना जा रहा था। सरकार ने मुद्रास्फीति पर काबू को लेकर पेट्रोल-डीजल पर शुल्क में कटौती, कुछ खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कमी और गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने सहित कई अहम कदम उठाए जा चुके हैं। बोफा सिक्योरिटीज ने जानकारी दिया है कि उम्मीद है कि आरबीआई जून में रेपो दर में 0.40 फीसदी और अगस्त में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी होने जा रही है। हाउसिंग डॉट कॉम, प्रॉपटाइगर डॉट कॉम और मकान डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने बताया है कि रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने को लेकर एक बार फिर रेपो दर में वृद्धि किए जाने की संभावना है। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि दरों में देखा जाए तो बढ़ोतरी धीरे-धीरे होनी चाहिए, क्योंकि इससे रियल एस्टेट क्षेत्र की वृद्धि प्रभावित हो रही है।
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7th Pay Commission: DA में जल्द ही हो सकता है इजाफा, करोड़ों कर्मचारियों को मिलना शुरू होगा लाभ

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calendar30 Nov 2025 01:07 AM
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार (7th Pay Commission) की बात करें तो काफी जल्द अपने 50 लाख कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनर्स के महंगाई भत्ते (DA Hike) में बढ़ोतरी करने को ऐलान कर सकती है। ये बढ़ोतरी 1 जुलाई से होने जा रही है और इन करोड़ों लोगों को सीधे इसका फायदा मिलना शुरू हो जाएगा।

39 फीसदी पहुंच जाएगा महंगाई भत्ता

सरकार साल में दो बार महंगाई (7th Pay Commission) भत्ते में बढ़ोतरी हो जाती है। पहली जनवरी से जून की अवधि के लिए किया जाता है। जबकि दूसरी जुलाई से दिसंबर की अवधि को लेकर होता है। इस बार सरकार कर्मचारियों और पेंशनर्स (Pensioners) के  महंगाई भत्ते में सीधे 5% की बढ़ोतरी करने जा रही है। अगर ऐसा होता है तो ये 34 फीसदी से बढ़कर 39 फीसदी पर पहुंच जाएगा। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का फैसला देखा जाए तो सरकार AICPI Index के आधार पर करना अहम होता है। मार्च  2022 के आंकड़ों में इस इंडेक्स में 1 पॉइंट का इजाफा कर दिया गया था और ये 126 पॉइंट पर पहुंच गया था. तब से ही उम्मीद लगाई जा रही है कि सरकार जुलाई-दिसंबर की अवधि को लेकर महंगाई भत्ते को बढ़ोतरी हो सकती है । हालांकि अभी अप्रैल, मई और जून 2022 के लिए AICPI के नंबर आना बाकी हो गया है। अगर ये मार्च के स्तर से ऊपर रह जाता है तो सरकार का महंगाई भत्ता बढ़ाना लगभग माना जा रहा है। वैसे देश में महंगाई का बुरा हाल हो चुका है। अप्रैल में खुदरा महंगाई की दर (Retail Inflation Rate) 7.79% के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच चुका है। जबकि खाद्य मुद्रास्फीति की दर 8.38% हो गई है। महंगाई की ये दर पिछले 8 साल के उच्च स्तर पर बना हुआ है।

इतनी सैलरी में होगी बढ़ोतरी

केंद्र सरकार के कर्मचारियों को जून 2017 से 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का लाभ मिलता है. ऐसे में अगर डीए बढ़ने के बाद 39% हो जाता है, तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है। अभी किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी अगर 18,000 रुपये पहुंच गई है, तो 34 फीसदी के हिसाब से उसका महंगाई भत्ता 6,120 रुपये बन जाता है। अब अगर ये 39% होता हे तो कर्मचारी को 7,020 रुपये का महंगाई भत्ता मिलना शुरू हो जाता है।  
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Gold Price: सोने में दोबारा बढ़ना शुरू हो गई चमक, इसके रेट में इतनी हुई उछाल

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calendar04 Jun 2022 06:08 PM
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नई दिल्ली: जून के शुरुआत में ही सोने के रेट  में उछाल होना शुरू हो गया है। भारतीय सर्राफा बाजार (Sarafa Bazar) में देखा जाए तो शुक्रवार को भी सोने का रेट 51 हजार से ज्यादा ही चुका है। जून के शरुआती तीन दिनों में सोने का भाव (Gold Price) 277 रुपये चढ़ना शुरू हो गया है। 31 मई की बात करें तो सोने भाव 51 हजार 192 रुपये पर बंद हो गया था। 3 जून को गोल्ड (Gold Price) का रेट 51 हजार 469 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचकर बंद हुआ था। जून की पहली तारीख को गोल्ड के रेट में गिरावट होना शुरू हो गई थी और ये 51 हजार से गिरकर गिरकर 50 हजार 702 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच चुका है। ibjarates.com के मुताबिक देखा जाए तो, 999 प्योरिटी वाला दस ग्राम सोना 3 जून को अधिकतम कीमत 51469 रुपये में बिकना शुरू हो गया है। 995 शुद्धता का सोने का भाव 51263 रुपये हुआ है। 916 प्योरिटी वाले गोल्ड की बात करें तो इसकी अधिकतम कीमत 47146 रुपये हो चुकी है, जबकि 750 शुद्धता का सोना 38602 रुपये प्रति 10 ग्राम बिक चुका है। 585 प्योरिटी वाले गोल्ड का रेट 30109 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बना हुआ है।

ऐसे जान सकते हैं ताज़ा रेट

ये रेट बिना किसी टैक्स के दिया गया है। इनपर किसी भी तरह के टैक्स को नहीं जोड़ा जा चुका है। अगर आप ज्वेलरी खरीदने (Jewellery) जा रहे हैं तो इस रेट से अधिक पर आपको खरीदारी करने की जरूरत है जिसमें जीएसटी समेत अन्य टैक्स (Tax on Gold) जुड़ जाते हैं। 22 कैरेट और 18 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी का खुदरा रेट आप 8955664433 पर मिस्ड कॉल कर आसानी से जानकारी चेक कर सकते हैं। आपको SMS के जरिए ताजा रेट्स की जानकारी मिल जाती है। ibja की ओर से केंद्रीय सरकार द्वारा घोषित छुट्टियों के अलावा शनिवार और रविवार को रेट जारी नहीं किया गया है।

कैसे तय की जाती है कीमत

भारतीय बाजार (Indian Market) में सोने की कीमत मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) की मदद से तय होती है। ये संगठन देश के बाजार में देखा जाए तो गोल्ड की डिमांड और सप्लाई के आंकड़ों को जुटाने में काफी मदद करता है। इसके बाद ग्लोबल मार्केट (Global Market) में महंगाई की स्थिति को ध्यान में रखने के बाद देश में सोने की कीमत तय कर दिया जाता है। साथ ही MCX लंदन स्थित लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के साथ बातचीत कर के भी गोल्ड का रेट तय करना काफी आसान हो जाता है।